आपको गोविंदा और शिल्पा का गाना एक चुम्मा तो मुझको उधार दे दे सुना ही होगा. बहुत कम लोग जानते होंगे की इस गाने पर केस भी हो गया था. जी हाँ अगर आप नही जानते है तो हम आपको बताते है की वर्ष 1996 में रिलीज हुई फिल्म छोटे सरकार के गीत 'एक चुम्मा तो मुझको उधार दे दे, बदले में यूपी - बिहार ले ले...को अपमानजनक बताते हुए बाल मुकुंद तिवारी ने पाकुड़ में शिकायतवाद दर्ज की थी। इस पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने दोनों को समन जारी किया था। समन जारी होने के बाद भी दोनों कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। इसके बाद अदालत ने दोनों के खिलाफ वांरट जारी कर दिया।
लेकिन गोविंदा को झारखंड हाईकोर्ट से मंगलवार को बड़ी राहत मिली। उनके खिलाफ पाकुड़ की जिला अदालत में चल रही कार्यवाही पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। दोनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी और मामले की सुनवाई मार्च में निर्धारित की। केस को निरस्त करने का आग्रह किया। शिल्पा और गोविंदा का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता अभय कुमार मिश्र ने अदालत को बताया कि यह गीत सिर्फ मनोरंजन के लिए है। गीत को दोनों ने पर्दे पर सिर्फ फिल्माया है। न ही गीत गाया है और न ही लिखा है।
फिल्म शुरू होने के पहले ही एक सूचना भी दिखायी गई है, जिसमें लिखा है कि इस फिल्म में दिखाए दृश्य संवाद से किसी का कोई संबंध नहीं है। यह सिर्फ मनोरंजन है। जानबूझ कर ऐसा नहीं किया गया है। इस कारण उनके खिलाफ चल रही सभी कार्यवाही निरस्त कर देनी चाहिए। सुनवाई के बाद अदालत ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी।