पुण्यतिथि विशेष: जब रात के 2 बजे तक कुर्सी पर बैठे रोते रहते थे राजेश खन्ना By Pankaj Namdev 17 Jul 2018 | एडिट 17 Jul 2018 22:00 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर राजेश खन्ना की आज पुण्यतिथि है. सिनेमा के माध्यम से एक वक़्त युवा पीढ़ी को मोहब्बत का सलीका सिखाने वाले. आज ही के दिन हमे छोड़ कर चले गए थे. परदे पर दिख रहे नायकों को हम उनकी वास्तविक ज़िन्दगी में अलग करके नहीं देखते, पर काका तो बिलकुल वैसे थे जैसे वो परदे पर थे. ज़िन्दगी को शान से जीने वाले. राजेश खन्ना आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी लेगेसी आज भी ज़िंदा हैं। लोग आज भी उनके फैंस हैं। उनकी पुण्यतिथि पर आईये जानते है उनकी ज़िन्दगी से जुड़े ऐसे कईं राज़ जो शायद ही कईं लोग जानते होंगे. उनके एक नजदीकी रिश्तेदार ने उन्हें गोद लिया था ये तो सब जानते है की फिल्म इंडस्ट्री में राजेश को प्यार से काका कहा जाता था। जब वे सुपरस्टार थे तब एक कहावत बड़ी मशहूर थी- ऊपर आका और नीचे काका। 29 दिसम्बर 1942 को जन्मे राजेश खन्ना स्कूल और कॉलेज जमाने से ही एक्टिंग की ओर आकर्षित हुए। उन्हें उनके एक नजदीकी रिश्तेदार ने गोद लिया था और बहुत ही लाड़-प्यार से उन्हें पाला गया। राजेश ने फिल्म में काम पाने के लिए निर्माताओं के दफ्तर के चक्कर लगाए। स्ट्रगलर होने के बावजूद वे इतनी महंगी कार में निर्माताओं के यहां जाते थे कि उस दौर के हीरो के पास भी वैसी कार नहीं थी। प्रतियोगिता जीतते ही राजेश का संघर्ष खत्म हुआ। सबसे पहले उन्हें ‘राज’ फिल्म के लिए जीपी सिप्पी ने साइन किया, जिसमें बबीता जैसी बड़ी स्टार थीं। राजेश की पहली प्रदर्शित फिल्म का नाम ‘आखिरी खत’ है, जो 1966 में रिलीज हुई थी। 1969 में रिलीज हुई आराधना और दो रास्ते की सफलता के बाद राजेश खन्ना सीधे शिखर पर जा बैठे। उन्हें सुपरस्टार घोषित कर दिया गया और लोगों के बीच उन्हें अपार लोकप्रियता हासिल हुई। सुपरस्टार के सिंहासन पर राजेश खन्ना भले ही कम समय के लिए विराजमान रहे, लेकिन यह माना जाता है कि वैसी लोकप्रियता किसी को हासिल नहीं हुई जो राजेश को हासिल हुई थी। कईं लड़कियों ने अपने हाथ या जांघ पर राजेश का नाम गुदवा लिया लड़कियों के बीच राजेश खन्ना बेहद लोकप्रिय हुए। लड़कियों ने उन्हें खून से खत लिखे। उनकी फोटो से शादी कर ली। कुछ ने अपने हाथ या जांघ पर राजेश का नाम गुदवा लिया। कई लड़कियां उनका फोटो तकिये के नीचे रखकर सोती थी। स्टुडियो या किसी निर्माता के दफ्तर के बाहर राजेश खन्ना की सफेद रंग की कार रुकती थी तो लड़कियां उस कार को ही चूम लेती थी। लिपिस्टिक के निशान से सफेद रंग की कार गुलाबी हो जाया करती थी। मुंहमांगे दाम चुकाकर भी लेना चाहते थे अपनी फिल्मों में निर्माता-निर्देशक राजेश खन्ना के घर के बाहर लाइन लगाए खड़े रहते