दिलीप कुमार ने पिताजी के पिटाई के डर से बदला था अपना नाम

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दिलीप कुमार ने पिताजी के पिटाई के डर से बदला था अपना नाम

मोहम्मद यूसूफ खान जिन्हें हम दिलीप कुमार के नाम से जानते हैं, 98 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए। उनका जाना एक एरा का खत्म होने जैसा है। हर कोई दिलीप कुमार को श्रद्धांजली दे रहा है। वो अपने नाम दिलीप कुमार से जाने जाते हैं लेकिन उनका असली नाम मोहम्मद यूसूफ खान है।

साल 1970 में एक इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने अपना नाम बदलकर दिलीप कुमार क्यों कर लिया तो इसपर उनका जबाव था- 'हकिकत बताऊं, पिटाई के डर से मैंने ये नाम रखा।'

दरअसल जब दिलीप कुमार ने अपने करियर की शुरूआत नहीं की थी तो उनके पिताजी के एक मित्र थे देवन बाशेशवरनाथ उनके बेटे पृथ्वीराज कपूर फिल्म इंडस्ट्री में काम करते थे। इस वजह से दिलीप कुमार के पिताजी हमेशा बाशेशवरनाथ को उनके बेटे के करियर को लेकर शिकायत करते थे।

इसलिए दिलीप कुमार को पता था कि उनके पिताजी इसके लिए कभी तैयार नहीं होंगे। यही कारण था कि अपने पिता के डर से उन्होंने अपना स्टेज नाम दिलीप कुमार रखा।

बाद में जब उन्होंने अखबार में नाम 'दिलीप कुमार' पढ़ा तो अपने बेटे के करियर को अपना लिया। दिलीप कुमार ने अपने करियर की शुरूआत साल 1944 में फिल्म ज्वर भाटा से की। इसके बाद उन्होंने कई आईकोनिक फिल्में जैसे कि अंदाज, दाग, आन, देवदास, आजाद, मुगल-ए-आजम, गंगा-जमुना, राम और श्याम की।

इसके बाद उन्होंने पाँच साल का ब्रेक लेने के बाद वापसी की और फिल्म क्रांति, शक्ति, मसाल, कर्मा, सोदागर की। उनकी आखरी फिल्म किला थी जो साल 1998 में आई थी।

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