“मधुबाला” अपनी हर फिल्म के हीरो और विलेन को कुछ इस अंदाज़ में करती थीं प्रपोज़
सुंदरता की जीती जागती मूरत मधुबाला(Madhubala)..जिनकी अदाकारी और खूबसूरती के किस्से अनेकों हैं। कहते हैं मधुबाला की सुंदरता का कोई सानी नहीं हुआ। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की एक सदी बीतने वाली है लेकिन मधुबाला जैसा ना कोई आया और शायद ना कोई आ पाएगा। कच्चे दूध जैसा रंग, बिन काजल कोरी आंखें, गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठ और चांद से भी चमकीला चेहरा। देखा तो नहीं....लेकिन फिल्म इंडस्ट्री के सुनहरे पन्नों में मधुबाला का जो ज़िक्र सुनने को मिलता है उससे लगता है हूबहू ऐसी ही तो होंगी वो। सुंदरता का शून्य और अंत इन्ही से होगा शायद। अपने फिल्मी करियर के दौरान मधुबाला ने कई सुपरहिट फिल्में दीं। चलती का नाम गाड़ी, महल, हावड़ा ब्रिज, हाफ टिकट, काला पानी, नील कमल, बादल और भी ना जाने कितने नाम जुड़े हैं। लेकिन जिस फिल्म के लिए शायद मधुबाला बनी थी वो थी “मुगल ए आज़म”। 10 साल की मेहनत के बाद बनकर तैयार हुई थी “मुगल ए आज़म” और सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म साबित हुई थी। 15 सालों तक इस रिकॉर्ड को कोई नहीं तोड़ पाया था। लेकिन प्रोफेशनल लाइफ में मधुबाला जितनी सफल रही और उतनी ही निराशा इन्हें अपने निजी जीवन से मिली। बॉलीवुड में इनके स्वभाव व जिंदगी से जुड़े तमाम किस्से आज भी गूंजते हैं और उन्ही में से एक किस्सा ऐसा भी है जो मधुबाला(Madhubala) के व्यक्तित्व को समझने में मदद करता है। कहते हैं खूबसूरती की मल्लिका का दिल कभी भी, किसी पर भी आ जाता था। कहा तो ये भी जाता है कि वो अपनी हर फिल्म के हीरो और डायरेक्टर को प्रपोज़ कर देती थीं। सिर्फ यहीं नहीं एक बार तो उन्होने अपनी फिल्म के विलेन तक को चिट्ठी के साथ फूल थमा दिया था।
विलेन “प्रेमनाथ” को कर दिया था प्रपोज़
ये बात उस दौर की है जब मधुबाला(Madhubala) बादल फिल्म की शूटिंग कर रही थीं। इस फिल्म में प्रेमनाथ विलेन के रोल में थे। (ये वहीं प्रेमनाथ हैं जिन्होने ऋषि कपूर और टीना मुनिम स्टारर कर्ज़ में सरजूड़ा का किरदार निभाया था।) एक दिन मधुबाला सरपट दौड़ती हुई प्रेमनाथ के मेकअप रूम में जा घुसी। प्रेमनाथ कुछ समझ पाते उससे पहले ही मधुबाला ने उन्हे एक चिट्ठी और गुलाब का फूल पकड़ा दिया। जब प्रेमनाथ ने वो लैटर पढ़ा तो उसमें लिखा था, ‘अगर आप मुझसे प्यार करते हैं तो प्लीज़ ये गुलाब का फूल स्वीकार कर लें वरना ये मुझे वापस कर दें’ अब भला मधुबाला की ओर से मिली इस सौगात को कौन ठुकरा सकता था। लिहाज़ा प्रेमनाथ ने उनके प्यार को कबूल कर लिया और दोनों में अफेयर भी शुरू हो गया। लेकिन बात ज्यादा आगे नहीं बढ़ी, कुछ ही समय बाद दोनों की राहें जुदा हो गई।
दिलीप कुमार से भी इसी अंदाज़ में कही थी दिल की बात
प्रेमनाथ के बाद मधुबाला को भाए दिलीप कुमार। ये 1951 की बात है। मधुबाला(Madhubala) और दिलीप कुमार(Dilip Kumar) का आमना-सामना हुआ और दोनों ही एक दूसरे को दिल दे बैठे। लेकिन प्यार का इज़हार सबसे पहले मधुबाला की तरफ से ही हुआ। कहा जाता है कि मधुबाला ने दिलीप कुमार को भी गुलाब का फूल और एक लेटर भेजकर अपने दिल की बात कही थी। दोनों का अफेयर कई सालों तक चला। दोनों शादी भी करना चाहते थे पर इस बात की ख़बर मधुबाला के पिता को लग गई। और उन्होने इस रिश्ते का ज़बरदस्त विरोध किया। लेकिन दोनों के रिश्ते में दरार की वजह मधुबाला के पिता नहीं थे बल्कि कोई और कारण था। दरअसल, ये मसला शुरू हुआ बीआर चोपड़ा की फिल्म 'नया दौर' की आउटडोर शूटिंग की वजह से।
जब दिलीप कुमार ने दी मधुबाला के खिलाफ कोर्ट में गवाही
इस फिल्म में मधुबाला और दिलीप कुमार लीड रोल में थे। फिल्म की आउटडोर शूटिंग 40 दिनों के लिए होनी थी। लेकिन मधुबाला के पिता ने दोनों के अफेयर और मधुबाला(Madhubala) की बिगड़ी सेहत के चलते इसके लिए असहमति जता दी। जिसके चलते बीआर चोपड़ा ने वैजयंतीमाला को साइन कर लिया और मधुबाला फिल्म से बाहर हो गई। इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि कोर्ट का दरवाज़ा तक खटखटाना पड़ा। फिल्म के अभिनेता दिलीप कुमार ने फिल्म के डायरेक्टर का साथ दिया और मधुबाला के खिलाफ कोर्ट में गवाही दे दी। बस फिर क्या था...दोनों की लव स्टोर का The End वहीं हो गया। और हमेशा के लिए दोनों अलग हो गए।
किशोर कुमार से की शादी
प्यार में हर तरफ से निराशा हाथ लगने के बाद आखिरकार मधुबाला ने किशोर कुमार को अपना हमराही बनाया। दोनों ने 1960 में शादी कर ली। लेकिन मधुबाला के दिल में छेद था और वो अक्सर बीमार रहने लगी। ये बीमारी लाइलाज थी लिहाज़ा शादी के 9 साल बाद 1969 में मधुबाला ने हमेशा-हमेशा के लिए अपनी आंखे बंद कर ली। और पीछे छोड़ गई कुछ कहे अनकहे किस्से...जो गाहे-बगाहे आज भी लोगों की जुबां पर आ जाते हैं।
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