ऑक्सफेम की "स्पाइस गर्ल्स " टीम एक बार फिर साथ आयी प्रवासी मज़दूरों की मदद के लिए By Mayapuri Desk 26 Nov 2020 | एडिट 26 Nov 2020 23:00 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर ऑक्सफेम ट्रेलवाकर की वार्षिक चुनौती इस साल कोविड -१९ के कारण एक 'वर्चुअल' रूप लेकर सामने आयी. प्रतिभागियों ने चुनौती में हिस्सा लेकर १०० या ५० किलोमीटर की दूरी तय की सिर्फ दस दिनों में अपने घर ही में या घर के आस पास चल कर. इस बार का अनुदान संचय या 'फंडरेज़र' किया गया प्रवासी मज़दूरों के लिए जिन्हे लॉकडाउन के समय भीषण तकलीफों का सामना करना पड़ा. उनकी पीड़ा ने लाखों लोगों का ह्रदय द्रवित किया और उनमें शामिल थी एलिसन डम्बेल, मायरा जॉनसन, एल्मी ऑस्टिन और नाडेज़्डा बकमान. ये चारों अच्छी मित्र हैं और दुनिया के विभिन्न भागों में रहते हुए भी अक्सर ऑक्सफेम ट्रेलवाकर में हिस्सा लेती हैं. उन्हें 'स्पाइस गर्ल्स ' बुलाया जाता है उनकी मित्रता एवं विशिष्ट व्यक्तित्व के लिए और इस बार भी उन्होंने प्रवासी मज़दूरी की खातिर ऑक्सफेम ट्रेलवाकर में भाग लिया. एलिसन के पास अमरीकी एवं ब्रिटिश नागरिकता है पर वे भारत में २०१४ से रह रही हैं. पैंतालीस वर्षीय एलिसन दो बेटों की माँ हैं और लॉकडाउन का दौर उन्होंने मुंबई में नियमित व्यायाम तथा लेखन में व्यतीत किया। ऑक्सफेम ट्रेलवाकर का २०२० अंक समक्ष आते ही उन्होंने इसमें हिस्सा लेने का निर्णय लिया। वे कहती हैं, 'मैं मानती हूँ की हम दूसरों का उत्थान करने से ही ऊंचे उठते हैं और इस साल मैंने ऑक्सफेम ट्रेलवाकर में हिस्सा लिया ताकि मैं प्रवासी मज़दूरों के जीवन में थोड़ा प्रकाश और गरिमा ला सकूं.' लॉकडाउन के उपरान्त ऑक्सफेम ने सोलह राज्यों में लोगों तक मदद पहुँचायी है और ट्रेलवाकर के ज़रिये और अधिक मज़दूरों तक आर्थिक सहायता पहुंचाई जा सकेगी. एलिसन की मित्र मायरा जॉनसन भी दो बेटों की माँ है और मुंबई में रहती हैं. वे बहुत से मैराथन मुकाबलों में हिस्सा ले चुकी है, व्यायाम शिक्षिका है तथा गैर सरकारी संस्थानों की भी मदद करती हैं. वे कहती है, 'महिलाओं के उत्थान से जुड़े विषयों में मुझे बेहद रूचि है और ऑक्सफेम के ज़रिये मुझे मौका मिलता है अलग अलग सामाजिक मुद्दों में भागीदारी करने का. इस बार प्रवासी मज़दूरों की मदद करने का मौका मैं नहीं खोना चाहती थी और इस लिए मैंने ऑक्सफेम ट्रेलवाकर में हिस्सा लिया और कुछ वक़्त अपनी मित्र एलिसन के साथ भी बिताया इस चुनौती की दौरान. बारिश के मौसम में भागते हुए मुझे बहुत अच्छा लगा, हालाँकि मैं अपनी बाकी 'स्पाइस गर्ल्स ' की कमी महसूस कर रही थी.' एल्मी ऑस्टिन और नाडेज़्डा बकमान ने दूसरे देशों से मायरा और एलिसन का साथ दिया और ट्रेलवाकर में हिस्सा लिया. ट्रेलवाकर का यह अंक नवम्बर २९ को समाप्त होगा. इस अभियान से जुटाई गयी राशि न सिर्फ कोविड -१९ सम्बंधित राहत कार्य के काम आएगी बल्कि ऑक्सफैम के #RightsOverProfits अभियान को भी सशक्त करेगी. यह अभियान सरकार के सामने कुछ खास मांगे रख रहा है. जैसे की सरकार निजी स्वास्थय सेवाओं को विनयमित करे ताकि सभी मरीज़ों को सही और सस्ता इलाज मिले। साथ ही मांग की जा रही की जन स्वास्थ्य सेवाओं को हर एक भारतीय के लिए बेहतर और सुलभ बनाया जाये. ऑक्सफेम इंडिया एक जन आंदोलन है जो जातीय, सामाजिक और आर्थिक पक्षपात से परे, एक ऐसे समाज की कल्पना करता है जहाँ आदिवासी, मुस्लिम, दलित , महिलाएं एवं बच्चियां स्वाभिमान और सुरक्षा से अपनी बात कह सकें और एक निरपेक्ष समाज में पूरे अधिकारों सहित जी सकें। ऑक्सफेम इंडिया असमानता का समापन करने में निरंतर प्रयासरत है और कोशिश करता है की हाशिये पे रहने वाले भारतीयों को अच्छी नौकरियां , मुफ्त शिक्षा और बेहतर स्वास्थय सेवाएं मिलें. ऑक्सफेम इंडिया की मांग हैं की सरकार संविधान में निहित वैयक्तिक और समाजिक समानता का सम्मान करे। साथ ही ऑक्सफेम हर उस नागरिक की मदद करने का प्रयास करता है जो निर्धन है और किसी भी आपदा से ग्रस्त है. #बॉलीवुड न्यूज़ हिंदी #बॉलीवुड न्यूज #बॉलीवुड की ताज़ा खबरें #स्पाइस गर्ल्स हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article