हर इंसान बचपन से ही अभिनेता होता है: Vishal Tripathi

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By Mayapuri
 हर इंसान बचपन से ही अभिनेता होता है: Vishal Tripathi
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 इन दिनों एक तरफ दिग्गज कलाकारों और दिग्गज फिल्मकारांे की फिल्में बाॅक्स आॅफिस पर कमाल नहीं दिखा पा रही हैं. तो दूसरी तरफ नवोदित कलाकारों व फिल्मकारों का आगमन निरंतर जारी है. इनकी फिल्में चर्चा भी बटोर रही हैं. ऐसी ही एक फिल्म ‘‘सब वे’’ है. शिवराज देवल निर्देशित फिल्म ‘‘सब वे’’ से विशाल त्रिपाठी ने बाॅलीवुड में कदम रखा है.

प्रस्तुत है विशाल त्रिपाठी से हुई बातचीत के अंश.

 आपने अभिनय को करियर बनाने की बात कब सोची?

मेरे घर में कला का कोई माहौल नहीं है. मेरे पिता जी पत्रकार और मेरी मां सिंचाई विभाग में नौकरी करती हैं. बड़े भाई फार्मा कंपनी में नौकरी करते हैं. मतलब मेरे घर मंे पढ़ाई करके नौकरी पाना ही सभी का लक्ष्य रहा है. घर में हमेशा ही चर्चा होती रहती है कि पढ़ लिखकर सरकारी नौकरी पाने पर ही जीवन सफल हो सकता है. मगर मैं पढ़ाई करने के साथ साथ फिल्में बहुत देखता था. मेरी राय में हर इंसान पैदा होते ही अभिनय करने लगता है. मैं बचपन से ही अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, शाहरुख खान,सलमान खान व अजय देवगन की फिल्में देखा करता था. इसी के चलते मेरे अंदर बचपन से ही फिल्मों में अभिनय करने की बात घर कर गयी थी. मेरा यह शौक अब फिल्म ‘‘सब वे’’ के माध्यम से पूरा हुआ है.

 क्या आपने अभिनय की कोई ट्रेनिंग ली है?

मैंने एक बार शाहरुख खान सर का इंटरव्यू देखा था, जिसमें उन्हांेने कहा था कि अभिनय किसी को सिखाया नहीं जा सकता. बल्कि वह तो उसके अंदर होता है. मुझे लगता है कि अभिनय के गुण मेरे अंदर ईश्वर प्रदत्त है. मैंने भी अभिनय की कोई ट्रेनिंग नहीं ली. पर फिल्में देखते हुए बहुत कुछ सीखा है. हमारी अपनी एड एजेंसी है, तो मैंने एड की शूटिंग करते हुए भी कई कलाकारों को काफी नजदीक से देखा है. फिल्म ‘‘सब वे’’ में अभिनय करने से पहले मैंने दो एड फिल्मों की शूटिंग जरुर की है. मैं बता दॅूं कि मेरे अंदर खुद को बेहतरीन अभिनेता साबित करने का जुनून है.

पहली फिल्म ‘‘सब वे’’ कैसे मिली?

जैसा कि हमने बताया कि हमारी अपनी एड एजंसी है. एक जिंगल की शूटिंग के दौरान जो लड़का काम कर रहा था, वह उम्र में कुछ ज्यादा बड़ा नजर आ रहा था. तब निर्देशक शिवराज देवल ने मुझसे प्रयास करने के लिए कहा. मंैने उस एड में काम किया और मेरा अभिनय निर्देशक शिवराज देवल को पसंद आ गया. तो उन्होंने मुझसे कहा था कि जब वह फिल्म निर्देशित करेंगे और उस फिल्म में मेरे योग्य किरदार होगा, तो अवश्य मुझे याद करेंगे. कुछ माह बाद शिवराज जी का फोन आया. मैं उनसे मिला और उन्होंने मुझे फिल्म ‘‘सब वे’’ में अभिनय करने का अवसर दे दिया. जबकि उस वक्त मेरा वजन काफी था. मैंने उनसे कहा कि मुझे वजन घटाने के लिए समय चाहिए. पर शिवराज सर ने कहा कि इसकी जरुरत नहीं है. लेकिन उस वक्त मेरे अंदर झिझक थी, जिसे शिवराज सर ने दूूर किया और उनके निर्देशन में काम करके मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. कई दृश्यों में उन्होने मेरी आँखों का उपयोग करते हुए राजेश खन्ना की स्टाइल में भी दृश्य फिल्माए हैं.

