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Sulochana Chavan Passes Away: महाराष्ट्र (Marathi) की लावणी (Lavani) महारानी वयोवृद्ध पार्श्वगायिका सुलोचना चव्हाण (Sulochana Chavan) का आज 10 दिसंबर 2022 को वृद्धावस्था के कारण निधन हो गया. वह 92 साल की थीं. पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी. आखिरकार उन्होंने आज दोपहर करीब 12 बजे फणसवाड़ी स्थित आवास पर अंतिम सांस (Sulochana Chavan Death) ली. उनके परिवार में छोटा बेटा, बहू, बड़े बेटे की पत्नी, पोते-पोतियां हैं.
आज शाम होगी अंतिम संस्कार
आपको बता दें कि सुलोचना चव्हाण का जन्म 13 मार्च 1933 को मुंबई में हुआ था. मरीन लाइन्स में आज शाम अंतिम संस्कार होगा. सुलोचना चव्हाण ने 'फड़ महलल तुरियाला गम आला' 'पडला पिकलाई अंबा' जैसे एक-एक गाने पर परफॉर्म किया. उसी साल उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
70 फिल्मों में प्लेबैक सॉन्ग गा चुकी सुलोचना चव्हाण (Sulochana Chavan)
सुलोचना चव्हाण का पेशेवर नाम सुलोचना कदम है. उनकी स्कूली शिक्षा चौथी कक्षा तक हुई है. उन्होंने बचपन में ही मेलों में भगवान कृष्ण की भूमिका निभानी शुरू कर दी थी. उसके बाद उन्होंने उर्दू नाटकों में मजनू की भूमिका भी निभाई. उन्होंने दस साल की उम्र से गाना शुरू कर दिया था. शादी से पहले उन्होंने करीब 70 फिल्मों में प्लेबैक गाया था. उस समय के. वह एक संरक्षक के रूप में पार्श्व गायन क्षेत्र में भी थीं. उन्होंने आचार्य अत्रे की हेची माझी लक्ष्मी के लिए पार्श्व गायन किया. मराठी में यह उनकी पहली फिल्म है. फिर साल 1952 में उन्होंने शाम चव्हाण की फिल्म कलगीतुर के लिए लावणी गाया.