लिपिका वर्मा
संजय दत्त की बायोपिक ‘संजू’ के ट्रेलर लॉन्च पर फिल्म में संजय का किरदार निभा रहे रणबीर कपूर, परेश रावल, फिल्म के निर्देशक राजू हिरानी, निर्माता विधु विनोद चोपड़ा, दीया मिर्जा और सोनम कपूर ने बताया कि इस फिल्म से जुड़ने की वजह क्या थी और वह संजय दत्त को किस तरह जानते हैं। सुनिये हर अभिनेता, निर्देशक एवं निर्माता की जुबानी ... उनके अनुभव... संजू की कहानी
मैंने उन्हें कहा था हम भविष्य में जरूर काम करेंगे
संजय दत्त के बारे में फिल्म के निर्माता विधु विनोद चोपड़ा की जुबानी ‘‘मैं संजय दत्त को नहीं जानता था। जब वह पहली बार जेल जा रहे थे तब फिल्म इंडस्ट्री ने उन्हें बैन कर दिया था, लेकिन मुझे यह गलत लगा, हालांकि संजय अपनी गलती मान चुके थे। मैं उसी दिन उनके घर गया और मैंने उनके साथ एक फिल्म बनाने की घोषणा कर दी, फिल्म बनाने की घोषणा करना संजय के प्रति मेरा सपॉर्ट था। जब संजय जेल से वापस आए तो उन्होंने मुझे फोन किया और कहा-मुझे आपके साथ फिल्म में काम करना है। तब मैंने उन्हें बताया कि मैं तो इस समय कोई फिल्म ही नहीं बना रहा हूं, तो उन्होंने याद दिलाया कि मैंने उनके साथ फिल्म बनाने की घोषणा की थी, तब मैंने संजय को बताया कि वह मेरे सपोर्ट का तरीका था। फोन पर कही बात शायद संजय को समझ नहीं आई और वह मेरे घर आ गए। तब मैंने उन्हें कहा कि इस वक्त मेरे पास कोई फिल्म नहीं है, लेकिन भविष्य में जरूर हम काम करेंगे। संजय के साथ यह रिश्ता इतना मजबूत रहा कि बाद में हमने ‘मिशन कश्मीर’, ‘एकलव्य’ और ‘मुन्नाभाई’ जैसी कई फिल्में साथ बनाईं। इस बायोपिक के लिए अभिजात जोशी और राजू हिरानी जब संजू की कहानी मेरे पास लेकर आए, तब मुझे पता चला कि असली संजय को तो मैं जानता ही नहीं हूं, जिस संजय को मैं पिछले 20 सालों से जानता हूं... उसकी कहानी इतनी दिलचस्प हो सकती है? मुझे कहानी पढ़ने के बाद पता चला।’’
हर बार उन्हें और भी बेहतरीन इंसान पाया है
फिल्म में संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त के किरदार में नजर आ रही दीया मिर्जा कहती हैं, ‘‘मैं संजय दत्त को सर कहती हूं। मैंने जब भी उनके साथ काम किया है, हर बार उन्हें और भी बेहतरीन इंसान पाया है। जब इस फिल्म की स्क्रिप्ट मेरे पास आई और मैंने कहानी पढ़ी, तब मुझे बहुत सारी ऐसी बातें पता चली जो कभी नहीं सुनी थी। आप जब इंडस्ट्री का हिस्सा होते हैं तब तमाम बातें सुनते हैं और उन पर विश्वास भी करने लगते हैं, लेकिन राजू हिरानी की कहानी पढ़ने के बाद मुझे संजय सर की जिंदगी की असली कहानी का पता चला। इस फिल्म में काम करने के बाद मैं संजय सर के और भी ज्यादा करीब महसूस करती हूं।’’
वह बहुत बड़े दिलवाले है
मनीषा कोइराला जो ‘संजू’ में माँ नरगिस दत्त की भूमिका में नजर आ रही हैं अपने अनुभव बताती हैं , ‘‘संजय दत्त के साथ मैंने तीन-चार फिल्मों में काम किया है। वह बहुत बड़े दिलवाले, खुशमिजाज और हंसी-मजाक करने वाले इंसान हैं। मैं बेसब्री से इस फिल्म को देखने का इंतजार कर रही हूं।’’
मैंने मदर टेरेसा को नहीं देखा, लेकिन सुनील दत्त साहब को देखा है
