‘ठाकरे’ पर विवाद शुरु, ट्रेलर देख भड़का ये फिल्मस्टार, कहा- भाषा नफरत फैलाने वाली

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By Sangya Singh
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‘ठाकरे’ पर विवाद शुरु, ट्रेलर देख भड़का ये फिल्मस्टार, कहा- भाषा नफरत फैलाने वाली

बाला साहेब ठाकरे के जीवन पर बनी फिल्म 'ठाकरे' का ट्रेलर रिलीज हो चुका है, इसके साथ ही फिल्म के डायलॉग्स को लेकर विवाद भी शुरु हो गया है। आपको बता दें, कि फिल्म का ट्रेलर अपने टीजर की ही तरह शानदार है। लेकिन फिल्म के ट्रेलर के रिलीज होते ही ये विवादों में भी घिर गया है। ये विवाद फिल्म के कुछ डायलॉग्स को लेकर शुरू हुआ है।

'ठाकरे' के ट्रेलर में उस दौर में गर्माए विवादित मुद्दों को भी शामिल किया गया है। जिनमें राम मंदिर का मुद्दा भी शामिल है। साथ ही फिल्म में विवादित ढांचा विध्वंस और 1992 दंगों का भी जिक्र किया गया है। लेकिन इसमें मुंबई में रहने वाले साउथ इंडियंन्स को लेकर हुए विरोध को भी शामिल किया गया है जिसमें कुछ विवादित डायलॉग्स को लेकर अब विवाद शुरू हो गया है।

बता दें, कि फिल्म के मराठी ट्रेलर में 'लुंगी हटाओ पुंगी बजाओ' डायलॉग सुनाई दे रहा है। इसे लेकर साउथ के एक्टर सिद्धार्थ ने विरोध जताते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'ठाकरे' फिल्म में नवाजुद्दीन ने 'लुंगी हटाओ पुंगी बजाओ' डायलॉग दोहराया... दक्षिण भारतीयों के खिलाफ नफरत फैलाने वाली भाषा... जिस शख्स ने ये बात कही उसे महान बताया जा रहा है.. क्या आप प्रोपगैंडा फैलाकर पैसे कमाना चाहते हैं.. नफरत बेचना बंद करिए..

आपको बता दें, कि ये विवादित डायलॉग फिल्म के हिंदी ट्रेलर में नहीं मराठी ट्रेलर में सुने जा सकते हैं। दक्षिण भारतीयों के खिलाफ 1960 और 70 के दशक में बाल ठाकरे ने 'लुंगी हटाओ पुंगी बजाओ' अभियान चलाया था। ठाकरे मुंबई में दक्षिण भारतीय लोगों की मौजूदगी के सख्त खिलाफ थे। मुंबई में दक्षिण भारत से आकर नौकरी करने वालों के नाम बाल ठाकरे अपनी मैगजीन में छाप दिया करते थे।

ठाकरे की पार्टी के शिव सैनिक तमिल फिल्मों की स्क्रीनिंग का विरोध करते और रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ कर देते थे। इस अभियान का असर हुआ कि बाल ठाकरे मराठियों के बड़े नेता बनकर उभरे। यही नहीं महाराष्ट्र-कर्नाटक बॉर्डर के जिले बेलगाम की जमीन को लेकर भी बाल ठाकरे ने जो लंबी लड़ाई लड़ी उसका जिक्र भी फिल्म में है।

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