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गम्भीर श्रीवास्तव (न्यूमरोलॉजिस्ट)
फिल्म स्टार धर्मेंद्र का 08 दिसम्बर को जन्म दिन है, वे 88 साल के हो रहे हैं. अंक 8 के इस संयोग पर जब मैने गौर किया तो पाया कि यही वो अंक है जिसने धरम जी को बेमिसाल कामयाबी दी है।
ठेठ गांव से आए :
पंजाब के लुधियाना जिला के एक छोटे से गांव के जाट परिवार में 1935 में जन्म हुआ। पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक थे। धरम जी ने फगवाड़ा से मैट्रिक पास किया। फिल्में देखने का शौक तो बचपन से ही था। कुछ समय पंप अटेंडेंट के रूप में सरकारी नौकरी भी की। विवाह भी हो गया। गांव में ही पुत्र सनी (देओल ) का जन्म 19 अक्टूबर 1956 मे जन्म हुआ। इतना सब कुछ हो जाने के बावजूद धरम जी का घर गृहस्थी में मन रम नहीं रहा था। वे दिलीप कुमार जैसा बड़ा फिल्मी सितारा बनने का ख्वाब दिन रात देखा करते थे।
फिल्मी पत्रिका "फिल्मफेयर " ने नई प्रतिभाओं की खोज के लिए एक अभियान चलाया, " रफ टफ " व्यक्तित्व वाले धरम जी का लुक और सुगठित शरीर चयन कर्ताओं को भा गया। न्यूमरोलॉजी के अनुसार अंक 8 का ही प्रभाव था जो धरम जी अपना घर, परिवार, बीवी और बच्चे को छोड़कर एक अनजान सफ़र पर निकल पड़े ! ज़रा उनकी हिम्मत तो देखिए, पंजाब का जाट फिल्मों की दुनिया में कोई जान पहचान न होने, बंबई में कोई सहारा न होने के बावजूद घर छोड़ आया ! अंक 8 के साथ अंक 1 और 3 का जो संयोग उनके डेट ऑफ बर्थ में है, उसने उनके लिए सफलता के रास्ते बनाए।
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दिल भी तेरा,हम भी तेरे...
उम्र के 26 वें ( 8 ) साल में कदम रखने ही जा रहे थे कि पहली फ़िल्म "दिल भी तेरा हम भी तेरे " 1960 में रिलीज हो गई। आस का पंछी, अनपढ़, बंदिनी, आपकी परछाइयां, हक़ीक़त, पूजा के फूल,आई मिलन की बेला , काजल...जैसी फिल्में लगातार आती हैं, और धरम जी की गाड़ी चल पड़ी। "फूल और पत्थर " को मिली अपार सफलता के साथ एक्शन हीरो की उनकी इमेज बनी, और उस ज़माने की टॉप हीरोइन मीना कुमारी के साथ उनकी नजदीकियों के किस्से आम होने लगे। 8 अंक वाले धरम जी तमाम सुख सुविधाओं और चाहने वालों के होते हुए भी मानो हमेशा से अकेलापन महसूस करते रहे हैं। इसी साल "आए दिन बहार के" जैसी रोमांटिक म्यूजिकल फिल्म ने धरम जी को सफलता की बुलंदियों पर पहुंचा दिया। अनुपमा, देवर, ममता, दिल ने फिर याद किया, बहारें फिर भी आएंगी, दुल्हन एक रात की...आदि फिल्मों के चलते धरम जी सुपर स्टार बन गए।
शिकार, इज्जत, आंखें, आया सावन झूम के, यकीन, सत्यकाम, आदमी और इंसान, आन मिलो सजना, जीवन मृत्यु, कब क्यों और कहां, प्यार ही प्यार, शराफ़त, मेरा गांव मेरा देश, गुड्डी, नया जमाना, मेरा नाम जोकर, राजा जानी, सीता और गीता, समाधि, दो चोर, लोफर, फागुन, कीमत, जुगनू, झील के उस पार, ज्वार भाटा, यादों की बारात, ब्लैक मेल, कहानी किस्मत की....
