Bombay HC On Bhushan Kumar: टी-सीरीज (T-Series) के मालिक भूषण कुमार (Bhushan Kumar) रेप मामले को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay HC) ने बीते दिन यानी बुधवार, 26 अप्रैल 2023 को भूषण कुमार के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया. इस बीच कोर्ट ने कहा कि 'मामले को केवल इसलिए खारिज नहीं किया जा सकता कि इसमें पीड़िता की सहमति हैं'.
भूषण कुमार के खिलाफ दर्ज FIR बॉम्बे हाईकोर्ट ने की रद्द
आपको बता दें जुलाई साल 2021 में भूषण कुमार ने रेप के मामले में कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसके मुताबिक जिस महिला ने टी-सीरीज के मालिक के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया था, उसने अपना केस वापस ले लिया है और इसे रद्द करने पर भी राजी हो गई है. जिसके बाद अब कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सिर्फ इसलिए कि शिकायतकर्ता ने अपनी सहमति दे दी है, एफआईआर को रद्द नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा, "सिर्फ इसलिए कि पार्टियां सहमति दे रही हैं इसका मतलब यह नहीं है कि आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) के तहत एक FIR को रद्द कर दिया जाना चाहिए. हमें FIR की सामग्री को देखना होगा. दिए गए बयान को भी देखना होगा अपराध जघन्य था या नहीं". अदालत ने आगे कहा, सामग्री के अनुसार, यह मामला सहमति से नहीं लगता है. भूषण कुमार के वकील ने कोर्ट को बताया कि मामला कथित तौर पर 2017 का बताया जा रहा है. जुलाई 2021 में इसे लेकर FIR दर्ज की गई थी.
साल 2017 में लगा था भूषण कुमार पर रेप का आरोप
वहीं, मामले में कुमार की ओर से पेश अधिवक्ता निरंजन मुंदरगी ने 2017 में अदालत में तर्क दिया कि 2017 में कथित बलात्कार की घटना के लिए जुलाई 2021 में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अप्रैल 2022 में, मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मामले में पुलिस की बी-सारांश रिपोर्ट को खारिज कर दिया . पुलिस द्वारा एक बी-समरी रिपोर्ट तब प्रस्तुत की जाती है जब वह मामले को दुर्भावनापूर्ण रूप से झूठे के रूप में वर्गीकृत करती है या जब जांच के बाद अभियुक्त के खिलाफ कोई सबूत या प्रथम दृष्टया मामला नहीं होता है.