बॉक्स ऑफिस: "सिर्फ एक बंदा काफी है"

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By Sharad Rai
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बॉक्स ऑफिस: "सिर्फ एक बंदा काफी है"

ओटीटी चैनल zee5 पर इस हफ्ते (23 मई 2023 को) स्ट्रीम हुई फिल्म "सिर्फ एक बंदा काफी है" के प्रोमों ने पहले ही एक चर्चित बाबा के भक्तों द्वारा आलोचना सुना है.अब वह पूरी फिल्म दर्शकों  के सामने है. इस फिल्म में मौजूदा समय मे जेल में सजा काट रहे एक माशहूर बाबा जी की 'बलात्कार' कहानी है. फिल्म में बाबा के नाम का कहीं भी उल्लेख नही किया गया है, वावजूद इसके बाबा के लुक आ लाइक कलाकार और घटना क्रम का व्योरा देखकर दर्शक आसानी से समझ जाते हैं कि किस बाबा की यह कहानी चल रही है.

फिल्म शुरू होती है बाबाजी के एक सत्संग से जिसमे वह भक्तों से कहते हैं कि वह जेल जाना हो तो वहां भी जाएंगे, वो भी देख लेंगे.  ...साल 2013 में, दिल्ली के कमलानगर पोलिस थाने में एक लड़की (अदरिजा सिन्हा) अपने माता-पिता के साथ बलात्कार का रपट लिखाती है कि भगवान तुल्य उसके गुरु 'बाबा' ने उसके साथ बलात्कार किया है. लड़की नाबालिग है और बाबाजी के चलाए जाने वाले स्कूल में पढ़ती थी. बाबाजी को पलिस सत्संग के बीच से गिरफ्तार करती है. पोलिस के शख्त बंदोबस्त के बीच बाबाजी के भक्त हंगामा करते हैं, बाबाजी की जय के नारे लगाते हैं. केस अदालत में शुरू होता है.लड़की के तरफ का वकील बदमाशी करता है फिर लड़की का वकील बनता है एक दुबला पतला कमजोर सा दिखने वाला वकील पीसी सोलंकी (मनोज बाजपेयी). यह अदना सा वकील बाबा के बचाव में खड़े बड़े बड़े वकील, यहां तक कि एक पूर्व मंत्री तक बाबा के बचाव में अदालत में आते हैं, से टकराता है और बाबा को 'बेल' नही पाने देता.इस दौरान चार गवाहों का मर्डर हो जाता है ,पीसी सोलंकी की जान का खतरा रहता है... पूरी कहानी अदालत में चलती है. अंत मे बाबा को सजा होती है.

अपूर्व सिंह कार्की के निर्देशन में बनी 'सिर्फ एक बंदा...' की गति कहीं थमती नहीं. लेखन खासकर संवाद इतना सधा है कि दर्शक बंधे रहते हैं. फिल्म के कलाकार मनोज  बाजपेयी (सोलंकी) अदरिजा सिन्हा ( नू ) ,  सूर्य मोहन कुल श्रेष्ठ (बाबा), जयहिंद कुमार और दुर्गा शर्मा (नू के बाप- मां), निखिल पांडे, प्रियंका सेतिया आदि सभी ने डटकर अभिव्यक्ति दिया है. खासकर मनोज बाजपेयी की भूमिका तो यादगार ही बन गयी है. निर्देशक कार्की  इससे पहले 'फैमिली', 'रेस्पिरेन्ट्स' का निर्देशन किए हैं.यह फिल्म उनको अलग पहचान देगी. फोटोग्राफी (कोर्टरूम फिल्मांकन ), बिना लाउड साउंड, बिना मतलब का एक्शन और बिना वजह VFX से बचते हुए एक अच्छी फिल्म zee5 पर दर्शकों के लिए आयी है.

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