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सोने की चिड़िया Divita Rai खिसक गई 16 वें पायदान पर!

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By Sharad Rai
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सोने की चिड़िया Divita Rai खिसक गई 16 वें पायदान पर!

नही भाई अंग्रेज निर्णायकों को मिस यूनिवर्स के रूप में भारत की लड़की - जो कही जाए 'सोने की चिड़िया'

मिस यूनिवर्स 2022 का खिताब इस बार अमेरिका की आर बॉनी गैब्रियल के माथे पर सजा है. गैब्रियल को ब्रह्मांड सुंदरी का ताज भारत की हरनाज कौर संधू ने पहनाया है. हरनाज पिछली मिस यूनिवर्स 2021 रही हैं और परंपरा के अनुसार पिछली सुंदरी नई सुंदरी को दुनियाभर की सौंदर्यनसिनों के सामने सम्मान से नवाजती है. इस मौके पर हरनाज भावुक हो उठी थी. बताते हैं हरनाज ने उम्मीद किया था कि उनके सिर का ताज भारतीय सुंदरी के सिर पर ही सजेगा. मगर ऐसा हो नही पाया! मिस यूनिवर्स की प्रथम दावेदार वेनेजुएला की सुंदरी अमांडा डूडामेल और द्वितीय दावेदार डोमिनिकन रिपब्लिक की एंड्रिना मार्टिनेज़ घोषित हुई.  

भारत की सुंदरी दिविता राय जिस पर महीनों से प्रतियोगिता के दौरान सबकी नजर थी, धकेल दी गयी 16 वें स्थान पर. यानी निर्णायक जूरी मेम्बरों ने दिविता को टॉप 5 में भी सहन नही किया. बताते हैं इसकी वजह यह थी कि प्रतियोगिता के फाइनल में (न्यू ऑरियन्स यूनाइटेड स्टेट के स्टेज पर) पहुचने से पहले ही भारत की LIVA MISS DIVA UNIVARS दिविता राय "सोने की चिड़िया" नाम से पहचान बना चुकी थी. बताते हैं यह टाइटल ही दिविता को भारी पड़ गया. 'सोने की चिड़िया' भारत को कहा जाता है जो प्राचीन काल से भारत की समृद्धि का द्योतक है. नेशनल इंटिग्रिटी को समर्पित कॉस्च्यूम राउंड में दिविता राय ने सोने से जड़ा, हैंड मेड टिसुज के फैब्रिक से तैयार  गाउन पहन रखा था जो उनको सोने की चिड़िया का स्वरूप दे रहा था. दिविता फाइनल डे से पहले ही भारत की 'सोने की चिड़िया' के नाम से लोगों से तारीफें पा रही थी. भारत की बढ़ती मान प्रतिष्ठा और भव्य वैभव विदेशियो को पसंद नही आ रहा है. इसलिए अमेरिका के भारतीय मानते हैं कि अंग्रेज ज्यूरी के लोगों का नज़रिया दिविता के खिलाफ  हो गया.वे मिस यूनिवर्स कही जाने वाली लड़की को एक और नाम "सोने की चिड़िया" से पुकारी जाए, सहन नही कर सके. खैर, यह एक नज़रिया है लेकिन यह भी सोचने जैसी ही बात है कि जो लड़की फाइनल से पहले सबकी पसंद हो, वो फाइनल में 16 वें  नम्बर पर पहुच जाए?

सौंदर्य प्रतियोगिताएं पक्षपात पूर्ण होती हैं, यह एक सामान्य धारणा है. छोटे से लेकर बड़े अवार्ड्स समारोह में पार्सनल्टी न हो, ऐसा बहुत कम हो पाता है. कहा जाता है कि दुनिया के बड़े बड़े व्यापारिक देश इन प्रतियोगिताओं के आयोजन के पीछे बिजनेस विस्तार की सोच लेकर जुड़ते हैं.जब सुष्मिता सेन मिस.यूनिवर्स बनी थी, उसके साथ ही ऐशवर्या राय मिस वर्ल्ड बनी.बाद में प्रियंका चोपड़ा, डायना हेडन,  युक्ता मुखी आदि भारतीय लड़कियां एक पर एक सौंदर्य प्रतियोगिताओं की विजेता बनती गई थी. पूरे देश मे बीयूटी पीजेंट की बाढ़ सी आगयी. तमाम लड़कियां सौंदर्य प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए मचल पड़ी थी..उसवर्ष देश मे सौंदर्य परिधान व कास्मेटिक का व्यपार बहुत हुआ था. बाद में लोगों ने कहा कि बड़ी बड़ी कास्मेटिक कम्पनियों ने प्रगतिशील भारत मे व्यापार करने के लिए  इस आयोजन का रुख भारतीय लड़कियों की तरफ मुंडवाया था. काम हो जाने के बाद साल 2000 के बाद एकदम गैप चला गया और अब 21 साल बाद 2021 में हरनाज़ कौर संधू  मिस यूनिवर्स बन पाई.यानी- सब खेल राजनीतिक व्यापार का है भाई! दिविता भी इसी राजनीति की शिकार बनी हो तो आश्चर्य नही!

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