सहयोग दिल्ली के अध्यक्ष मनोज जैन ने दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली का बिल माफ और 200 से 400 यूनिट तक हाफ होने पर दिल्ली की जनता को बधाई दी है। साथ ही इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराज्यपाल अनिल बैजल का आभार भी जताया है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि सहयोग दिल्ली की ओर गत सितंबर माह में बिजली का बिल कम करने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी गई थी। फिक्स चार्ज के करीब सात हजार करोड़ रुपये की ठगी के खिलाफ संस्था के लोग सड़क पर भी उतरे थे और प्रधानमंत्री एवं उपराज्यपाल को पत्र भी भेजे गए। यह उस मुहिम का ही परिणाम और उन पत्रों पर की गई कार्रवाई का असर है कि दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) को बिजली की दरों में कमी की घोषणा करनी पड़ी है।
हालांकि जैन के मुताबिक अभी भी बिजली के बिल में स्लैब आधारित दरों को तो कम किया जा रहा है, लेकिन अलग-अलग मदों में विद्युत शुल्क वसूल कर जनता पर अघोषित बोझ डाला जा रहा है। मसलन, पावर परचेज एडजस्टमेंट चार्ज, 8 फीसद सरचार्ज, 3.80 फीसद पेंशन सरचार्ज, 5 फीसद विद्युत सरचार्ज इत्यादि। मनोज जैन कहते हैं, इन वजहों से बिजली की दरों में कमी के बावजूद उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। इसी वजह से बिजली की दरों में कमी करने का दिल्ली सरकार का नाटक भी जनता के साथ एक भददा मजाक बनकर रह गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मुददे पर गंभीरता पूर्वक विचार करने एवं बिजली के बिलों में इस अघोषित मार से शीघ्रातिशीघ्र मुक्ति दिलाने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी भी अगर बिजली के बिल से 8 फीसद पावर परचेज एडजस्टमेंट चार्ज, 3.80 फीसद पेंशन सरचार्ज और 5 फीसद विद्युत सरचार्ज की अघोषित वृद्धि पर भी कैंची चला दी जाए तो दिल्ली वासियों को और बड़ी राहत दी जा सकेगी।