दूरदर्शन की यादें... वो दौर जब सड़को पर सन्नाटा हो जाता था By Pankaj Namdev 25 Oct 2019 | एडिट 25 Oct 2019 22:00 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर 15 सितंबर 1959 को असल डिजिटाइजेशन हुआ था देश में। एक तरीके से कहें तो क्रांति आई थी,कुछ नया आया था, 'दूरदर्शन' आया था। जी हां, दूरदर्शन ऐसा नाम और ब्रैंड है जो हर भारतीय जानता है और उस पर विश्वास करता है। आज हर दो दिन पर कोई नया चैनल आता है और लोग उसे दो दिन में ही भूल जाते हैं। पर दूरदर्शन एक ऐसा चैनल है जो पिछले 60 सालों से लोगों के दिलों में जिंदा है। भले ही आज इसके दर्शक नहीं है, लोगों के भीतर इस चैनल और इसके प्रोग्राम्स को लेकर वो जुनून नहीं है पर एक वक्त था जब दूरदर्शन के दर्शन के लिए लोग कामकाज छोड़ कर बैठ जाते थे। दूरदर्शन घर के उस बुजुर्ग सदस्य की तरह है जो आधुनिक और टेक्निकल दुनिया की रेस में नहीं है और एक कोने में ही पड़े रहते हैं पर जब हम अत्याधुनिक बच्चों के जीवन में किसी मोड़ पर कठिनाइयां आती है और जब गूगल भी कुछ मदद नहीं कर पाता, तब उन्हीं बुजुर्ग सदस्य की सलाह संजीवनी बूटी साबित होती है। ये औहदा है दूरदर्शन का। तो चलिए अब बात करते हैं दूरदर्शन के सुनहरे दौर की। दूरदर्शन भारत का पहला चैनल है या यूं कहें कि यह रिश्ते में सभी चैनलों का बाप है। इसके प्रोग्राम्स के लोग इस कदर फैन थे कि आज के नेटफ्लिक्स के फैंस भी इसके सामने फीके पड़ जाएं। दूरदर्शन पर हर तरीके के प्रोग्राम्स होते थे जैसे चित्रहार,कृषि दर्शन,समाचार इत्यादि। यह जो आज हजारों शो होते हैं जहां सेलिब्रिटीज का इंटरव्यू लिया जाता है जैसे कॉफी विद करण इत्यादि इसकी शुरुआत भी दूरदर्शन से ही हुई थी। दूरदर्शन का शो 'फूल खिले हैं गुलशन गुलशन' जिसमें तबस्सुम बड़े-बड़े हस्तियों का इंटरव्यू लेती थी वो शो आज भी लोगों के दिल में बसा हुआ। ये शो एक गरिमा पूर्ण शो था। अब शायद 'आप की अदालत' ही हैं जो इस गरिमापूर्ण चैट शो की विरासत को आगे ले जा रहा है। ऐसा ही एक और चैट शो आता था 'बातों बातों में' जिसमें ज्योत्सना और विपिन हांडा सेलिब्रिटीज का इंटरव्यू लेते थे। आज बहुत से क्विज शोस जैसे केबीसी,क्या आप पांचवी पास से तेज है इत्यादि प्रसारित होते हैं पर अगर यह कहा जाए कि इसकी शुरुआत भी दूरदर्शन से हुई है तो यह गलत नहीं होगा। भारत का पहला अंग्रेजी गेम शो दूरदर्शन पर ही प्रसारित हुआ था,जिसका नाम था 'व्हाट्स द गुड वर्ड' जिसको होस्ट करती थी सबीरा मर्चेंट। इस शो के विजेता को बुक कूपंस मिला करते थे। उस वक्त पूरा भारत एक समय पर एक ही चैनल देख रहा होता था। इससे ज्यादा एकता और कहां देखने को मिलेगी। जब पंडित भीमसेन जोशी द्वारा गाया हुआ गीत 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' का वीडियो प्रसारित होता था तो उस वक्त वाकई पूरे भारत का सुर एक होता था। दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले सीरियल आज भी अगर देखें तो वो पुरानी नहीं लगेगी। चलिए उस सुनहरे दौर की कुछ सीरियल की बात करते हैं। 