बॉलीवुड के बेमिसाल ऐक्टर राज कुमार आज भी हमेशा से अपने अलग अंदाज और भारी आवाज के साथ दमदार डायलॉग्स के लिए जाने जाते हैं। आज भी लोग उनका सिग्नेचर स्टाइल कॉपी करने की कोशिश करते हैं। मशहूर फिल्म तिरंगा में उनका कहा गया शब्द'जानी' आज भी उनकी तस्वीर खुद ब खुद सामने आ जाती है। इस दुनिया में न होने के बावजूद भी उनकी आवाज की कशिश और एक्टिंग का हुनर लोगों के ज़हन में बसा है। 50 से ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले राजकुमार डायलॉग डिलिवरी में सबसे आगे थे। शब्द उनका सबसे बड़ा हथियार थे। आइए हम आपको बताते हैं कि फिल्मों में उनके वो कौन से डायलॉग्स थे, जो आज भी हमें उनकी याद दिलाते हैं और जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता...
1- चिनॉय सेठ, जिनके घर शीशे के बने होते हैं वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते।
ये डायलॉग सन् 1965 में रिलीज हुई फिल्म 'वक्त' का है। इस फिल्म में राजकुमार ने राजा (राजू) का किरदार निभाया था, जो कि एक चोर बन जाता है और चिनॉय सेठ के लिए काम करता है। इस फिल्म में राजकुमार के साथ अभिनेता सुनील दत्त , साधना, बलराज साहनी, शशि कपूर और शर्मिला टैगोर मुख्य भूमिका में थे।
2- आपके पैर बहुत खूबसूरत हैं। इन्हें ज़मीन पर मत रखिए, मैले हो जाएंगे।
ये डायलॉग सन् 1972 रिलीज हुई फिल्म 'पाकीजा' का है। इस फिल्म में राज कुमार ने नवाब सलीम (अहमद खान) का किरदार निभाया था। जो साहिबजान(मीना कुमारी) की सुंदरता और मासूमियत पर मर मिटता है। ये फिल्म एक तवायफ की कहानी है और ये फिल्म को बनने में लगभग 14 साल लग गए थे।
3- दादा तो इस दुनिया में दो ही हैं। एक ऊपर वाला और दूसरा मैं।
मेहुल कुमार द्वारा डायरेक्ट की गई ये फिल्म 'मरते दम तक' 1987 में रिलीज हुई थी।
4- हम कुत्तों से बात नहीं करते।
फिल्म 'मरते दम तक' उस समय की सुपरहिट फिल्मों में से एक थी।
5- बाजार के किसी सड़क छाप दर्जी को बुलाकर उसे अपने कफन का नाप दे दो।
फिल्म 'मरते दम तक' में राज कुमार ने सब इंसपेक्टर राणा का किरदार निभाया था।
6- हम तुम्हें ऐसी मौत मारेंगे कि तुम्हारी आने वाली नस्लों की नींद भी उस मौत को सोचकर उड़ जाएगी।
फिल्म 'मरते दम तक' में राज कुमार के साथ अभिनेता गोविंदा और फराह नाज़ ने मुख्य भूमिका निभाई थी।
7- ये तो शेर की गुफा है, यहां पर अगर तुमने करवट भी ली तो समझो मौत को बुलावा है।
फिल्म 'मरते दम तक'
8- इस दुनिया के तुम पहले और आखिरी बदनसीब कमीने होगे, जिसकी न तो अर्थी उठेगी ओर न किसी के कंधे का सहारा, सीधे चिता जलेगी।
फिल्म 'मरते दम तक'
9- हम तुम्हें मारेंगे और जरूर मारेंगे। लेकिन वह वक्त भी हमारा होगा। बंदूक भी हमारी होगी और गोली भी हमारी होगी।
सन् 1991 में आई फिल्म 'सौदागर' का ये डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर आ जाता है। इस फिल्म में राज कुमार के साथ अभिनेता दिलीप कुमार भी मुख्य भूमिका में थे। साल 1959 के बाद आई ये दूसरी फिल्म थी, जिसमें ये दो बड़े स्टार्स एक साथ मुख्य भूमिका में नजर आए थे।
10- काश कि तुमने हमे आवाज दी होती तो हम मौत की नींद से भी उठकर चले आते।
फिल्म 'सौदागर' में राज कुमार ने राजेश्वर और दिलीप कुमार ने दादा साहेब का किरदार निभाया था। फिल्म में इनके अलावा मनीषा कोइराला, विवेक मुशरान, अमरीश पुरी और अनुपम खेर भी मुख्य भूमिका में थे। फिल्म को सुभाष घई ने डायरेक्ट किया था।
11- हमारी जुबान भी हमारी गोली की तरह है। दुश्मन से सीधी बात करती है।
1993 में आई फिल्म 'तिरंगा' में राज कुमार के कई ऐसे डायलॉग्स हैं जो लोग आज भी भूले नहीं हैं। इतना ही नहीं, लोगों ने राज कुमार के डायलॉग्स की वजह से इस फिल्म को न जाने कितनी बार देखा होगा। फिल्म में राजकुमार के साथ नाना पाटेकर ने मुख्य भूमिका निभाई थी।
12- हम आंखो से सुरमा नहीं चुराते। हम आंखें ही चुरा लेते हैं।
इनके अलावा फिल्म 'तिरंगा' में आलोक नाथ, ममता कुलकर्णी और राकेश बेदी भी मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म में राज कुमार ने ब्रिगेडियर सूर्यदेव सिंह का किरदार निभाया था। फिल्म को मेहुल कुमार ने डायरेक्ट किया था।
13- हम तुम्हें वह मौत देंगे जो न तो किसी कानून की किताब में लिखी होगी और न ही किसी मुजरिम ने सोची होगी।
फिल्म 'तिरंगा' उस समय की ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई थी। फिल्म में राज कुमार के डायलॉग इतने दमदार और जबरदस्त थे कि आज के बच्चों को भी फिल्म के डायलॉग बखूबी याद हैं। ये फिल्म आज भी जितनी बार देखी जाए, हर बार फिल्म को देखकर अलग ही खुशी और नए पन का अनुभव होता है।
14- जिंदगी एक नाटक ही तो है, लेकिन जिंदगी और नाटक में फर्क है, नाटक को जहां चाहो, जब चाहो बदल दो, लेकिन जिदंगी के नाटक की डोर तो ऊपर वाले के हाथ होती है।
1994 में रिलीज हुई फिल्म 'बेताज बादशाह' में राज कुमार ने राजा पृथ्वीराज का किरदार निभाया था।
15- जब हम मुस्कुराते हैं तो दुश्मनों के दिल दहल जाते हैं।
फिल्म 'बेताज बादशाह' में राज कुमार के अलावा शत्रुघ्न सिन्हा, ममता कुलकर्णी और प्रेम चोपड़ा ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस फिल्म के डायलॉग्स के लिए कैसेट्स भी रिलीज हुई थीं।