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बहुमुखी प्रतिभाशाली अभिनेता संजय गांधी हमेशा अपने दिल की बात कहने में यकीन करते हैं।इस एक्टर ने पहले ही इस बात पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी जब सरकार ने कोविड की वजह से 65 की उम्र के ऊपर के कलाकारों को शूटिंग का हिस्सा बनाए जाने पर रोक लगा दी थी। अब इस अभिनेता ने ऑडिशन प्रक्रिया पर सवाल उठा दिया है। विशेष रूप से वरिष्ठ अभिनेताओं के ऑडिशन प्रक्रिया पर।
सीरियल 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' के इस कलाकार को लगता है कि लोगों को वरिष्ठ अभिनेताओं को केवल तभी बुलाना चाहिए, जब उन्हें किसी भूमिका के लिए सेलेक्ट कर लिया जाए। उन्हें ऑडिशन की अपमानजनक प्रक्रिया से नहीं गुजरने दिया जाना चाहिए
संजय गांधी कहते हैं कि मैं कास्टिंग प्रक्रिया से खुश नहीं हूं। मैं चाहता हूं कि इंडस्ट्री वरिष्ठ अभिनेताओं के ऑडिशन को रोक दे और उन्हें कास्टिंग न करके अपमानित जो करती है उसे भी। एक बार मुझे एक विशेष भूमिका की ऑडिशन के लिए बुलाया गया था, तो वहां पर एक और अभिनेता थे। वह एक लोकप्रिय वरिष्ठ अभिनेता थे। उनके नाम कई यादगार भूमिकाएं हैं। हमने बात करना शुरू किया और मैंने पाया कि दोनों को एक ही भूमिका के लिए बुलाया गया था। हालांकि मुझे चुना गया था, कल्पना कीजिए कि दूसरे अभिनेता को कैसा लगा होगा।
आपको उनकी उम्र पर थोड़ा विचार करना चाहिए।आप चुनने से पहले उनके पिछले काम को देखिए।अगर आपको उनके काम पर भरोसा है तो ही उन्हें बुलाइए।सिर्फ ऑडिशन के लिए बुलाना फिर काम ना देना ये मुझे अपमानजनक है। लेकिन हां, अगर आप एक बायोपिक या एक ऐतिहासिक प्रोजेक्ट कर रहे हैं तो आप उन्हें बुला सकते हैं क्योंकि तब आपको उनके लुक को एक जैसा करना होगा, लेकिन अगर वैसा कोई प्रोजेक्ट नहीं है तो ऑडिशन की अपमानजनक प्रक्रिया से उन्हें गुज़रने नहीं देना चाहिए।
संजय ने यह भी उल्लेख किया कि इंडस्ट्री से लॉयलिटी गायब हो गई है, खासकर जब बात उन अभिनेताओं की आती है, जिन्हें निर्माताओं द्वारा ब्रेक और लॉन्च दिया जाता है, लेकिन फिर वह उन्हें भुला देते हैं।वैसे यह भी हकीकत है कि यह दोनों तरफ से बराबर की वफादारी होनी चाहिए
एक्टर आगे बताते हैं कि मैंने बहुत से अभिनेताओं को देखा है, जो वफादारी का मतलब नहीं जानते हैं। एक बार जब वे प्रसिद्ध और सफल हो जाते हैं, तो वे उन लोगों की ओर देखते भी नहीं हैं जिन्होंने उन्हें ब्रेक दिया। आपको नहीं पता कि कोई कैसे निर्माता बनता है। पैसों का इंतज़ाम कैसे करता है, आपको नहीं पता कि वह फिल्म या टीवी शोज में कैसे निवेश करता है, बिना इस गारंटी के कि यह काम करेगा या नहीं। इसके लिए बहुत हिम्मत चाहिए। अगर आप निर्माता के दर्द को नहीं समझते हैं तो वो आपके दर्द को नहीं समझ पाएंगे। इसी तरह, निर्माताओं को भी अपने अभिनेताओं और तकनीशियनों के प्रति वफादार रहने की जरूरत है, उन्हें समय पर भुगतान करना चाहिए और उनके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। इसलिए कृपया एक-दूसरे के प्रति वफादार रहें।
आखिर में हम तो यही उम्मीद करेंगे कि संजय की आवाज सुनी जाए और इन परिवर्तनों पर विचार किया जाए।