बॉलीवुड के दबंग सलमान खान के खिलाफ मिंटो ब्रिज को गंदा करने के आरोप में FIR दर्ज की गई है। बता दें कि मामले में करीब दो साल पुरानी शिकायत पर पुलिस ने यह एफआईआर दर्ज की है, वह भी कोर्ट के दखल के बाद। साल 2017 की शिकायत के संबंध में एफआईआर दर्ज करने की जानकारी पुलिस ने अदालत को दी है। साथ ही यह भी बताया है कि उसने डीसीपी रेलवे से मिली रिपोर्ट के आधार पर यह केस दर्ज किया।
एनजीओ निष्पक्ष के डायरेक्ट शिव कुमार सक्सेना ने कोर्ट में इस एफआईआर के कॉन्टेंट को लेकर कड़ी आपत्ति जताई, जिनकी शिकायत पर ही यह पूरी कार्यवाही चल रही है। सक्सेना ने एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट चेतना सिंह के सामने अपना विरोध दर्ज कराया। दलील दी कि पुलिस ने एफआईआर में सिर्फ सलमान खान लाइव परफॉर्मेंस का जिक्र किया, अन्य प्रमुख प्रतिवादियों का नाम तक नहीं लिया, जिनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई।
अदालत ने इस पर संबंधित थाने के एसीपी को नोटिस जारी किया और मामले में अगली सुनवाई की तारीख 3 अगस्त तक फाइनल रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। सक्सेना ने 4 दिसंबर 2017 में संबंधित थाने को एक शिकायत दी थी। इसमें उन्होंने मिंटो ब्रिज पर अवैध रूप से होर्डिंग लगे होने का आरोप लगाया और इस तरह सार्वजनिक संपत्ति को गंदा करने के आरोप में कथित आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। सक्सेना की शिकायत पहली बार में खारिज हो गई थी। अपील में जाने के बाद अदालत ने उनकी शिकायत पर दोबारा से विचार किया।
अब पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति को गंदा होने से बचाने के लिए बने कानून (डीपीडीपी) एक्ट, 2007 के प्रावधानों में यह केस दर्ज कर लिया। इस कानून के तहत अपराध के लिए एक साल की कैद या 50,000 रुपये का जुर्माने का प्रावधान है। या दोनों भी हो सकते हैं। मेट्रो रेल ऑपरेशन एंड मेंटिनेंस एक्ट 2002 में इसी अपराध के लिए 10 साल कैद और 200 रुपये का जुर्माना हो सकता है।