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कैंसर की रोकथाम के किए और इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए मुंबई यूनिवर्सिटी कालीना में 12 मार्च 2023 को कैंथन Canthon - cancer awareness Marathon का आयोजन किया गया. इसका आयोजन समाजसेवी और नन्ही गूंज विकास फाउंडेशन के ट्रस्टी श्री नीलोत्पल मृणाल द्वारा किया गया था जहां पूर्व एनसीबी हेड और आईआरएस समीर वानखेड़े, ऑल इंडिया एन्टी टेररिस्ट फ्रंट के चेयरमैन एम एस बिट्टा गेस्ट के रूप मे उपस्थित थे.एनएसजी और इंडियन आर्मी के अधिकारी भी यहां उपस्थित रहे.इस अनोखे मैराथन में सभी मेहमानों और प्रतिभागियों ने आतंकवाद और ड्रग्स के विरुद्ध शपथ ली.
इस मैराथन में २६/११ हमले को नाकाम करने वाले एनएसजी कमांडोज, भारतीय सेना, पुलिस, दिव्यांग और आम आदमी शामिल हुए.खास बात यह है कि इस मैराथन में दिव्यांगों ने भी व्हीलचेयर पर बैठकर दौड़ लगाई जो लोगों को हौसला देने के लिए काफी था. श्री नीलोत्पल मृणाल ने कहा कि कैंसर से पीड़ित व्यक्ति पूरे जीवन में अपने और अपने परिवार के लिए चिंतित रहता हैं.इस बीमारी की रोकथाम के किए ज़रूरी है कि हम जागरूक रहें और इस सिलसिले में अवेरनेस फैलाने के लिए कैंथन मैराथन एक ऐसा ही आयोजन है जो समाज और लोगों में जागरूकता लाएगा.इस मैराथन में बड़ी संख्या में सेना के जवान, एनएसजी के कमांडोज, स्टूडेंट्स और दिव्यांगजन शामिल हुए
बता दें कि श्री नीलोत्पल मृणाल का समाज के लोगों के लिए हमेशा से ये प्रयास रहा है कि एक स्वस्थ समाज की स्थापना हो, इसके लिए वह ऐसे अनेक काम पूरे भारत में करते रहते हैं. इससे पहले नीलोत्पल मृणाल ने लाखों पेड़ पौधे लगाये हैं, दिव्यांग को रोज़गार दिलवाया है, बाढ़ पीड़ितों की मदद की है.देश मे आपसी सौहार्द बना रहे इस दिशा में उन्होंने कई कार्य किए हैं. श्री एमएस बिट्टा जी ने वहाँ मौजूद लोगों को आतंकवाद के खिलाफ और आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े ने ड्रग्स के खिलाफ शपथ दिलाई. नीलोत्पल मृणाल का यह प्रयास है कि समाज के तमाम वर्ग के लोगों को एक साथ लाया जाए तो आप सब आगे आइये और मिलकर हम नीलोत्पल मृणाल की इस नेक मुहिम का समर्थन दें.
गौरतलब है कि नीलोत्पल मृणाल ख़ुद एक दिव्यांग हैं जो दौड़ नहीं सकते मगर दूसरे को दौड़ता देख कर उन्हें लगता है कि वह ख़ुद दौड़ रहे हैं.इसलिए वह हर साल मैराथन का आयोजन करते हैं. बता दें कि वर्ष 2014 में स्थापित नन्ही गूंज नीलोत्पल मृणाल द्वारा स्थापित एक फाउंडेशन है.यह फाउंडेशन उन वंचित बच्चों, अनाथों और दिव्यांग व्यक्तियों की अनसुनी और छोटी आवाजों के लिए बनाया गया है जो सपोर्ट, मदद मांग रहे हैं.आजकल के व्यस्त लाइफस्टाइल और व्यस्त दिनचर्या के कारण ये आवाजें अनसुनी हो जाती हैं, नन्ही गूंज इन सभी आवाजों को सुनने और उनके बचाव में उनकी मदद करने के लिए आगे आने का हौसला रखती है.
RAKESH DAVE