पिता सुनील दत्त की भूमिका में नजर आ रहे दिग्गज अभिनेता परेश रावल बताते हैं, ‘‘मुझे इस फिल्म के लिए सबसे पहले राजू हिरानी का फोन आया था, उन्होंने मुझे बताया कि मेरे पास एक बहुत खूबसूरत स्क्रिप्ट आ रही है। जब मैंने कहानी पढ़ी तब मुझे पता चला कि हिंदी सिनेमा में इतनी खूबसूरत स्क्रिप्ट लिखी ही नहीं गई। मुझे राजू हिरानी और मेरे फेवरेट ऐक्टर रणबीर कपूर के साथ काम करने का मौका मिल रहा था, मेरे लिए यह विन-विन सिचुएशन थी, इसलिए मैंने पैसे की बात भी नहीं की। मैं इस फिल्म में मुझे कास्ट करने के लिए पूरी टीम का शुक्रिया अदा करता हूं। मुझे ऐसे इंसान का किरदार निभाने का मौका मिला है, जिसकी मैं दिल से इज्जत करता हूं, इतनी इज्जत करता हूं कि मैं कह सकता हूं, मैंने मदर टेरेसा को नहीं देखा, लेकिन सुनील दत्त साहब को देखा है।’’
जहां संजय दत्त गलत हैं, वहां पर उन्हें गलत दिखाया है और जहां सही है वहां पर सही
‘संजू’ के निर्देशक राजू हिरानी कहते हैं, ‘‘एक फिल्मकार होने के नाते मैं कहानियों को लेकर बहुत लालची भी हूं। कहीं से कोई अच्छी कहानी मिल जाती है तो मेरा लालच सामने आ जाता है। संजय दत्त की कहानी का एक पार्ट सारी दुनिया को पता था, जो प्रेस में सब जगह छपा हुआ था, लेकिन एक दूसरी कहानी थी पिता पुत्र और दोस्ती की। जब आप लोग संजय दत्त की कहानी देखेंगे, तो आपको पता चलेगा कि तमाम चीजों के बारे में आपको नहीं पता था। हमने फिल्म बहुत ही ईमानदारी से बनाई है, जहां संजय दत्त गलत हैं, वहां पर उन्हें गलत दिखाया है और जहां सही है वहां पर सही।’’
एक फिल्मकार होने के नाते उनकी कहानी से मैं प्रभावित हो रहा था
फिल्म की कहानी कैसे तैयार हुई? राजू इस बारे में भी बताते हैं, ‘‘संजय दत्त पर इस फिल्म की शुरुआत तब हुई जब वह जेल से परलो पर बाहर आए थे। एक शाम मैं उनसे मिलने उनके घर चला गया, उस दिन बहुत लंबी बात-चीत हुई। उस शाम संजय ने खुलकर अपने बारे में, जेल में बीत रहे समय के बारे में और भी अपनी जिंदगी से जुड़ी तमाम घटनाओं के बारे में बताना शुरू किया जो मुझे बिल्कुल भी पता नहीं थी। दूसरे दिन शाम को फिर संजय ने फोन किया और पूछा कहां हो? आ जाओ घर। जब दूसरे दिन शाम को मैं घर पहुंचा तब फिर संजय ने खुलकर अपने बारे में बताना शुरू किया। मैं कुछ ऐसी बातें सुन रहा था जो कभी नहीं सुनी थी और एक फिल्मकार होने के नाते उनकी कहानी से मैं प्रभावित हो रहा था। बाद में मैंने फिल्म के राइटर अभिजात जोशी को फोन किया और उनके साथ अगले 25 दिन तक लगातार हम संजय के यहां शाम को 5.00 बजे से रात को 3.00 बजे तक बैठते, उनकी पूरी कहानी सुनते, उन्हें रिकॉर्ड करते और इस तरह यह कहानी तैयार हो गई।
रणबीर कपूर के साथ काम करके मैं बहुत खुश हूं
संजय दत्त की एक गर्लफ्रेंड के किरदार में नजर आ रहीं सोनम कहती है, ‘‘मुझे राजकुमार हिरानी के साथ काम करना था और विधु विनोद चोपड़ा की फिल्मों का हिस्सा बनना था, इसलिए मैंने झटपट हां कर दी। 10 साल बाद एक बार फिर रणबीर कपूर के साथ काम करके मैं बहुत खुश हूं।’’
मैं संजय दत्त का बहुत सम्मान करता हूं
रणबीर कपूर बताते हैं, ‘‘जब मैं छोटा था तो मेरी अलमारी के वॉल पर संजय दत्त का पोस्टर लगा हुआ था और आज मैं उन्हें रिप्रेजेंट कर रहा हूं, उनकी आत्मकथा में उनका रोल निभा रहा हूं। मैं कभी भी संजय दत्त जैसा बेहतरीन इंसान नहीं बन पाऊंगा। मैं संजय दत्त का बहुत सम्मान करता हूं। मैं चाहता हूं कि यह फिल्म उन्हें पसंद आए और उन्हें लगे कि मैंने उन्हें बेहतरीन ढंग से रिप्रेजेंट किया है।’’
रणबीर आगे बोलते हैं, ‘‘जब मैं फिल्म की शूटिंग कर रहा था तब कुछ सीन के दौरान ऐसा लगता था कि इतने मुश्किल समय में संजय दत्त ने खुद को कैसे संभाला होगा। मैं संजय दत्त की तरह हिम्मतवाला व्यक्ति नहीं हूं। मैं अपनी लाइफ के बारे में इतना सब कुछ नहीं बता सकता। रही गर्लफ्रेंड की बात तो मेरी गर्लफ्रेंड्स की संख्या 10 से भी कम है।’’