8 दिसंबर को जन्मे धर्मेंद्र ने अपने छः दशक के लम्बे करियर में 300 से भी अधिक फिल्मों में काम किया है. उनके दमदार और आकर्षक रोल की वजह से उन्हें '"ही-मैन" के नाम से भी जाना जाता है. सिर्फ अपने हीं दशक के नहीं धरम जी हर दशक के लोगो को पसंद आते हैं, आखिर शोले के वीरू को कौन भूल सकता है, उनके डायलॉग और एक्शन के दीवाने आज भी कई हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें धर्मेंद्र न सिर्फ एक अभिनेता हैं बल्कि वो एक निर्माता भी है, और साथ हीं वो लोकसभा के सांसद भी रह चुके हैं. इस वर्ष धर्मेंद्र अपना 88 वां जन्मदिन मना रहे हैं. आइये आपको "ही-मैन" के जीवन से जुड़े कुछ कहानियां और किस्से बताते हैं.
क्या आपको पता है धर्मेन्द्र का पूरा नाम?
क्या आपको धर्मेंद्र का पूरा नाम पता है? दरसल जिन्हे हम सिर्फ धर्मेंद्र या धरम के नाम से जानते हैं उनका पूरा नाम धर्मेंद्र केवल कृष्णा देओल है. आपको बताते चले की इनका जन्म पंजाब के लुधियाना जिले में हुआ था. आपको बता दें धर्मेंद्र एक्टर बनने से पहले मुंबई जैसे बड़े शहर में सर्वाइव करने के लिए गराज में काम किया करते थे, जिसके बारे में बात करते हुए वो हमेशा भावुक हो जाते हैं.
कैसे हुई थी उनकी फ़िल्मी करियर की शुरुआत?
उनके करियर की बात करें तो धर्मेंद्र फिल्मफेयर के एक प्रतियोगिता के विजेता थे और इसके नाते वो मुंबई आ गए थे, उन्हें एक फिल्म में काम करने का वादा किया गया था लेकिन ऐसा हुआ नहीं और बाद में उन्होंने 1960 में अर्जुन हिंगोरानी की फिल्म 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' से अपने करियर की शुरआत की. शुरुआत के दिनों में उन्होंने कई फिल्मों में सपोर्टिंग किरदार भी निभाए थे.
शुरुआत के दिनों में धर्मेंद्र की जोड़ी नूतन और मीना कुमारी के साथ बनी थी. इन दोनों के साथ धरम जी ने कई फ़िल्में की. मीना कुमारी के साथ उनकी फिल्म 'फूल और पत्थर' जो की इनकी पहली एक्शन फिल्म थी और बहुत बड़ी हिट गयी, इसी फिल्म ने उन्हें ए-लिस्टर्स एक्टर की गिनती में ला दिया. धर्मेंद्र ने फिल्म 'आयी मिलन की बेला', 'आया सावन झूम के', और 'मेरे हमदम मेरे दोस्त' जैसे फिल्मो में रोमांटिक हीरो का किरदार निभाया था.
वर्सटाइल एक्टर “ही-मैन”
70 का दशक धरम जी के लिए बहुत ही धमाकेदार दशक था. हिट फिल्मों के साथ-साथ उसी दशक में उनकी मुलाकात हेमा मालिनी से हुई, जो अब उनकी पत्नी हैं. उनके फिल्मी करियर की सुपरहिट फिल्में भी इसी दशक में बनीं, जिन्हें लोग आज भी याद करते हैं. इस दशक में उन्होंने 'सीता और गीता', 'धरम वीर', 'चाचा भतीजा' और 'शोले' जैसी फिल्में कीं. वो अपनी फिल्म 'सत्यकाम' (1969) और 'कब क्यों और कहां' (1970) के प्रेसेंटेटर भी थे.
धरम जी ने एक्शन फिल्मों से लेकर रोमांटिक हीरो तक हर तरह की फिल्में की हैं और यही कारण है कि उन्हें एक वर्सटाइल एक्टर भी कहा जाता है.
हेमा और धर्मेंद्र की सफल जोड़ी
उनकी सबसे सफल जोड़ी हेमा मालिनी के साथ थी. इस सफल जोड़ी ने 'राजा जानी', 'सीता और गीता', 'शराफत', 'नया जमाना', 'पत्थर और पायल', 'तुम हसीं मैं जवां', 'ब्लैकमेल', 'दोस्त', 'चरस', 'मां', 'चाचा भतीजा', 'आजाद' और 'शोले' सहित कई फिल्मों में एक साथ अभिनय किया. उनके सबसे नोटेबल एक्टिंग परफॉरमेंस में हृषिकेश मुखर्जी के साथ ‘सत्यकाम’, और ‘शोले’ शामिल हैं, जिसे इंडियाटाइम्स ने 25 हमेशा देखी जाने वाली फिल्मों में लिस्ट किया है.
