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भ्रामक विज्ञापनों के सहारे लोगों को गुमराह करने वाले सेलिब्रिटीज महज जुर्माना चुका कर अपने अपराध की भरपाई कर लेंगे। गुरुवार को उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने लोकसभा में पारित कंपनी संशोधन बिल में ऐसे मामलों में सेलिब्रिटीज के पुराने बिल में तय तीन साल की सजा का प्रावधान खत्म कर दिया है।
इतना ही नहीं, पासवान ने कहा कि दुनिया के किसी देश में ऐसे मामले में जेल की सजा नहीं है। यह तर्क देकर उन्होंने संसद की उपभोक्ता मामलों की स्थाई समिति की ऐसे सेलिब्रिटीज को पांच साल तक की सजा की सिफारिश को भी ठुकरा दिया। हालांकि इस बिल में उपभोक्ता के हितों की रक्षा के लिए कई प्रावधान किए गए हैं।
गुरुवार को इस बिल पर चर्चा के दौरान पासवान ने कहा कि सेलिब्रिटीज के मामले में प्रावधानों में कुछ बदलाव किया गया है। भ्रामक विज्ञापन करने पर अब सेलिब्रिटीज को जेल भेजने के बदले उनसे जुर्माना वसूला जाएगा।
हालांकि, ऐसे मामले में संबंधित कंपनी या व्यक्ति को एक चेतावनी के बाद 10 साल तक सजा और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि सेलिब्रिटीज को जेल की सजा से बचाने का टीएमसी, बीजेडी, वाम दलों ने तीखा विरोध किया।
गौरतलब है कि कुछ वर्ष पूर्व आम्रपाली बिल्डर्स के लिए भ्रामक विज्ञापन करने के मामले में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को गंभीर आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था। बाद में धोनी ने विज्ञापन छोड़ दिया था। उस दौरान खुद पासवान ने भी ऐसे सेलिब्रिटी की सख्त जवाबदेही तय करने का समर्थन किया था।
बिल की मुख्य बातें
- राज्यसभा से पारित हो जाने के बाद बदल जाएगा उपभोक्ताअें से संबंधित 32 साल पुराना कानून
- भ्रामक विज्ञापन मामले में एक चेतावनी के बाद दस साल की सजा और 50 लाख तक का जुर्माना
- घर से ही शिकायत दर्ज करा सकेंगे उपभोक्ता
- जिला आयोग-राज्य आयोग से मुकदमा हारने के बाद कंपनी केंद्रीय उपभोक्ता आयोग में नहीं जा सकेगी
- केंद्रीय आयोग का फैसला न मानने पर छह महीने की कैद या 20 लाख जुर्माना
- 21 दिनों के अंदर लेना होगा शिकायत का संज्ञान
- राष्ट्रीय आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का होगा अधिकार
- मिलावट के कारण मामूली स्वास्थ्य नुकसान पर एक साल की कैद या तीन लाख तक जुर्माना
- गंभीर स्वास्थ्य नुकसान पर तीन साल की कैद पांच लाख तक जुर्माना
- मृत्यु की स्थिति में कम से कम सात साल की जेल और कम से कम 10 लाख का जुर्माना