Advertisment

अस्पताल में जगह न मिलने से चर्चित गीतकार अनवर सागर ने दम तोड़ दिया

author-image
By Mayapuri Desk
New Update
अस्पताल में जगह न मिलने से चर्चित गीतकार अनवर सागर ने दम तोड़ दिया

खिलाड़ी, कैदी, इलाका, याराना, सपने साजन के  दिल का क्या कसूर, याराना, सलामी, आ गले लग जा, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, विजयपथ, बेखुदी, लश्कर, बेनाम, किशन कन्हैया, ये जिंदगी का सफर, एहसास, मासूम तेरा चेहरा, नजर के सामने, देवता, जनता हवलदार, तेरी बाते, फिल्मी दुनिया' आदि तमाम फिल्मों में दो सौ से अधिक गानों के गीतकार अनवर सागर का बुधवार 3 जून 2020 की दोपहर मुम्बई में निधन हो गया। अनवर सागर की तबीयत खराब थी। उनको सांस लेने में प्रॉब्लम हो रही थी। इलाज के लिए मुम्बई के कई अस्पतालों में गये लेकिन किसी भी अस्पताल में जगह नहीं मिल पाने की वजह से उनकी मृत्यु हो गयी।

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जन्मे अनवर सागर लेखक और गीतकार बनने मुम्बई आये थे। उन्होंने कुछ फिल्मों की स्क्रिप्ट भी लिखी है लेकिन उनको कामयाबी गाने लिखने में मिली। खासकर नब्बे के दशक में जब संगीतकार नदीम श्रवण की जोड़ी हिन्दी फिल्मों के संगीत पर राज कर रही थी, तब अनवर सागर हिट गीतकार के तौर पर जाने जाते थे। इलाका नाम की फिल्म, जिस फिल्म से नदीम श्रवण की जोड़ी को हिन्दी फिल्मों में शुरुआती प्रसिद्धि मिली, उस फिल्म में भी अनवर सागर के गीत थे और फिर उनकी जोड़ी नदीम श्रवण के साथ लम्बे समय तक रही, उनके लिए कई फिल्मों में गीत लिखे। नदीम श्रवण के अलावा जतिन ललित, बप्पी लाहिरी, अन्नू मालिक आदि तब के हिट संगीतकारों के लिए भी उन्होंने लिखे हैं।

अस्पताल में जगह न मिलने से चर्चित गीतकार अनवर सागर ने दम तोड़ दिया

अनवर सागर से लाॅकडाउन से पहले तक लक्ष्मी इंडस्ट्रियल इस्टेट स्धित कलिंगा रैस्टोरेंट में आखिरी मुलाकात हुई है। वह बातूनी किस्म के इंसान थे लेकिन दिल के बहुत ही साफ और स्वाभिमानी। उन्होंने जो फिल्मी दुनिया देखी थी, उसी का जिक्र उनकी बातों में होता था और बात -बात में नदीम का जिक्र अवश्य करते थे। हमेशा बेबाक अपनी राय देते थे। शायद इस लिए कुछ लोग उनसे दूर भागते थे। आजकल उनके पास गीत लिखने का एक तरह से काम ही नहीं था, क्योंकि वह अपनी कलम से समझौता नहीं करते थे।

यह दुआ है मेरी रब से, ऐ सनम तुझसे मैं जब दूर चला, दो दिन तो क्या ना गुजरेंगे दो पल तेरे बिना, वादा रहा सनम होंगे जुदा न हम, दो बजे आंख लड़ी तीन बजे प्यार हुआ,  हालत किसको बताए, आज हमें मालूम हुआ क्या चीज मोहब्बत होती है, मिले तुमसे बिछड़ के हम मेरे साजन, आपको देखकर, दिल्ली से पंजाब तक, हालत न पूछो दिल की, जूही ने दिल मांगा है, खाली बोतल की तरह, नूरानी चेहरे वाले, ओ हवा सर्द चल रही है, मेरा नाम है जमीला, लम्हा लम्हा तुमको देखूं, दिल में क्या है, तेरी मेरी मेरी तेरी दुनिया धीरे, सोचता हूं, अगर बोलो तो बिछड़ने की बात,  हसीनों से अल्लाह पाला ना डालें, मासूम तेरा चेहरा, दिल किया तो गाया, बीता लड़कपन आई जवानी, बेवफा तेरा मासूम चेहरा, उमर देख जानी कमर देख जानी, इतने करीब आए, सावन जो बरसे मन मेरा तरसे, तेरी बाली उमर पर मर जांवा, तेरी चाल मस्त, वादा रहा सनम होंगे ना जुदा हम, हर आशिक हो जाता है बदनाम, कभी भूला कभी याद किया आदि सैकड़ों हिट गीत उनके नाम हैं।

कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण मुम्बई के सभी अस्पताल भरे हुए हैं। ऐसे माहौल में आम लोगों की दूसरी बीमारियों का इलाज नहीं हो पा रहा है। अनवर सागर की मृत्यु इलाज ना हो पाने की वजह से हुई है। ऐसे कितने लोग इलाज के अभाव में मर रहे हैं और आने वाले दिनों में कितने मरेंगे, अंदाजा लगाना मुश्किल है। सरकार व चिकित्सकों को आम लोगों की दूसरी बीमारियों के इलाज का भी ख्याल रखना चाहिए। आपदा की इस कठिन घड़ी में जरूरी नहीं कि जिसे कोरोना संक्रमण हो उसी का इलाज किया जाये। अल्लाह अनवर सागर को जन्नत में आला मुकाम अता करे और उनके घर वालों को सब्र करने की हिम्मत दे। श्रद्धांजलि ! श्रद्धांजलि !! श्रद्धांजलि !!!

Advertisment
Latest Stories