फिल्म इंडस्ट्री के लिए बॉक्स ऑफिस कलेक्शन हमेशा से ही ज़रुरी विषय रहा हैं. पहले प्रोड्यूसर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स ही फिल्मी बिजनेस पर चर्चा करते थे. आजकल ये आकड़े ऑडियंस की दिलचस्पी का हिस्सा बन गए है. फिल्म लवर्स के बीच अब अचानक ही बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को लेकर काफी रुचि दिखने लगी हैं. साथ ही ऑडियंस फिल्म के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के आधार पर यह फैसला भी ले रही है कि फिल्म अच्छी है या नही.
शाहिद(Shahid), अलीगढ़ (Aligarh), ओमेर्टा (Omerta) और वेब सीरीज स्कैम 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी (Scam 1992: The Harshad Mehta Story) जैसी फिल्मों के डायरेक्टर हंसल मेहता ने हाल ही में बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को लेकर ट्विटर पर अपने विचार शेयर किए. हंसल मेहता (Hansal Mehta) ने लिखा कि बॉक्स ऑफिस एक डायरेक्टर निजी चिंता है ऑडियंस को इसके बारे नही सोचना चाहिए उन्हें सिर्फ ये सोचना है कि जिस फिल्म को देखने के लिए उन्होंने टिकट ली हैं वह इस लायक है. ऑडियंस को इस बात पर बहस नही करनी चाहिए कि किस स्टार की कीमत बढ़नी चाहिए या गिरनी चाहिए.
बॉक्स ऑफिस किसी तरह का बिजनेंस नही है. यह सिर्फ फिल्म में लोगो को शामिल करने और प्रभावित करने का एक अलग तरिका है. बॉक्स ऑफिस के नंबरों पर फिल्मों को जज करना बंद करे. कभी-कभी कुछ एवरेज फिल्में बहुत पैसा कमा लेती है और अच्छी फिल्में कम पैसा कमाती हैं. लोगो को सिर्फ फिल्म को लेकर अपने अनुभव शेयर करने चाहिए.
इसी के साथ बहुत से यूजर्स एक साथ कंमेट करने जिसमें कुछ ने हंसल का सपोर्ट भी किया और कुछ ने ऑडियंस के फेवर में कमेंट किए. इस बात पर जोर दिया कि बॉक्स ऑफिस कलेक्शन फिल्म की पॉपुलैरिटी और ऑडियंस पर निर्भर करती हैं. आगे चलकर एक्टर मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) भी हंसल मेहता के समर्थन में ट्विटर थ्रेड में शामिल हुए.
हंसल मेहता ‘स्कूप’ (Scoop) नाम के वेब शो के लिए तैयारी कर रहे हैं. स्कूप जिग्ना वोरा (Jigna Vora) की जीवनी पर बेस्ड किताब , बिहाइंड द बार्स इन बयाकुला: माई डेज़ इन प्रिज़न (Behind The Bars In Byculla: My Days in Prison ) से प्ररित है. इसमें करिश्मा तन्ना (Karishma Tanna) मुख्य भूमिका में नज़र आने वाली हैं.