1. फौजी - शाहरुख खान को पूरी दुनिया जानती है। शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा जो शाहरुख खान को नहीं जानता होगा। पर क्या आपको पता है कि शाहरुख खान ने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन से की थी।जी हां, उस वक्त शाहरुख खान को 'रोमांस किंग' या 'बादशाह' के नाम से नहीं बल्कि लेफ्टिनेंट अभिमन्यु राय के नाम से जाना जाता था। एक पतला दुबला सा जवान लड़का जब फौजी सीरियल में आया था तब पूरा देश उसका दीवाना हो चुका था और उसी लड़के ने ' दीवाना' फिल्म से बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की, और आज वो 'द रोमांस किंग' शाहरुख खान के नाम से जाने जाते हैं। 2. हम लोग - 1984 में लोग 'हम लोग' देखा करते थे उस वक्त इस शो में महिला सशक्तिकरण,फैमिली प्लानिंग जैसे सामाजिक मुद्दे को दिखाया जाता था। और विद्या बालन को भी पहली बार इसी शो में देखा गया था। 3. भारत एक खोज- यह जवाहरलाल नेहरू की किताब 'द डिस्कवरी ऑफ इंडिया' के ऊपर आधारित 53 एपिसोड का ड्रामा था जिसके डायरेक्टर थे श्याम बेनेगल। और इसमें नसरुद्दीन शाह,कुलभूषण खरबंदा, ओमपुरी जैसे मनोनीत कलाकार थे। 4. कच्ची धूप - आज के जमाने में बच्चों के ऊपर आधारित कोई अच्छा शो मिल पाना मुश्किल है। पर अमोल पालेकर की 'कच्ची धूप' (1986) जिसमें एक अकेली मां और उनकी तीन बेटियों की कहानी दिखाई गई थी वो आज भी प्रासंगिक है। भाग्यश्री ने भी इसी सीरियल से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। 5. बुनियाद - शोले के डायरेक्टर रमेश सिप्पी को शोले के अलावा अगर किसी और शो को बनाने के लिए जाना जाता है तो वो है बुनियाद। बुनियाद उस वक्त ऐसा सीरियल था कि जब प्रसारित होता था तो शायद रोड पर इंसान तो क्या जानवर भी ना दिखे। सब टीवी के सामने बैठे मिलते थे। इसमें आलोक नाथ, कंवलजीत सिंह जैसे कलाकार थे। आलोक नाथ ने हवेली राम का किरदार निभाया था। 6. महाभारत - 'मैं समय हूं' इसी लाइन से इस शो की शुरुआत होती थी। बी आर चोपड़ा द्वारा निर्मित 'महाभारत' आज भी इतने सारे महाभारत पर आधारित सीरियलों के बाद भी लोगों के दिलों में सबसे ऊपर है। 7. रामायण - रामानंद सागर की रामायण लोगों को इतनी पसंद थी कि वो अरुण गोविल को आज भी भगवान राम ही समझते हैं। अरुण गोविल ने रामायण में राम का किरदार निभाया था। इस सीरियल के सभी कलाकार लोगों के दिलों में इस कदर बसे हुए थे कि वो सीरियल देखते वक्त भी हाथ जोड़कर बैठते थे। और आज भी इतने सारे रामायण पे शो बनने के बावजूद रामानंद सागर की रामायण उच्च कोटि की मानी जाती है। 