पूरे देश में फिल्म निर्माण समुदाय से जुड़े करीब 100 ज्यादा कलाकारों ने Save Democracy (लोकतंत्र बचाओ) नाम से एक अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत कलाकारों ने आनेवाले लोकसभा चुनाव (2019) में बीजेपी को वोट न देने की लोगों से अपील की है। इस अभियान में आनंद पटवर्धन, सनलकुमार शशिधरन, सुदेवन, दीपा धनराज, गुरविंदर सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, कबीर सिंह चौधरी, देवाशीष मखीजा, अंजली मोंतीरो, प्रवीण मोरछल्ले और एडिटर-डायरेक्टर बिना पॉल जैसे कई बड़े कलाकार शामिल हैं।
कलाकारों ने बीजेपी के प्रति अपने इस रुख के पीछे की वजह उसके ध्रुवीकरण और नफरत की राजनीति को बताया है। साथ ही बीजेपी के शासनकाल में दलितों, मुसलमानों और किसानों का हाशिए पर होना, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक संस्थानों के लगातार क्षरण सहित उनपर बढ़ती सेंसरशिप को भी इस अभियान को शुरु करने के कारणों को गिनाया है।
अभियान के हवाले से कहा गया है कि ‘सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से अलग होने के बावजूद हम हमेशा एकजुट रहे हैं। यह वास्तव में इस अद्भुत देश का नागरिक होने का बड़ा एहसास है। अगर हम आगामी लोकसभा चुनाव में समझदारी से चुनाव नहीं करेंगे तो यह फासीवादी ताकतें हमें मुश्किल में डाल देंगी। फिल्म निर्माताओं का आरोप है कि 2014 में जब से बीजेपी सत्ता में आई है, देश धार्मिक रेखाओं के साथ लोगों का ध्रुवीकरण कर दिया गया है’।
उनके अनुसार, बीजेपी और उसके सहयोगी भी अपने चुनावी वादों को निभाने में बुरी तरह विफल रहे हैं। वो अब देश को सांप्रदायिक रूप से विभाजित करने के लिए भीड़-भाड़ और गाय सतर्कता का उपयोग कर रहे हैं।
अभियान से जुड़े लोगों ने देशभक्ति को बीजेपी का तुरुप का पत्ता बताया है। बयान में कहा गया है, ‘कोई भी व्यक्ति या संस्था जो थोड़ी सी भी असहमति पैदा करती है, उसे ‘राष्ट्र-विरोधी’ करार दिया जाता है। यहां तक कि यह राष्ट्र को युद्ध में उलझाने की कोशिश में लगी रहती है।‘