Dominique Lapierre Died: प्रसिद्ध फ्रांसीसी लेखक और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित डोमिनिक लैपिएरे (Dominique Lapierre) का वृद्धावस्था में 91 साल की उम्र में निधन (French Author and Padma Bhushan awardee Dominique Lapierre Death) हो गया है. डॉमिनिक लैपिएरे को भारत के लिए एक विशेष जुनून था और भारत पर उनकी किताबें जैसे "फ्रीडम एट मिडनाइट" और "सिटी ऑफ जॉय" की लाखों कॉपियां बिकीं.
डोमिनिक लैपिएरे (Dominique Lapierre) ने किया था ये काम
आपको बता दें कि "फ्रीडम एट मिडनाइट" (Freedom at Midnight) ब्रिटिश भारत के अंतिम वायसराय के रूप में बर्मा के लॉर्ड माउंटबेटन की नियुक्ति से शुरू होकर और महात्मा गांधी की हत्या और अंतिम संस्कार के साथ समाप्त होने वाली भारतीय स्वतंत्रता के आसपास की घटनाओं की सच्ची कहानी है.वहीं 30 जुलाई, 1931 को चेटेलिलोन में जन्मे डोमिनिक लैपिएरे ने अमेरिकी लेखक लैरी कोलिन्स के सहयोग से लिखी गई छह पुस्तकों की लगभग 50 मिलियन कॉपियां बेची हैं - सबसे प्रसिद्ध इज पेरिस बर्निंग है?
डोमिनिक लैपिएरे की 1985 की "सिटी ऑफ जॉय" (City of Joy) कोलकाता में एक रिक्शा चालक की कठिनाइयों का वर्णन करती है और 1982 में रोलैंड जोफ द्वारा निर्देशित पैट्रिक स्वेज़ अभिनीत एक चाल में परिवर्तित हो गई थी. लैपिएरे ने भारत में मानवीय परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए "सिटी ऑफ जॉय" से अपनी रॉयल्टी का बड़ा हिस्सा दान कर दिया.