धर्मेंद्र की पंजाबी फ़िल्में
आपको बताते चले कि हिंदी फिल्मों के अलावा उन्होंने समय-समय पर अपनी मूल भाषा पंजाबी में भी फिल्में बनाईं, जिनमें 'कंकन दे ओहले' (1970) में उन्होंने विशेष भूमिका निभाई थी, 'दो शेर' (1974), 'दुख भंजन तेरा नाम' (1974), 'तेरी मेरी इक जिंदरी' (1975), 'पुट्ट जट्टां दे' (1982) और कुर्बानी जट्ट दी (1990) में काम किया. 2014 में आयी फिल्म 'डबल दी ट्रबल' से लंबे अंतराल के बाद उन्होंने पंजाबी सिनेमा में वापसी की.
दोनों बेटों को किया था लॉन्च
एक्टिंग के साथ-साथ उन्होंने फ़िल्म प्रोडक्शन भी किया है, उन्होंने अपने दोनों बेटों के डेब्यू फिल्म को प्रोड्यूस किया था, बेताब (1983) में सनी देयोल और बरसात (1995) में बॉबी देयोल और साथ ही फिल्म 'सोचा ना था' (2005) में अपने भतीजे अभय देयोल को भी लॉन्च किया.
क्या है धर्मेंद्र के निजी जीवन की कहानी?
जितना रोमांचक धरम जी का फ़िल्मी करियर रहा है उतना हीं रोमांचक इनका निजी जीवन भी रहा है. सिर्फ 19 साल की उम्र में उनकी शादी प्रकाश कौर से हुई थी जिससे दो बेटे सनी देओल और बॉबी देओल हैं और दो बेटियां विजेता, और अजीता हैं. बाद में जब हेमा मालिनी और धर्मेंद्र का प्यार परवाने चढ़ा तब इन्होने हेमा से शादी की. ऐसा माना जाता है की शादी करने के लिए हेमा मालिनी और धमेंद्र ने इस्लाम अपना लिया था क्योंकि धर्मेंद्र की पहली पत्नी तलाक देने को तैयार नहीं थी और हिन्दू समाज में आपकी दो बीबियां नहीं हो सकती हैं. दोनों की शादी के बाद काफी कंट्रोवर्सी भी हुई थी लेकिन दोनों ने कभी भी इस्लाम अपना लेने की बात नहीं स्वीकारी. आज धर्मेंद्र और हेमा की दो बेटियां हैं, ईशा देओल और अहाना देओल.
कैसे मिले थे वीरू बसंती से?
आपको बता दें धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की पहली मुलाकात 1970 में 'तू हसीन मैं जवां' के सेट पर हुई थी. और इस मुलाक़ात में हीं दोनों ने एक दुसरे को दिल दे दिया था, यूँ कहे तो दोनों को लव ऐट फर्स्ट साईट हुआ था. एक इंटरव्यू के दौरन हेमा ने बताया था कि उन्होंने जब पहली बार धर्मेन्द्र को देखा था तब उनके मन में बस यही ख्याल आया था कि उनको बस धर्मेन्द्र के साथ पूरी जिंदगी बितानी है. दोनों ने पाँच साल एक दुसरे को डेट किया, और कई मुश्किलों का सामना करते हुए आखिरकार शादी के बंधन में बंध गए.
सेकेंड इनिंग
फर्स्ट इनिंग में धमाकेदार फ़िल्में देने के बाद अपनी सेकेंड इनिंग में भी धरम जी ने कमाल की फ़िल्में की हैं. 2011 में, उन्होंने अपने बेटों के साथ ‘यमला पगला दीवाना’ में काम किया, जो 14 जनवरी 2011 को रिलीज़ हुई थी, इस फिल्म का दूसरा सीक्वल, ‘यमला पगला दीवाना 2’, 2013 में रिलीज़ हुई थी, और इसी फिल्म का तीसरा सीक्वल ‘यमला पगला दीवाना 3’ जो कि 2018 रिलीज़ हुआ, उसमे वो एक बार फिर अपने बेटों के साथ में नजर आए. इसके अलावा उन्होंने और भी बहुत सी फिल्मों में काम किया है. सेकेंड इनिंग में सिर्फ फ़िल्में हीं नही धरम जी ने टीवी में भी काम किया शो ‘India’s Got Talent’ के जज बनने से लेकर हाल हीं में आई वेब सीरीज ‘ताज: डिवाइडेड बाई ब्लड’ में भी काम किया है. उनकी हालिया रिलीज़ फिल्म 'रॉकी और रानी' है, जिसमे शबाना आज़मी के साथ एक किसिंग सिन को लेकर धर्मेंद्र काफी चर्चा में रहे हैं. इस उम्र में भी धर्मेन्द्र काम कर रहे हैं और लोगो का दिल जीत रहे हैं.
लिविंग लेजेंड अवॉर्ड से किये जा चुके हैं सम्मानित
अपने समय के मोस्ट हैंडसम अभिनेता के रूप में जाने जाने वाले अभिनेता को कई अवॉर्डस से सम्मानित किया गया है, 1990 में उन्हें फिल्म 'घायल' के लिए Best Popular Film Providing Wholesome Entertainment के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) ने सिनेमा में उनके आउटस्टैंडिंग कंट्रीब्यूशन के लिए उन्हें लिविंग लेजेंड के अवॉर्ड से सम्मानित किया था. कई इवेंट में उनको लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी दिया गया है. 2012 में भारत सरकार की ओर से भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी धरम जी को नवाज़ा गया है.
आयुषी सिन्हा