हमारी नैतिक जिम्मेदारी है की दुनिया के हर बच्चे को उसका अधिकार मिले ताकि बच्चे सपने देख सकें और अपना बचपन पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण न खोएं यही बाते यूनिसेफ की गुडविल एम्बेसडर प्रियंका चोपड़ा ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहीं. इस मौके पर प्रियंका ने भारत सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान की तारीफ करते हुए बताया की हाल ही में महिला और बाल विकास मंत्रालय ने उनके साथ इस अभियान की प्रगति को लेकर चर्चा की. प्रियंका ने अपने परिवार को अपना सपोर्ट सिस्टम बताया. साथ ही पेरेंट्स द्वारा गरीबों की सहायता करने के जज्बे को अपना प्रेरणा स्त्रोत बताया प्रियंका ने अभिभावकों से बेटा और बेटी में भेदभाव न करने की अपील की उन्होंने पेरेंट्स से कहा “ आप अगर बेटियों को सक्षम बनायेंगे तो जरुरत पड़ने पर वह आपकी रीढ़ की हड्डी बनेगी. उन्होंने ने अपील की लड़कियों को इतना सहयोग देना जाना चाहिए की वे आगे आकर अपनी समस्याओं का जिक्र कर सके. प्रियंका ने महिला पर हिंसा करने की मानसिकता को समाज की उपज बताया और कहा कि हमे अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी.
सक्षम बेटियाँ पेरेंट्स की रीढ़ बनेंगी: प्रियंका चोपड़ा
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