चुपके चुपके, प्रतिज्ञा, शोले, एक महल हो सपनों का, चरस, ड्रीम गर्ल, चचा भतीजा, धरम वीर, शालीमार, द बर्निंग ट्रेन, आसपास, राम बलराम, राजपूत, नौकर बीवी का, रजिया सुल्तान...., और इसके बाद भी कई फिल्में.... छः दशकों की अभिनय यात्रा में तीन सौ से भी ज्यादा फिल्म
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टर्निंग पॉइंट...
अंक 8 के प्रभाव में फैमिली लाइफ डिस्टर्ब हो जाती है। पुत्र सनी के अलावा दो बेटियां, और एक पुत्र बॉबी ( 27.01.1969 ) के होते हुए भी धरम जी ने 1980 में हेमा मालिनी ( 16 अक्टूबर 1948 ) से विवाह कर लिया, और दो बेटियों ईशा ( 1981 ) और आहना ( 1985 ) के पिता बने. अंक 8 का असर देखिए कि इस नए परिवार से भी दूरी रही। वैसे भी बड़ी सफलता लोगों को परिवार से दूर रहने को मजबूर कर देती है। बच्चों को सिंगल पेरेंट ही देख पता है, ऐसा न्यूमरोलॉजी कहता है।
बहुत भावुक...
तमाम व्यस्तताओं के बावजूद बेटे सनी को 1983 में फिल्म "बेताब " में, और बॉबी को " बरसात " में लॉन्च किया. और भी फिल्में प्रोड्यूस की।
जीवन में नया मोड़
एक ऐसे कार्य क्षेत्र में जाना पड़ा, जिसके बारे में कभी सोचा भी न था। भारतीय जनता पार्टी ने धरम जी को 2004 में राजस्थान के बीकानेर से लोकसभा चुनाव में उतार दिया। वे जीते भी,मगर कार्यकाल पूरा होते ही राजनीति से तौबा कर ली।
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सफलता का चरम समय
धरम जी 1970 से लेकर 1979 ( 8...8 ) तक बतौर हीरो सफलता के शिखर पर रहे ! यह नम्बर 8 का प्रभाव था।
बड़ा अवार्ड नहीं !!!
अपार सफलता के बावजूद सेवाओं के समुचित मूल्यांकन में कमी रह जाए, 8 अंक वालों के साथ ऐसा होता है। धरम जी को कभी "फिल्म फेयर अवार्ड" जिसकी वैसाखी पर फिल्मी दुनिया मे कदम रखे थे, नहीं मिला ! 1997 में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड जरूर दिया गया, जैसे भूल सुधार किया गया हो।हालांकि नामांकन कई बार हुआ था।
इस उम्र में भी सक्रिय, और अकेले भी!!!
कोरोना ट्रेजेडी के समय से ही मीडिया में हम देख रहे हैं कि धरम जी लोनावाला स्थित अपने विशाल फॉर्म हाउस में जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं, सब्जियां उगा रहे हैं। जैसे कि पंजाब के खेतों में लौट गए हैं....अपनी जड़ों की ओर।
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सबको पसंद रहे धरम जी...
धरम जी की फिल्मों के गीतों की लोकप्रियता गुजरते वक्त के साथ और भी बढ़ती जा रही है, क्योंकि उन गीतों में मेलोडी है। धरम जी ने आशा पारेख, मीना कुमारी, नूतन, वैजयंती माला, शर्मिला टैगोर, माला सिन्हा, रेखा, राखी, मुमताज़, हेमा मालिनी...जिन के साथ भी फिल्में की, सबके साथ उनकी जोड़ी को खूब पसंद किया गया।
अंत में...
धर्मेंद्र की फिल्मी पारी अभी खत्म नहीं हुई है। 88 वर्ष के धर्मेंद्र अपने बेटे और नाती पोतों के साथ पर्दे पर दिखाई देंगे। 8 दिसंबर को उनके 88 वें जन्मदिन पर बहुत बहुत बधाई, शुभ कामना!
(गंभीर श्रीवास्तव : तीन दशकों से जन्म कुंडली, हस्त रेखा, अंक ज्योतिष ,वास्तु शास्त्र के माध्यम से जन सेवा. काशी हिंदू विश्वविद्यालय,संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय,जीवाजी विश्वविद्यालय के ज्योतिष सम्मेलनों में सम्मानित।)
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