Advertisment

फिल्म समीक्षा: ‘गिनी वेड्स सनीः न हास्य और न रोमांस’

author-image
By Mayapuri Desk
New Update
फिल्म समीक्षा: ‘गिनी वेड्स सनीः न हास्य और न रोमांस’

-मायापुरी प्रतिनिधि

फिल्म : गिनी वेड्स सनी

स्टारः ढाई स्टार

निर्माताः सौंदर्य फिल्मस

निर्देशकः पुनीत खन्ना

लेखकः नवज्योत गुलाटी और सुमित अरोड़ा

कैमरामैनः नूतन नागराज

कलाकारः विक्रांत मैसे, यामी गौतम ,आएशा रजा मिश्रा, संचिता पुरी, सुनील नायर, मेनका रूप अरोरा ,राजीव गुप्ता,मानसी शर्मा, मजेल व्यास, दीपक चड्ढा ,गुरप्रीत सैनी व अन्य

Advertisment

अवधिः 2 घंटे 5 मिनट

ओटीटी प्लेटफॉर्मः नेटफ्लिक्स

 ‘‘हर्र लगे न फिटकरी ,रंग चोखा हो जाए।’ की सोच के साथ फिल्म निर्माता विनोद बच्चन व निर्देषक पुनीत खन्ना रोमकॅाम फिल्म ‘‘गिन्नी वेड्स सनी’’ लेकर आए हैं, मगर बात नही बनी। इस फिल्म में उन्होने प्यार को भी व्यवस्थित करने की बात की है, यह सोच ही गलत है। क्योंकि प्यार हो जाता है, प्यार को अरैंज्ड नहीं कि जा सकता.उन्होने कम खर्च में दर्शकों के सामने अति बासी कहानी परोस दी। इस फिल्म को नौ अक्टूबर से ओटीटी प्लेटफार्म ‘नेटफ्लिक्स’ पर देखा जा सकता है।

कहानीः

 दिल्ली के एक पंजाबी परिवार की लड़की गिन्नी (यामी गौतम) को प्रेम विवाह करना है,उसके कई दोस्त हैं। पर वह खुद कंफ्यूज्ड है। उसकी माँ शोभा जुनेजा (आएशा रजा मिश्रा) मैच मेकर यानीकि कुंवारे लड़के व लड़कियों की शादियां करवाती हैं। गिन्नी पहले सुमित (गुरप्रीत सैनी) के संग शादी के सपने देखती थी, मगर फिर बात नही बनी। इन दिनों वह निशांत के साथ घूमती है। निशांत धनवान है। नई गाड़ी खरीदी है, मगर जब भी गिन्नी उससे शादी की बात करती है, तो वह टाल जाता है। उसके माता पिता रोहतक में रहते हैं।

 उधर एक हार्डवेअर दुकान के मालिक सेठी (राजीव गुप्ता) हैं, उनकी एक बेटी निम्मी सेठी (मजेल व्यास) व बेटा सनी (विक्राम मैसे) है। सनी बहुत अच्छा शेफ है, यानी कि बहुत अच्छा भोजन पकाता है। सनी अपना रेस्टोरेंट खोलना चाहता है। सनी के माता पिता चाहते हैं कि सनी जल्दी से शादी कर ले, फिर वह उसकी रूचि के अनुरूप रेस्टोरेंट खुलवा देंगे। सेठी जी एक दिन शोभा जुनेजा से कहते हैं कि वह उनके बेटे सनी की शादी करवाने में मदद करें। शोभा कहती हैं कि वह अपने बेटे सनी को उनके पास मिलने के लिए भेजें।

सनी से मिलते ही शोभा जुनेजा को लगता है कि यह लड़का तो उनकी बेटी गिन्नी के उपयुक्त है. मगर उन्हें पता है कि उनकी बेटी गिन्नी जिद्दी है और उस पर प्रेम विवाह का भूत सवार हैं। इसलिए शोभा जुनेजा, सनी को राह दिखाती है कि वह किस तरह पहले गिन्नी से दोस्ती करे, फिर उसे प्रभावित कर उसे शादी के लिए राजी करे। शुरूआत में सनी के हाथ असफलता ही लगती है। पर इसी बीच सनी का उठना बैठना गिन्नी के साथ ही गिन्नी के दोस्त निशांत व प्रेरणा( संचिता पुरी) वगैरह के संग होने लगती है।

गिन्नी से प्रेरणा कहती है कि सनी अच्छा लड़का है। इसी बीच गिन्नी के सभी दोस्त मंसूरी जा रहे है, मगर ऐन वक्त पर निशांत नहीं जा पाता, तब उसकी जगह पर गिन्नी, सनी को साथ में ले जाती है। मसूरी में दोनो काफी नजदीक आ जाते हैं। गिन्नी व सनी एक दूसरे को ‘किस’ करने वाले होते हैं कि तभी वहां पर अपनी गाड़ी से निशांत पहुँच जाता है और गिन्नी को सगाई की अंगूठी पहना देता है। सनी को निराशा होती है। वह मायूस हो जाता है। पर फिर गिन्नी की मां उसका हौसला बढ़ाती है।

एक दिन निशांत व गिन्नी में झगड़ा हो जाता है। तब गिन्नी, सनी संग शादी के लिए तैयार होकर सनी को अपनी मां से मिलवाने के लिए घर पर रात्रिभोज के लिए बुलाती है। मगर सनी के पहुँचने से पहले ही निशांत अपने माता पिता के साथ गिन्नी के घर पहुँच जाता है।

सनी भी पहुंचता है और सुमित भी पहुँच जाता है। काफी कुछ ड्रामा होता है। अंततः गिन्नी, सनी, निशांत और सुमित से संबंध खत्म कर देती है। तब हार कर  सनी नेहा संग शादी के लिए तैयार हो जाता है,पर फिर कई घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं। अंततः गिन्नी व सनी की शादी हो जाती है।

समीक्षाः

 फिल्म देखकर लगता है कि लेखकों ने कुछ बॉलीवुड फिल्मों की नकल करते हुए कहानी गढ़ दी, फिर उसमें कुछ दक्षिण भारतीय फिल्मो से उठाकर संवाद पिरो दिए। फिल्म का गाना ‘एल ओ एल’ का फिल्म की कहानी से कोई संबंध ही नहीं नजर आता। कई दृश्य बड़ी बेवकूफी वाले नजर आते हैं। लेखक व निर्देशक ने कहानी, पटकथा, संवाद व चरित्र चित्रण पर कोई मेहनत नहीं की। इन्हे पंजाबी परिवारों की शादी व खानपान का भी कोई अनुभव नजर आता। फिल्म धीमी गति से घिसटती रहती है। फिल्म रोमकॉम है, मगर इसमें हास्य व रोमांस कहीं नजर ही नही आता।

अभिनयः

 जहाँ तक अभिनय का सवाल है तो विक्रांत मैसे ने सही लड़की के संग शादी करने के लिए बेताब लड़के के गुस्से को सही ढंग से अपने अभिनय से संवारा है।वर्तमान समय की स्वतंत्र,जिद्दी, सषक्त व सदा मुस्कुराते रहने वाली गिन्नी के किरदार को यामी गौतम ने बेहतर ढंग से उकेरा है। मगर दोनों के बीच कैमिस्ट्री ठीक से उभर नही पायी। आएशा, रजा मिश्रा, राजीव गुप्ता ने ठीक ठाक अभिनय किया है।

Advertisment
Latest Stories