जन्मदिन विशेष: गुरु का दास (गुरदास मान) जो इंसानियत और खुदाई को सलामत रखता है By Ali Peter John 04 Jan 2023 | एडिट 04 Jan 2023 01:00 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर मैं अपने कोपभवन में बैठा किसी ऐसे ठिकाने की तलाश में था जहाँ मैं नकारात्मकताओं और अंधकार से राहत पा सकूँ। उस अंधकार से निजात पा सकूँ जो दिनों-दिन और भयानक होता जा रहा है। इसी दौरान मुझे एक कॉल आती है और किसी चमत्कार की तरह मेरी सारी नेगेटिविटी, नकारात्मक ऊर्जा को धता बताकर मुझे फिर मुस्कुराने का हौसला देती है। हाँ चमत्कार ही कह सकता हूँ क्योंकि इन परेशानियों और उदासियों भरे समय में किसी की आवाज़ भर से सुकून मिलना चमत्कार ही है। इस कॉल करने वाले की आवाज़ यूँ तो मैं कोई चार साल बाद सुन रहा था, पर मुझे ऐसा लग रहा था मानों पिछली शाम ही तो ये आवाज़ मेरे कानों में घुली थी। ये आवाज़ और किसी की नहीं, उस ऊपर वाले के नेक बन्दे 'गुरदास मान' की थी। इस आवाज़ को सिर्फ पंजाब में ही नहीं, बल्कि विश्व भर के लोग कुदरत का तोहफा करार देते हैं। वो तोहफा जो ये याद दिलाता है कि अभी अच्छाई बाकी है, रब और इंसानियत अभी ख़त्म नहीं हुए और वो कभी ख़त्म नहीं हो सकते। गुरदास मान से बात करना ख़ुद दुनिया भर की नकारात्मकताओं से दूर करना है गुरदास मान की आवाज़ जब मेरे कानों में पड़ती है तो लगता है मानों किसी संत की मख़मली आवाज़ सुन रहा हूँ। ऐसी असाधारण और मेग्नेटिक आवाज़ सुनकर मुझपर ऐसा असर हुआ कि मैं अपनी आरामदायक कुर्सी से तुरंत उठा और उस कुर्सी पर बैठा जहाँ मैं गुरदास को बेहतर सुन सकता था, कनेक्टिविटी बेहतर आ रही थी। उसकी आवाज़ ठीक वैसी ही थी जैसी मैंने चार साल पहले सुनी थी। वो ऐसे कह रहा था मानों कोई पुराना बिछड़ा दोस्त है, या जैसे कोई संत जो सिर्फ और सिर्फ मेरी ख़ैरियत जानने का अभिलाषी है। मैंने उसे बताया कि मेरा एक्सीडेंट हो गया है, ये सुन वो कुछ पल रुककर बोला 'साईं मेरे, साईं मेरे! ओ मेरे दाता!' और फिर बातों ही बातों में उसने मुझे फिर नई ऊर्जा और सकारात्मकता से भर दिया। मैं एक बार फिर आशावादी हो गया। मुझे याद नहीं ऐसी ऊर्जा मैंने मैंने किसी से बात करने के बाद आख़िरी बार कब महसूस की थी। जब मैं घर पहुँचा तो मैंने जाना कि गुरदास मान जैसा होने भर की सोच भर से मुझे कैसी दिव्य शक्ति महसूस हुई है। मैंने एक गर्म चाय का प्याला लिया और अपने पलंग पर तकरीबन लेटकर पूरे दिन को दुबारा सोचना शुरु किया कि कैसे मैंने सारा दिन हालातों का सामना किया, कैसे सिचुएशन को एक चैलेंज की तरह फेस किया, हर तरह के अच्छे-बुरे लोगों से मैं मिला, मैं ये सब सोच ही रहा था कि अचानक मेरे ढल चुके चेहरे पर चमक आ गयी, एक मुस्कान मेरे चेहरे पर फैल गयी जब मैंने याद किया कि मेरी बात तो रब के भले बन्दे से हुई थी, गुरदास मान! इतना सोचते ही मेरे दिल-ओ-दिमाग में एक जश्न का सा माहौल बन गया। गुरदास मान ने मुझे कोई स्पेशल फील नहीं करवाया, बल्कि इसके उलट हमेशा एक बड़ी सी ख़ुशनुमा मुस्कराहट के साथ, पूरी सादगी के साथ बताया कि वो भी उतना ही आम इंसान है जितने सब हैं। सब एक समान है। गुरदास मान की