Advertisment

यकीन नहीं होता की वो जो आदमी तस्वीर में हैं, वो मैं हूँ

author-image
By Mayapuri Desk
New Update
यकीन नहीं होता की वो जो आदमी तस्वीर में हैं, वो मैं हूँ

क्या मैं अभी तक 'Ali'(ve)' <ज़िंदा> हूँ? - (अली पीटर जॉन

क्या मैं हैरान हूँ?

नहीं, मैं खुश हूँ

क्या मैं सरप्राइज्ड हूं?

नहीं, मैं स्वीटली शॉक्ड हूं

चित्र में वह आदमी मेरे जैसा कैसे हो सकता है?

वह आदमी कैसे उन सभी तूफानों के बावजूद मुस्कुरा सकता है जो उसने जीवन भर झेले हैं?

वह अपने इतने अशांत जीवन में इतनी मौतें मरने के बाद कैसे जिंदा रह सकता है?

एक ऐसी दुनिया के साथ विश्वास घात और चकनाचूर हो जाने के बाद वह कैसे मुस्कुरा सकता है जिसने कभी उसे समझने की परवाह नहीं की?

वह आदमी कैसे मुस्कुरा सकता है जो कई बार खो गया हो, लापता हो गया हो और मर चुका हो?

वह आदमी कैसे मुस्कुरा सकता है जिसके खुद के लोगो ने उस पर हमला किया था जिनपर उसे विश्वास था?

यकीन नहीं होता की वो जो आदमी तस्वीर में हैं, वो मैं हूँवह आदमी कैसे मुस्कुरा सकता है जिसका लोगों ने उसका इस्तेमाल किया हो, उसके साथ दुव्र्यवहार किया हो और यहां तक कि अपने स्वार्थ के लिए उसका दुरुपयोग भी किया है?

और कैसे वह अभी भी मुस्कुरा सकता है जब आज दुनिया ने मुस्कुराने के सभी कारणों को उससे छीन लिए है?

उससे ये सब सवाल पूछें और वह एक और रहस्यमयी मुस्कान बिखेरता है जिसके इतने अर्थ हैं कि जिसे वह समझ सकता है, जानता और समझा सकता है जब उसे इसकी आवश्यकता महसूस होती है।

Advertisment
Latest Stories