बॉलीवुड और छोटे कपड़े वाली औरतें :
देश है तो लोग हैं, लोग हैं तो बातें हैं.
हिन्दुस्तान एक ऐसा देश जहाँ तरह तरह की जाती-प्रजाति और तबके के लोग रहते हैं. इतनी सारी विविधता वाले इस देश में कुछ अच्छा है, तो कुछ बुरा भी है. रोज़ कुछ न कुछ होता ही रहता है. इस कुछ में हम बात कर रहे हैं आज देश में बढ़ती रैप की घटनाओं की.
बॉलीवुड या यूँ कहें इस देश का सिनेमा का इस देश के नागरिकों के जीवन पर एक ख़ास प्रभाव हमेशा से रहा हो. चाहे बात हो अमिताभ बच्चन जी के ' द एंग्री मैन ' किरदारों की या फिर शाहरुख़ खान ' रोमांटिक किरदारों ' की, हम कुछ न कुछ ज़रूर सीखते हैं इन किरदारों से. और कभी तो इनके जैसा कूल या भयावह भी बनना चाहते हैं. जो वो करते हैं फिल्मों में हम भी करना चाहते हैं. तो अब बात करते हैं 21वीं सदी की बॉलीवुड फिल्मों की. आजकल हर फिल्म एक आइटम सांग तो होता ही है. मानो यह एक फार्मूला है फिल्म को हिट कराने का. फिल्म में तरह तरह की जगह दिखाई जाती हैं, कल्चर दिखाया जाता है और उस कल्चर के हिसाब से फिर कपड़े भी पहने जाते हैं.
अब बात करते हैं मुद्दे कि जिसके लिए आप यह आर्टिकल पढ़ रहे हैं . रोज़ देश में रैप या गैंग रैप की घटनाएं बढ़ रही हैं. किसी को कुछ नहीं मिलता या यूँ कहें की इस देश में राजनीति पैदा करने वाले कुछ लोग अब यह बात करते हैं कि ' हमारे देश बढ़ती रैप की घटनाओं का दोषी यह बॉलीवुड है जिसमे लडकियां इतने छोटे छोटे कपड़े पहनती हैं और उनको देख कर हमारी लडकियां भी छोटे कपड़े पहनाने लग जाती हैं. अब आप ही बताएये साहब रैप नहीं होगा तो क्या होगा ? ' इसी बात को जब हमारे एक फ़िल्मी सितारे से बात की गयी और पुछा गया कि क्या बॉलीवुड दोषी है ? तो उन्होंने कहा - ' हमने महाभारत और रामायण भी दिखाई तब तुम राम तो बने नहीं, तो फिर कैसे सीख लिया ? सब सोच का फर्क है. '
सब सोच का ही तो फर्क है. बोलने की आज़ादी है हम सबको तो बोल सकते हैं. बस ' कुछ भी ' बोलने में और ' कुछ ' बोलने थोडा सा ही अंतर है.
मैं ज्यादा नहीं लिखा सकता वरना आर्टिकल बोरिंग हो जाएगा. तो आप भी बोलिए कमेंट में और बताएये आप क्या सोचते हैं ?