आवाज़ की पॉपुलैरिटी से मैं बहुत समय पहले से भली भांति परिचित था पर गुरदास को जानने का मौका मुझे तब मिला जब उसने फिल्मों में काम करना भी शुरु किया। उन फिल्म्स की शूटिंग मुंबई और बाकी जगहों पर होती थी। कुछ में विदेश भी जाना होता था। उसकी फिल्मों में से कुछ के बारे में मुझे भी अच्छे से जानने का मौका मिला, जैसे शहीद उधम सिंह, वारिस शाह इश्क़ दा वारिस, शहीद-ए-आज़म बूटा सिंह, ज़िन्दगी ख़ूबसूरत है (हिंदी) और सुखमनी। सुखमनी उसकी पत्नी मंजीत सिंह के द्वारा डायरेक्ट की पहली फिल्म थी। मंजीत हमेशा एक मजबूत स्तम्भ की तरह उसके सपोर्ट में बनी रही। गुरदास मान का डांस भी सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि लोगों को जागरुक करने के लिए होता है पिछले चालीस से भी ज़्यादा वर्षों से मान (जिसे मान साहब के नाम से लोग बेहतर जानते हैं) अपने संगीत का जादू लगभग विश्व के हर कोने में बिखेर रहा है। जो गाने गुरदास ने लिखे और गाए उसे सुनकर ऑडियंस ने यकीनन ख़ुद को हमेशा ऐसा महसूस कराया मानों वो किसी और दुनिया में हों, मगर साथ ही ये भी एहसास कराया कि ज़िन्दगी की हक़ीक़त को जानना कितना आसान है। मान की हाल ही की अल्बम की चर्चा क्या धार्मिक क्या राजनीतिक और क्या संगीत से जुड़े जनों में ही, हर तरफ हो रही है। आज किसान जो झेल रहे हैं, जिस मुसीबत का सामना कर रहे हैं उसके बारे में मान ने कई साल पहले ही अपने गीतों के द्वारा कह दिया था. ये भी एक पहलू है मान का, जो ये जताता है कि मान शायद आने वाले समय को बहुत अच्छे से समझ लेता है। मान ने जो पंजाबी लोक गीतों और भांगड़े के लिए योगदान दिया है वो आज की पीढ़ी के लिए बिलाशक़ प्रेरणादायक है। मान अपने ज़्यादातर गानों को ख़ुद ही कोरिओग्राफ करता है। सिर्फ अपने लिए ही नहीं, अपने साथी आर्टिस्ट्स के लिए भी डांस डायरेक्ट करने में मान को कोई गुरेज नहीं होती। वो जो भी करता है वो सिर्फ और सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं होता बल्कि समाज को जागरुक करने में भी अपना योगदान होता है। मुझे हेमशा लगता रहा है कि गुरदास मान वो कर रहा है जो संत, साधू या दार्शनिक करते हैं। बल्कि कई बार वो भी इतना समाज को योगदान नहीं दे सकते हैं जितना अकेले मान ने दिया है। मुझे पूरा विश्वास है कि रब का ये नेक बन्दा अभी और ऐसे चमत्कार करेगा जो सर्वजन के लिए कल्याणकारी होंगे। मैं उस भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं जिसने एक ऐसे व्यक्ति में ‘मान’ को बनाया गुरदास मान कोई साधारण इंसान है ही नहीं, उसके बारे में बताना बिलकुल भी आसान नहीं। कोई उसके बारे में क्या कहे जो ख़ुद एक नहीं बल्कि दो दो बड़ी प्राणघातक दुर्घटनाओं से लगभग मरते-मरते बचा है। कोई उस 'मान' के बारे में क्या कहे जो अनगिनत लोगों की मदद बिना किसी स्वार्थ के करता चलता है। मैं क्या कहूं उस गुरदास मान के बारे में जो मुझसे कुछ साल छोटा ज़रूर है पर जिसकी इंसानियत और दरियादिली के आगे मेरा ख़ुद झुककर सलाम करने का मन होता है। कोई अदृश्य शक्ति है मान के पास जिसके चलते लोगों का विश्वास उसपर दिनों दिन बढ़ता ही जाता है। ऐसा लगता