थे। वे मुंहमांगे दाम चुकाकर उन्हें साइन करना चाहते थे। पाइल्स के ऑपरेशन के लिए एक बार राजेश खन्ना को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। अस्पताल में उनके इर्दगिर्द के कमरे निर्माताओं ने बुक करा लिए ताकि मौका मिलते ही वे राजेश को अपनी फिल्मों की कहानी सुना सके। राजेश खन्ना को रोमांटिक हीरो के रूप में बेहद पसंद किया गया। उनकी आंख झपकाने और गर्दन टेढ़ी करने की अदा के लोग दीवाने हो गए। राजेश खन्ना द्वारा पहने गए गुरु कुर्त्ते खूब प्रसिद्ध हुए और कई लोगों ने उनके जैसे कुर्त्ते पहने। अंजू ने दिया बुरे वक़्त में साथ इतनी शोहरत पाने के बाद काका अपने स्टारडम को समभाल नहीं पाए और उन्होंने राजनीति में हाथ आजमाने की सोची लेकिन वो कहते है न की जब वक़्त साथ न दें तो कुछ हासिल नहीं होता ऐसा ही राजेश खन्ना के साथ भी हुआ वो राजनीती में फ़ैल हो गए जिसके बाद उनका नाता शराब से जुड़ गया और इन नाकामयाबी के पलों में उनका साथ जुड़ा अंजू महेन्द्रू से. एक्ट्रेस अंजू महेन्द्रू के साथ उनके अफेयर के खूब चर्चे थे. अंजू के साथ वो अपने दुखों को हमेशा बाटां करते थे दरअसल उनके करीबी दोस्त चंचल ने एक किस्सा साझा किया जिसमे उन्होंने बताया: दिल्ली में एक बार मैं, अंजू महेंद्रू (राजेश खन्ना की गर्लफ्रेंड) और राजेश खन्ना बैठे हुए थे। रात के 2 बजे बाहर 'आनंद' फिल्म का गाना 'जिंदगी कैसी है पहेली' बज रहा था। मैं चुपचाप उस गाने को सुनता हुआ छत पर चला गया। गाना खत्म होने के बाद वापस लौटा तो देखा अंजू महेंद्रू अपने कमरे में चली गई हैं और राजेश खन्ना अकेले कुर्सी पर बैठकर रोये जा रहे थे। उस वक्त मैंने पूछा- 'क्या हुआ?' तो राजेश खन्ना ने कहा- 'जो आपको हुआ था और आप बाहर चले गए थे। अमिताभ बच्चन से जलते थे राजेश खन्ना राजेश खन्ना अमिताभ बच्चन से इसलिए जलते थे, क्योंकि बॉलीवुड में नए-नए आए अमिताभ बहुत तेजी से सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए स्टारडम का रुतबा हासिल कर रहे थे। हालांकि, शुरुआत में अमिताभ से राजेश खन्ना की यह जलन अंदरूनी थी, लेकिन बाद में यह जगजाहिर हो गई और एक समय ऐसा आया जब यह बहुत ही बुरे मोड़ तक पहुंच गई। ऐसा माना जाता है राजेश ने उस समय कई महत्वपूर्ण फिल्में ठुकरा दी, जो बाद में अमिताभ को मिली। यही फिल्में अमिताभ के सुपरस्टार बनने की सीढ़ियां साबित हुईं। यही राजेश के पतन का कारण बना। राजेश के स्वभाव की वजह से मनमोहन देसाई, शक्ति सामंत, ऋषिकेश मुखर्जी और यश चोपड़ा ने उन्हें छोड़ अमिताभ को लेकर फिल्म बनाना शुरू कर दी। लेकिन उनके दोस्त चंचल का कहना है की ऐसा बिलकुल भी नहीं था राजेश अमिताभ की बहुत इज्ज़त करते थे ऐसा उन्होंने अकेले में कईं बार बताया. अक्षय कुमार को पसंद नहीं करते थे राजेश खन्ना बहुत पहले ‘जय शिव शंकर’ फिल्म में काम मांगने