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लिपिका वर्मा
एक्टर आमिर अली अपना ग्लिट्ज एंड ग्लैमर में बतौर कमर्सियल्स पदार्पण किया था। फिर टेलीविजन पर भी बेहतरीन शोज का हिस्सा रहे आमिर। आमिर अली का फिल्मों के प्रति जोरदार रुझान था किन्तु उनकी पहली फिल्म रिलीज ही नहीं हुई, पश्चात उन्होंने टेलीविजन की ओर रुख किया। पैसे भी चाहिए थे और एक के बाद एक टेलीविजन शोज मिलने लगे और सफल भी हुये। ओ टी टी प्लेटफॉर्म पर नक्सलबाड़ी से जी-5 पर डेब्यू फिल्म बहुत जल्द 28 नवंबर, 2020) को रिलीज पर है।
नक्सलबाड़ी का हिस्सा बने क्या खास बात रही इस में?
मुझे कुछ अच्छा, अलग और लुभान्वित कंटेंट करना था। मुझे साधारण डिजिटल शो जो टेलीविजन शो की तरह ही लगे, का हिस्सा नहीं बनना था। और वही एक तरह के किरदार भी नहीं करने थे। मुझे फनी, रोमांटिक रोले करने में अब ज्यादा लगाव नहीं सूझ रहा था ऐसा नहीं कह रहा हूं -कि आगे रोमांटिक और फनी किरदार बिल्कुल ही नहीं करूँगा। पर हाँ, फिलहाल क्योंकि जब मुझे नक्सलबाड़ी के लिए ऑफर आया तो मुझे यह बहुत ही अलग और जो मैं अमूमन करता आया हूँ उससे अलग लगा अतः मैंने इस किरदार को तुरंत ही लपक लिया। इसका कंटेंट तीव्र और नाटकिये है जो मेरे पिछले शो में मैंने किया है वैसा बिल्कुल नहीं है। यह एक चालाक किरदार है।
राजीव खंडेलवाल के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
राजीव के साथ काम करने का अनुभव सुपर रहा। वो मुझसे सीनियर है और ओल्ड स्कूल को फॉलो करते है। मेरे मित्र है और यह शो हम दोनों ने साथ में किया मजा आया। इस शो में राजीव प्रोटोजोनिस्ट किरदार प्ले कर रहे है जैसे ही यह जानकारी हासिल हुई मुझे अत्यंत खुशी हुई। दोस्तों के साथ काम करना अच्छा ही लगता है हमेशा। मैं शो में कॉर्पोरेट की दुनिया का एक हिस्सा हूँ और बहुत अलग हूँ।
वेब सीरिज आज की दुनिया बन चुका है। और इस का उच्छाल अचानक ही हुआ है, आप का क्या कहना है इस के बारे में?
जी हां वाक्य वेब सीरिज बहुत बूम कर रहा है आज। इंडिया में कुछ भी नया आता है तो बहुत सफल हो जाता है। वेब सीरिज एज पर है। जिस तरह टिक टोक और इंस्टा भी जल्द आसमान की बुलंदियों को छूने लगा, उसी तरह डिजिटल मार्किट में भी बहुत उच्छाल आया है। टेलीविजन भी उन्नति पर है। मुझे लगता है डिजिटल मार्किट और भी बढ़ेगी। हालांकि मैं कुछ बोलूं इतनी मेरी हैसियत नहीं है पर हाँ मैं चाहता हूँ फिल्मस भी नार्मल हो जाये, जिस तरह पहले हुआ करती। बड़ी फिल्में सिनेमा हॉल में जरूर रिलीज होगी, जिस तरह हॉलीवुड में भी फिल्में थिएटर में रिलीज होना शुरू हो गयी है। आपके करियर में सबसे चुनौती पूर्ण चरण कौन सा रहा? मेरे हिसाब से यह जो वक्त है वही मेरे करियर का सबसे चुनौती पूर्ण फेज है। इसी चरण में मैंने अपने आप को बदलने की बात सोची भी। मेरे कंधे की सर्जरी ने मुझे कुछ समय के लिए एक साल पीछे कर दिया। शोल्डर के लिए मुझे फिजियोथेरेपी भी करनी पड़ी। मैंने एक लम्बा ब्रेक भी लिया। ईश्वर मुझ पर मेहरबान भी है इसीलिए जो मै करना चाहता था वही मुझे दिया भी। टीवी से ओ टी टी के ट्रांजीशन संक्रमण, को कैसे देखते है? अभिनेता को यह कैसे और ओपन करता है? ओ टी टी बहुत कुछ आपको दे रहा है। लॉक डाउन के दौरान लोगों ने कुकिंग कर समय बिताया। किन्तु, मंैने ओ टी टी पर ढेरों शोज देखे। मैं नक्सलबाड़ी में चालाक कॉर्पोरेट हूँ, अपना काम निकलने हेतु सभी को यूज करता हूँ। इसके बाद, ‘ब्लैक विडो’ में भी एक अनुभवहीन व्यक्तित्व का किरदार निभा रहा हूँ। बतौर अभिनेता अपने आप को एक्सप्लोरर अन्वेषण, करने का मौका भी मिलता है। इस किरदार के अंदर घुसने के लिए मुझे अपने आप पर बहुत काम करना पड़ा। बहुत हार्ड वर्क भी करना पड़ा। सेट्स पर तो मैं बहुत चिल्ड रखता हूँ।
अपने आप को एंटरटेनेड रखता हूँ सेट्स पर, क्योंकि लगभग 25 दिन उसी सेट्स पर जाना होता है। सेट्स पर मै वीडियो गेम्स भी खेलता हूँ। केशवानी के किरदार के लिए मैं बहुत सीरियस हो गया था।किरदार में इतना रम गया की मैंने अपने आप को पूरी तरह से बदल लिया था। ओ टी टी टेलीविजन स्टार्स को अलग अलग किरदार अपने कम्फर्ट जोन से निकलने का मौका दे रहा है, क्या कहना चाहेंगे इस पर? जी हाँ, जो मैंने यहाँ किया है वो शायद टेलीविजन पर नहीं किया। टेलीविजन पर हमेशा हम लीड रोल करने की ही लालसा करते है। इन 14-15 वर्षों के करियर में मैंने सभी तरह के रोल्स ही निभाए है। ओ टी टी पर सभी किरदार अहम होते है। और कभी भी कोई भी किरदार को बड़ा और अहम बना दिया जा सकता है। यहाँ लीड रोल जैसे कुछ मेटव नहीं होता है। मेड इन हेवन में जिस अभिनेता ने पंजाबी किरदार निभाया था आगे चल कर उसी का किरदार और लम्बा और बड़ा और मेन किरदार बना दिया गया। ओ टी टी पर आप स्ट्रांग किरदार चुन सकते है।