है मानों ख़ुद ऊपर वाला मान के अंदर बसता है। ऐसा लगता है न? मैं उस ऊपर वाले का शुक्रगुज़ार हूँ जिसने 'मान' को इस संसार में भेजा। रब का एक ऐसा बन्दा जिसकी हर संभव कोशिश होती है कि वो अपने गानों के द्वारा उसी बनाने वाले के लिए क़सीदे पढ़ सके, उसका शुक्रगुज़ार हो सके। मैं उन माँ-पिता का भी शुक्रगुज़ार हूँ जिनकी बदौलत इस दुनिया को गुरदास मान मिला। मान, जिसका अर्थ अर्थ ही गर्व है; उसने अपने चहुंओर, जो भी उससे मिला, जो भी गुरदास की संगत का साक्षी बना, जिसको भी उसने छू भर लिया उसका मान बढ़ाया। कुछ लोगों की नज़र में गुरदास मान ठीक वैसे ही है जैसे बाकी गवैये हैं जबकि मैं बिलकुल अलग सोचता हूँ। गुरदास मान सिर्फ कोई 'एक' गायक या एंटरटेनर भर नहीं है, गुरदास मान वो है जिसे ख़ुद रब ने एक मिशन के तहत भेजा है, जिसका मकसद है लोगों तक ये बात पहुंचाना है कि ऊपर वाले की कृपा और उसकी महिमा हमेशा, जबतक ऊपर वाला और उसकी दुनिया कायम है; मौजूद रहेगी। सभी डार्क पॉवर और भय जो ने अब मुझे छोड़ दिया है मैं गुरदास मान के साथ अपनी यात्रा से वापस आ गया हूं। मैं अपने ठिकाने में अपने कोने पर वापस आ गया हूं। लेकिन वह सभी डार्क पॉवर और भय जो मेरे दिमाग, दिल और आत्मा के आसपास खतरनाक रूप से बढ़ रही थी, उनसे अब मुझे निजात मिल गयी है। क्या यह गुरदास मान का जादू है जिसने मुझे बचा लिया? मैं चाहता हूं और यह विश्वास करना पसंद करूंगा कि यह उनका जादू है जिसने मेरे साथ ऐसा किया है। और मुझे उम्मीद है कि मेरे जैसे और भी कई लोग हैं जो गुरदास मान नामक ‘मान’ के मंत्रमुग्ध कर देने वाले जादू को महसूस करेंगे। मैं अपने कोपभवन में बैठा किसी ऐसे ठिकाने की तलाश में था जहाँ मैं नकारात्मकताओं और अंधकार से राहत पा सकूँ। उस अंधकार से निजात पा सकूँ जो दिनों-दिन और भयानक होता जा रहा है। इसी दौरान मुझे एक कॉल आती है और किसी चमत्कार की तरह मेरी सारी नेगेटिविटी, नकारात्मक ऊर्जा को धता बताकर मुझे फिर मुस्कुराने का हौसला देती है। हाँ चमत्कार ही कह सकता हूँ क्योंकि इन परेशानियों और उदासियों भरे समय में किसी की आवाज़ भर से सुकून मिलना चमत्कार ही है। इस कॉल करने वाले की आवाज़ यूँ तो मैं कोई चार साल बाद सुन रहा था, पर मुझे ऐसा लग रहा था मानों पिछली शाम ही तो ये आवाज़ मेरे कानों में घुली थी। ये आवाज़ और किसी की नहीं, उस ऊपर वाले के नेक बन्दे 'गुरदास मान' की थी। इस आवाज़ को सिर्फ पंजाब में ही नहीं, बल्कि विश्व भर के लोग कुदरत का तोहफा करार देते हैं। वो तोहफा जो ये याद दिलाता है कि अभी अच्छाई बाकी है, रब और इंसानियत अभी ख़त्म नहीं हुए और वो कभी ख़त्म नहीं हो सकते। गुरदास मान से बात करना ख़ुद दुनिया भर की नकारात्मकताओं से दूर करना है गुरदास मान की आवाज़ जब मेरे कानों में पड़ती है तो लगता है मानों किसी संत की मख़मली आवाज़ सुन रहा हूँ। ऐसी असाधारण और मेग्नेटिक आवाज़ सुनकर मुझपर ऐसा असर हुआ कि मैं अपनी आरामदायक कुर्सी से तुरंत उठा और उस कुर्सी पर बैठा जहाँ मैं गुरदास को बेहतर सुन सकता था, कनेक्टिविटी बेहतर आ रही थी। उसकी आवाज़ ठीक वैसी ही थी जैसी मैंने चार साल पहले सुनी थी। वो