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इनदिनों कम बजट में पारिवारिक- भावनात्मक फिल्मों को बनाए जाने का जैसे अकाल पड़ गया है.निर्माता बी बी के सिन्हा की ऐसी ही एक फिल्म 'अनोखी...the journey of a woman' थियेटरों पर पहुची है. यह फिल्म राहुल रॉय ('आशिकी' फेम) की वापसी फिल्म कही जा रही है पर सच पूछो तो यह पारिवारिक फिल्मों के कथानक की वापसी की याद दिलाने वाली फिल्म है.इस फिल्म की कहानी में दूसरी मां का दर्द छिपा है. फिल्म के निर्देशक हैं संजय कुमार सिन्हा.
अनोखी अपने पति की दूसरी पत्नी बनकर आती है, पर उसका पति अपनी पहली पत्नी की याद में खोया रहता है.वह उसे वो प्यार नही देता जिसकी वह हकदार है.यहां तक कि उसे मां बनने से भी वंचित कर देता है. उसका सौतेला बेटा भी उसे मां मानने के लिए तैयार नही और अपने पिता को भी खड़ी खोटी सुनाता रहता है. इस विषम परिस्थिति में एक पराए घर से आई लड़की कैसे जीवन को संतुलित करने का प्रयास करती है, यही थीम है 'अनोखी' की. टाटा मोटर्स के रिटायर्ड अधिकारी बी बी के सिन्हा ने अवकाश के बाद अच्छा सिनेमा बनाने की पहल शुरू किया है और यह उनकी पहली कोशिश है. 'अनोखी' का कॉन्सेप्ट व कथा उनका है. सह निर्मात्री हैं रेनु सिन्हा.
फिल्म के मुख्य कलाकार हैं- राहुल राय, कल्पना शाह, कशिश दुग्गल, जरीन वहाब, राजू खेर और पुष्पा वर्मा. निर्देशक संजय कुमार सिन्हा ने राहुल राय को बड़ी सहजता से पेश किया है. चरित्र अभिनेत्री पुष्पा वर्मा का काम भी सराहनीय है.वह भी लंबे समय बाद बेहद ताजगी भरी दिखाई पड़ी.पटकथा संवाद जितेंद्र सुमन ने लिखा है. अमन श्लोक का संगीत कहानी को बल देता है और कर्णप्रिय है. नृत्य निर्देशक हैं पप्पू खन्ना.