 

तो आपने फिल्म की कहानी नहीं सुनी थी?

मैंने कहानी सुनी थी. कहानी बहुत युनिक लगी. तभी मैंने इस फिल्म में अभिनय किया.

 फिल्म ‘‘सब वे’’ के अपने किरदार के बारे में बताएं?

- फिल्म ‘‘सब वे’’ थिएटरों में पहुॅच चुकी है. तमाम लोग फिल्म देखकर मेरे किरदार के बारे में जान चुके हैं. पर जो अभी तक फिल्म नहीं देख पाए हैं, उनके लिए बता दॅंू कि इस फिल्म की कहानी तीन लड़कों की है. जो हर दिन दारू व चखने का जुगाड़ करने के लिए छोटी मोटी चोरी करते रहते हैं. इसमें मैंने विशु का किरदार निभाया है. यह तीनों लड़के एक दिन हाईवे पर से एक कार चुरा कर भागते हैं. उनका मकसद कार की डिक्की के अंदर रखी स्टेपनी को बेचकर अपनी दारू  व चखने का जुगड़ करना है. लेकिन जब वह सुरक्षित जगह पहुॅचकर कार की डिक्की खोलते हैं, तो उसमें उन्हे एक लाश नजर आती है. जब वह उसकी रस्सी खोलते हैं, तो पता चलता है कि वह इंसान जिंदा है और किसी ने उसका अपहरण कर लिया था. तब यह तीनो लड़के उसे उसके घर तक पहुॅचाने के लिए रवाना होते हैं. बीच मंे अपहरणकर्ता मिल जाते हैं और उस आदमी के साथ ही इन तीनो को भी अपने अड्डे पर ले जाते है. कहानी में कई रोचक मोड़ हैं और मेरे किरदार में कई शेड्स हैं.

 फिल्म की शूटिंग के आपके अनुभव क्या रहे?

मिले जुले अनुभव रहे. हमारी फिल्म में विलेन का जो अड्डा है,उसे हमने एक पुरानी हवेली में फिल्माया है. इस हवेली के बारे में अफवाह थी कि इसके अंदर भूत रहते हैं. जब वहां पर मेरी तबियत खराब हुई तो सभी को लगा कि जो अफवाह है, वह सच है. इस हवेली मंे कुछ तो गड़बड़ी है. इसके अलावा तो अनुभव बहुत अच्छे रहे. इस फिल्म में रवि किशन जी के साथ काम करते हुए मैंने बहुत कुछ सीखा. इसके साथ ही मेरी समझ में आया कि एक फिल्म बनाना और हजार शादियां करवाना एक समान है. आप भी जानते हंै कि एक बेटी की शादी करने मंे इंसान की कमर टूट जाती है. तो फिल्म बनाने में निर्माता का क्या हाल होता होगा? इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

फिल्म ‘सब वे’ में चार गाने हैं.आपका पसंदीदा गाना कौन सा है?

मुझे तो चारो गाने पसंद हंै. इनमंे से भी मेरा सबसे अधिक पसंदीदा गाना ‘‘रूबरू’’ है. क्योंकि यह गाना ऐसा है कि इंसान इसे जितनी बार सुनेगा, उतना ही इस गाने का नशा बढ़ता जाता है. इतना ही नहीं हमारी फिल्म के सभी गाने नब्बे के दशक की याद दिलाते हैं.

इसके बाद कोई दूसरी फिल्म कर रहे हैं?

जी हाॅ! एक फिल्म शिवराज देवल सर के निर्देशन में ही कर रहा हॅूं, जिसके बारे में विस्तार से अभी बताना ठीक नही होगा. वैसे यह हाॅरर, थ्रिलर व मनोरंजक फिल्म होगी, जिसे हम मनाली में फिल्माने वाले हैं.

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