ऐसे कह रहा था मानों कोई पुराना बिछड़ा दोस्त है, या जैसे कोई संत जो सिर्फ और सिर्फ मेरी ख़ैरियत जानने का अभिलाषी है। मैंने उसे बताया कि मेरा एक्सीडेंट हो गया है, ये सुन वो कुछ पल रुककर बोला 'साईं मेरे, साईं मेरे! ओ मेरे दाता!' और फिर बातों ही बातों में उसने मुझे फिर नई ऊर्जा और सकारात्मकता से भर दिया। मैं एक बार फिर आशावादी हो गया। मुझे याद नहीं ऐसी ऊर्जा मैंने मैंने किसी से बात करने के बाद आख़िरी बार कब महसूस की थी। जब मैं घर पहुँचा तो मैंने जाना कि गुरदास मान जैसा होने भर की सोच भर से मुझे कैसी दिव्य शक्ति महसूस हुई है। मैंने एक गर्म चाय का प्याला लिया और अपने पलंग पर तकरीबन लेटकर पूरे दिन को दुबारा सोचना शुरु किया कि कैसे मैंने सारा दिन हालातों का सामना किया, कैसे सिचुएशन को एक चैलेंज की तरह फेस किया, हर तरह के अच्छे-बुरे लोगों से मैं मिला, मैं ये सब सोच ही रहा था कि अचानक मेरे ढल चुके चेहरे पर चमक आ गयी, एक मुस्कान मेरे चेहरे पर फैल गयी जब मैंने याद किया कि मेरी बात तो रब के भले बन्दे से हुई थी, गुरदास मान! इतना सोचते ही मेरे दिल-ओ-दिमाग में एक जश्न का सा माहौल बन गया। गुरदास मान ने मुझे कोई स्पेशल फील नहीं करवाया, बल्कि इसके उलट हमेशा एक बड़ी सी ख़ुशनुमा मुस्कराहट के साथ, पूरी सादगी के साथ बताया कि वो भी उतना ही आम इंसान है जितने सब हैं। सब एक समान है। गुरदास मान की आवाज़ की पॉपुलैरिटी से मैं बहुत समय पहले से भली भांति परिचित था पर गुरदास को जानने का मौका मुझे तब मिला जब उसने फिल्मों में काम करना भी शुरु किया। उन फिल्म्स की शूटिंग मुंबई और बाकी जगहों पर होती थी। कुछ में विदेश भी जाना होता था। उसकी फिल्मों में से कुछ के बारे में मुझे भी अच्छे से जानने का मौका मिला, जैसे शहीद उधम सिंह, वारिस शाह इश्क़ दा वारिस, शहीद-ए-आज़म बूटा सिंह, ज़िन्दगी ख़ूबसूरत है (हिंदी) और सुखमनी। सुखमनी उसकी पत्नी मंजीत सिंह के द्वारा डायरेक्ट की पहली फिल्म थी। मंजीत हमेशा एक मजबूत स्तम्भ की तरह उसके सपोर्ट में बनी रही। गुरदास मान का डांस भी सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि लोगों को जागरुक करने के लिए होता है पिछले चालीस से भी ज़्यादा वर्षों से मान (जिसे मान साहब के नाम से लोग बेहतर जानते हैं) अपने संगीत का जादू लगभग विश्व के हर कोने में बिखेर रहा है। जो गाने गुरदास ने लिखे और गाए उसे सुनकर ऑडियंस ने यकीनन ख़ुद को हमेशा ऐसा महसूस कराया मानों वो किसी और दुनिया में हों, मगर साथ ही ये भी एहसास कराया कि ज़िन्दगी की हक़ीक़त को जानना कितना आसान है। मान की हाल ही की अल्बम की चर्चा क्या धार्मिक क्या राजनीतिक और क्या संगीत से जुड़े जनों में ही, हर तरफ हो रही है। आज किसान जो झेल रहे हैं, जिस मुसीबत का सामना कर रहे हैं उसके बारे में मान ने कई साल पहले ही अपने गीतों के द्वारा कह दिया था. ये भी एक पहलू है मान का, जो ये जताता है कि मान शायद आने वाले समय को बहुत अच्छे से समझ लेता है। मान ने जो पंजाबी लोक गीतों और भांगड़े के लिए योगदान दिया है वो आज की पीढ़ी के लिए बिलाशक़ प्रेरणादायक है। मान अपने ज़्यादातर गानों