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Dadasaheb Phalke Award - सदाबहार ‘हिट-गर्लं’ Asha Parekh के लिए 80वां जन्मदिन का उपहार! -चैतन्य पडुकोण

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By Mayapuri
Dadasaheb Phalke Award -- 80th B’Day Gift for evergreen ‘hit-girl’ Asha Parekh!
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केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज घोषण्ंाा की कि बहुमुखी अनुभवी प्रमुख-अभिनेत्री पद्म श्री आशा पारेख को जल्द ही प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार 2020, से सम्मानित किया जाएगा, जो भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में सर्वोच्च औपचारिक मान्यता है. - वर्षीय अभिनेत्री, जो इस रविवार 2 अक्टूबर को अपना 79 वां जन्मदिन मनाएगी, माना जाता है कि वह बोस्टन यूएसए, में हैं, जहां उन्हें बोस्टन के भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईआईएफएफबी-2022) में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. जाहिर है, विपुल करिश्माई अभिनेत्री-शास्त्रीय नृत्यांगना आशा-जी दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित होने से भावनात्मक रूप से प्रसन्न हैं.

दिल देके देखो, कटी पतंग, तीसरी मंजिल और कारवां जैसी ऐतिहासिक हिंदी फिल्मों के लिए जानी जाने वाली आशा को हिंदी सिनेमा में अब तक की सबसे प्रभावशाली प्रशंसित अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है. अपने एक साक्षात्कार में उसने याद किया था, 22 साल की उम्र में, मैं एक मेडिकल-डॉक्टर बनने की ख्वाहिश रखती थी, भले ही मैं खून की दृष्टि को संभाल नहीं सकती थी, साहसी आशा ने शम्मी कपूर के साथ दिल देके देखो (1959) के साथ एक वयस्क के रूप में अभिनय की शुरुआत की. इससे पहले, आशा ने बेबी आशा पारेख नाम से एक बाल कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू किया था और ‘माँ’ (1952) और ‘बाप बेटी’ (1954) में अभिनय किया था. आशा ने अपने पूरे करियर में जब प्यार किसी से होता है (1961), तीसरी मंजिल, दो बदन (1966), कटी पतंग (1970), कारवां (1971), मैं तुलसी तेरे आंगन की (1978) जैसी कई संगीत-हिट फिल्मों में अभिनय किया. ) दूसरों के बीच में.

 वह 1994 से 2000 तक सिने आर्टिस्ट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष चुनी गईं. सिनेमा की समझ रखने वाली आशा पारेख कथित तौर पर भारत के केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) की पहली महिला अध्यक्ष थीं. वह 1998 से 2001 तक इस पद पर रहीं जिसके लिए उन्हें कथित तौर पर कोई वेतन नहीं मिला. बाद में, वह सिने एंड टेलीविजन आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (ब्प्छज्..) की कोषाध्यक्ष बनीं और बाद में इसके पदाधिकारियों में से एक के रूप में भी चुनी गईं.

नियमित अभिनय छोड़ने के बाद, आशा टीवी धारावाहिक ज्योति के साथ एक टेलीविजन निर्देशक बन गईं. अपनी प्रोडक्शन कंपनी आकृति के तहत, उद्यमी आशा ने पलाश के फूल, बाजे पायल, कोरा कागज और दाल में काला जैसे टीवी शो का निर्माण किया. 2008 में, वह 9ग् पर रियलिटी शो त्योहार धमाका में जज थीं. 2017 में, उनकी स्पष्ट आत्मकथा पुस्तक (प्रसिद्ध फिल्म-पत्रकार-फिल्म-निर्माता-आलोचक-लेखक खालिद मोहम्मद द्वारा सह-लिखित) ‘द हिट गर्ल; शीर्षक से जारी की गई थी. सलमान खान, वहीदा रहमान के साथ एक स्टार-स्टडेड औपचारिक कार्यक्रम. अरुणा ईरानी और धर्मेंद्र विशिष्ट अतिथियों में शामिल हैं.  

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