8. ये जो है ज़िंदगी - इस सीरियल में इतनी अच्छी कॉमेडी थी कि आपको समझ ही नहीं आता कि आप शो के किरदार पर हंस रहे हैं या खुद पर हंस रहे हैं। मिडल क्लास फैमिली को दर्शाता यह शो लोगों को खूब हंसाता था। अभी भी आप ये शो अमेज़न प्राइम पर देख सकते हैं। ऐसे कई अनगिनत शो है जो दूरदर्शन पर आज भी प्रसारित कर दिए जाएं तो 3000 एपिसोड पूरे करने वाले आज के सीरियल्स उसी दिन बंद हो जाए। दूरदर्शन पर करमचंद का किरदार निभाने वाले पंकज कपूर कहते हैं कि ,'आज भी लोग उनके करमचंद वाले किरदार से खुद को जुड़ा हुआ महसूस करते हैं' करमचंद को भारत का शर्लाक होम्स कहा जाता था। सीआईडी, क्राइम पेट्रोल,सावधान इंडिया इन सबसे पहले था करमचंद। जब करमचंद की बात हो तो उसकी असिस्टेंट किटी जिसका किरदार सुष्मिता मुखर्जी ने निभाया था उसको कैसे कोई भूल सकता है। यह दोनों किरदार उस वक्त काफी मशहूर हुए थे। दूरदर्शन पर उस वक्त लोगों की फीडबैक पढ़कर सुनाने का भी एक प्रोग्राम था। इस शो का नाम था 'आप और हम' जिसको अपनी शानदार आवाज में को होस्ट करते थे शरद दत्त। वो एक अलग ही जमाना था जो आज की नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम और अलग-अलग चैनलों की दुनिया में कहीं खो सा गया है। लोग उस वक्त व्यस्त होने के बावजूद अपनी सीरियल के लिए टाइम निकाल लेते थे और आज फोन पर टीवी मौजूद होने के बावजूद लोग अपने सीरियल नहीं देख पाते। रविवार को 9:00 बजे दूरदर्शन पर जिस कदर फिल्म का इंतजार किया जाता था, उस तरह तो आज शुक्रवार को किसी नई फिल्म का भी इंतजार नहीं किया जाता है। दूरदर्शन को फिर से आने की जरूरत है। इसके बारे में अमित मसूरकर जो फिल्म डायरेक्टर है वो कहते हैं की 'प्राइवेट चैनल पर बहुत से अभद्र कंटेंट आने लगे हैं तो डीडी को अच्छे कंटेंट्स लाने होंगे जिससे दर्शक खुद समझ पाए कि उन्हें क्या देखना है। दूरदर्शन को किसी भी टीआरपी की जरूरत नहीं है। ' हंसल मेहता जो अलीगढ़ के डायरेक्टर हैं वो कहते हैं कि,'सरकार को आज की जनरेशन को यह समझाना होगा कि दूरदर्शन बीते जमाने के लोगों के लिए कितना महत्वपूर्ण था और यह वह ओटीटी प्लेटफॉर्म की मदद से कर सकते हैं। ' इन सभी सुझावों पर हमें काम करने की जरूरत है। पर सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप अपने माता-पिता के साथ बैठकर उनके जमाने की बातें करें। उनसे बेहतर आपको दूरदर्शन की दुनिया का सैर कोई नहीं करा सकता। मायापुरी की लेटेस्ट ख़बरों को इंग्लिश में पढ़ने के लिए www.bollyy.com पर क्लिक करें. अगर आप विडियो देखना ज्यादा पसंद करते हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल Mayapuri Cut पर जा सकते हैं. आप हमसे जुड़ने के लिए हमारे पेज width='500' height='283' style='border:none;overflow:hidden' scrolling='no' frameborder='0' allowfullscreen='true' allow='autoplay; clipboard-write; encrypted-media; picture-in-picture; web-share' allowFullScreen='true'> '>Facebook, Twitter और Instagram पर जा सकते हैं.embed/captioned' allowtransparency='true' allowfullscreen='true' frameborder='0' height='879' width='400' data-instgrm-payload-id='instagram-media-payload-3' scrolling='no'> #bollywood #doordarshan #Doordarshan Memories हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article