को ख़ुद ही कोरिओग्राफ करता है। सिर्फ अपने लिए ही नहीं, अपने साथी आर्टिस्ट्स के लिए भी डांस डायरेक्ट करने में मान को कोई गुरेज नहीं होती। वो जो भी करता है वो सिर्फ और सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं होता बल्कि समाज को जागरुक करने में भी अपना योगदान होता है। मुझे हेमशा लगता रहा है कि गुरदास मान वो कर रहा है जो संत, साधू या दार्शनिक करते हैं। बल्कि कई बार वो भी इतना समाज को योगदान नहीं दे सकते हैं जितना अकेले मान ने दिया है। मुझे पूरा विश्वास है कि रब का ये नेक बन्दा अभी और ऐसे चमत्कार करेगा जो सर्वजन के लिए कल्याणकारी होंगे। मैं उस भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं जिसने एक ऐसे व्यक्ति में ‘मान’ को बनाया गुरदास मान कोई साधारण इंसान है ही नहीं, उसके बारे में बताना बिलकुल भी आसान नहीं। कोई उसके बारे में क्या कहे जो ख़ुद एक नहीं बल्कि दो दो बड़ी प्राणघातक दुर्घटनाओं से लगभग मरते-मरते बचा है। कोई उस 'मान' के बारे में क्या कहे जो अनगिनत लोगों की मदद बिना किसी स्वार्थ के करता चलता है। मैं क्या कहूं उस गुरदास मान के बारे में जो मुझसे कुछ साल छोटा ज़रूर है पर जिसकी इंसानियत और दरियादिली के आगे मेरा ख़ुद झुककर सलाम करने का मन होता है। कोई अदृश्य शक्ति है मान के पास जिसके चलते लोगों का विश्वास उसपर दिनों दिन बढ़ता ही जाता है। ऐसा लगता है मानों ख़ुद ऊपर वाला मान के अंदर बसता है। ऐसा लगता है न? मैं उस ऊपर वाले का शुक्रगुज़ार हूँ जिसने 'मान' को इस संसार में भेजा। रब का एक ऐसा बन्दा जिसकी हर संभव कोशिश होती है कि वो अपने गानों के द्वारा उसी बनाने वाले के लिए क़सीदे पढ़ सके, उसका शुक्रगुज़ार हो सके। मैं उन माँ-पिता का भी शुक्रगुज़ार हूँ जिनकी बदौलत इस दुनिया को गुरदास मान मिला। मान, जिसका अर्थ अर्थ ही गर्व है; उसने अपने चहुंओर, जो भी उससे मिला, जो भी गुरदास की संगत का साक्षी बना, जिसको भी उसने छू भर लिया उसका मान बढ़ाया। कुछ लोगों की नज़र में गुरदास मान ठीक वैसे ही है जैसे बाकी गवैये हैं जबकि मैं बिलकुल अलग सोचता हूँ। गुरदास मान सिर्फ कोई 'एक' गायक या एंटरटेनर भर नहीं है, गुरदास मान वो है जिसे ख़ुद रब ने एक मिशन के तहत भेजा है, जिसका मकसद है लोगों तक ये बात पहुंचाना है कि ऊपर वाले की कृपा और उसकी महिमा हमेशा, जबतक ऊपर वाला और उसकी दुनिया कायम है; मौजूद रहेगी। सभी डार्क पॉवर और भय जो ने अब मुझे छोड़ दिया है मैं गुरदास मान के साथ अपनी यात्रा से वापस आ गया हूं। मैं अपने ठिकाने में अपने कोने पर वापस आ गया हूं। लेकिन वह सभी डार्क पॉवर और भय जो मेरे दिमाग, दिल और आत्मा के आसपास खतरनाक रूप से बढ़ रही थी, उनसे अब मुझे निजात मिल गयी है। क्या यह गुरदास मान का जादू है जिसने मुझे बचा लिया? मैं चाहता हूं और यह विश्वास करना पसंद करूंगा कि यह उनका जादू है जिसने मेरे साथ ऐसा किया है। और मुझे उम्मीद है कि मेरे जैसे और भी कई लोग हैं जो गुरदास मान नामक ‘मान’ के मंत्रमुग्ध कर देने वाले जादू को महसूस करेंगे। #Gurdas Maan #Gurdas Maan 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