के लिए राजेश खन्ना के ऑफिस में अक्षय कुमार गए थे। घंटों उन्हें बिठाए रखा और बाद में काका उनसे नहीं मिले। उस दिन कोई सोच भी नहीं सकता था कि यही अक्षय एक दिन काका के दामाद बनेंगे। मरने से पहले राजेश खन्ना का यह थे आखिरी मेसेज राजेश खन्ना ने मरने से पहले मेसेज दिया कि, 'मेरे प्यारे दोस्तों, भाइयों और बहनों, मुझे उदास और पुरानी यादों में रहने की आदत नहीं है। भविष्य में कुछ भी सुरक्षित नहीं है। जो दिन बीत गए हैं उनके बारे में सोचने से कोई फायदा नहीं। लेकिन महफिल में जब जाने- पहचाने से लोग मिलते हैं तो यादें ताजा हो ही जाती हैं।' मैंने आज जो कुछ भी कमाया है या जो कुछ भी बन पाया हूं, थिएटर की बदौलत ही हूं। लेकिन वो भी टाइम था जब मुझे एक डॉयलॉग सही से न बोल पाने के कारण बहुत डांट पड़ती थी। उस डांट के बाद मैं रोया भी था। मुझसे कहा गया था, तुम एक्टर बनना चाहते हो, एक लाइन तो तुमसे ढंग से बोली नहीं जाती। लानत है तुम पर। क्या खाक एक्टर बनोगे। उस बात से मेरा दिल रो रहा था। लेकिन मैंने वो गुस्सा संभाल कर रखा। मन ही मन सोचा कि एक दिन एक्टर बनकर दिखाऊंगा। फिर इन लोगों से बात करूंगा। जब मैंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा तो न कोई गॉडफादर था और न कोई रिश्तेदार जो काम दिलाने में मदद कर सके। एक दिन मैंने अखबार में एक कॉन्टेस्ट देखा, उसमें लिखा था प्लीज सेंड 3 फोटोग्राफ्स। मैंने फॉर्म भरकर अपनी तीन फोटोज के साथ भेज दिया। मुझे बुलाया गया। उस कॉन्टेस्ट में बड़े-बड़े प्रोड्यूसर्स थे। चोपड़ा साहब, बिमल रॉय, एसएस द्रविड़। इन सबको वहां देखकर मुझे ऐसा लगा जैसे किसी कटघरे में शामिल कर दिया हो। उन्होंने कहा, अपना खुद का एक डायलॉग बोलकर दिखाओ। डर लग रहा था। उस वक्त तो किसी भी फिल्म का कोई भी डायलॉग याद नहीं आ रहा था। तभी भगवान की दया से एक नाटक का डायलॉग याद आ गया। बस ये वही एक डायलॉग था जिसकी बदौलत मुझे काम मिला। मैं फिल्मों में तो आ गया लेकिन सफलता का श्रेय तो आपको ही जाता है। जिन्होंने मुझे स्टार से सुपरस्टार बनाया। मैं किस तरह आपका शुक्रिया अदा करूं, समझ नहीं आता। आप मुझे प्यार भेजते रहें लेकिन मैं उस प्यार को वापस नहीं कर पाया। इस बात का अफसोस है। लेकिन आज सब से ये सब शेयर करके मेरा दिल हल्का हो गया। जो भी मन में था कह दिया। इस मेसेज के बाद 18 जुलाई 2012 को ‘काका’ कहकर पुकारे जाने वाले सुपरस्टार राजेश खन्ना ने 69 साल की उम्र में दुनिया और इंडस्ट्री दोनों को अलविदा कह दिया। उनकी कमी इंडस्ट्री और फैन्स को हमेशा खलती रहेगी। #akshay kumar #Amitabh Bachchan #anju mahendru #Rajesh Khanna #dimple Kapadia #Death Annieversary #First Superstar हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार 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