अपने वास्तविक स्वरूप में रहने के लिए धन्यवाद आयुष्मान

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By Mayapuri Desk
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अपने वास्तविक स्वरूप में रहने के लिए धन्यवाद आयुष्मान

प्रिय आयुष्मान,

मुझे तुम्हें आयुष्मान जी कहकर बुलाने का मन कर रहा है क्योंकि पिछले कुछ सालों में तुमने जितनी उपल्बधियाँ  हासिल की है उसने मुझे तुम्हारे जैसे बहुमुखी प्रतिभा के धनी इंसान का प्रशंसक बना दिया है.

मैं उस जमाने से आता हूँ जब मेरी जान- पहचान देवानंद,दिलीप कुमार,राज कपूर, राजकुमार, बलराज साहनी, विजय आनंद, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, एसडी बर्मन, आरडी बर्मन,मोहम्मद रफी,किशोर कुमार, के.ए.अब्बास साहिर लुधियानवी, कैफी आज़मी, आनंद बक्शी, बी.आर.चोपड़ा, यश चोपड़ा,आशा भोसलें और भारत की स्वर कोकिला भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर से हुआ करती थी. वो सही मायनों में स्वर्ण युग था. मुझे गर्व है कि मैं उस युग का हिस्सा था और मुझे उस जमाने की सारी बातें मेरे मरते दम तक याद रहेगी. मुझे नहीं पता कि शाहरुख खान के बाद मेरी सच्ची प्रतिभा को ढूंढने की भूख क्यों खत्म हो गई और उस वक्त से मैं हमेशा उस प्रतिभा की तलाश में रहता था जो मुझे मेरे जमाने का अहसास दिला पायें. और एक दिन मेरी ये खोज तुम्हारे नाम पर आकर खत्म हो गई जब मैंने तुम्हारा काम देखा. उसके बाद से मैं तुम्हारा काम देखता आ रहा हूँ और देखता रहूँगा जब तक तुम अच्छा काम करते रहोगे.

अपने वास्तविक स्वरूप में रहने के लिए धन्यवाद आयुष्मान

मैंने तुम्हारा काम सबसे पहले 'विकी डोनर' में देखा था, और मैं सोचता रहा कि कोई नया कलाकार अपने करियर की शुरुआत में इतना साहसी  किरदार कैसे कर सकता है. मैं तुम्हारे इस हिम्मत की बहुत प्रशंसा करता हूं कि तुमने ऐसे किरदार को निभाने के लिए हामी भरी है और उसे बहुत ही अच्छे तरीके से निभाया. और तुम्हारे इस कदम पर सिर्फ हिंदी सिनेमा नहीं बल्कि पूरे भारतिय सिनेमा को गर्व है. मुझे तुम्हें और तुम्हारे काम पर बहुत भरोसा है और आशा है कि यह दिन प्रतिदिन और अच्छी होती जाएगी.मैं यह भी आशा करता हूँ कि मैं और थोड़ा जी सकूँ ताकि मैं तुम्हारे और भी अद्भुत काम को देख सकूँ.

तुमने मेरी उम्मीद से भी बढ़कर काम किया है. तुमने एक ही समय पर अलग और ओरिजिनल काम किए हैं ,जब इंडस्ट्री के बाकी लोग एक रोबोट की तरह बिना दिमाग और दिल के काम किए जा रहे थे. तुमने मुझे अपने अद्भुत और  अकल्पनीय अभिनय से बहुत प्रभावित किया है. तुमने 'दम लगा के हईशा', 'शुभ मंगल सावधान' और मेरे दोस्त की फिल्म अँधाधुन में बहुत ही उम्दा अभिनय किया है और अंधाधुन सही मायने में राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के काबिल है. यह पुरस्कार साबित करता है कि तुम कितने प्रतिभावान हो. तुम उस पीढ़ी के अभिनेताओं में से हो जिस पीढ़ी से मेरी सारी आशाएँ खत्म हो चुकी थी.

अपने वास्तविक स्वरूप में रहने के लिए धन्यवाद आयुष्मान

मैं तुम्हें तुम्हारे टीवी के समय से जानता  हूं और तुम्हारे बारे में और जाने के लिए मैंने तुम्हारे पिछले जीवन पर भी रिसर्च किया. मैं यह जरूर कहूंगा कि तुमने आज़ जो कुछ भी अर्जित किया है उसके लिए साहस, खुद पर विश्वास और आस्था होनी चाहिए, जो तुमने भरपूर है.

तुम जिस तरीके से दर्शकों को अपने परफॉर्मेंस से खुश  करते हो और जिस तरीके से दर्शक तुम्हारे परफॉर्मेंस देख कर पागल होते हैं वह देखकर मुझे बहुत आश्चर्य होता है. तुम्हारे प्रशंसक हर जगह है और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को भी तुम्हारे भीतर एक उज्जवल भविष्य दिखता है.मैं 'गुलाबो सिताबो' का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं यह देखने के लिए कि जादुई इंसान अमिताभ  और आज के वनडर मैन (आयुष्मान खुराना) ने साथ मिलकर क्या जादू किया है.

अपने वास्तविक स्वरूप में रहने के लिए धन्यवाद आयुष्मान

मैं तुम्हारे गायन प्रतिभा का भी प्रशंसक हूँ. बीती रात ही मैंने एक वीडियो देखी, जिसमें सभी जाने-माने गायक प्लास्टिक से होने वाले नकारात्मक प्रभाव पर गाना गा रहे थे. और मैंने उस वीडियो को तीन बार देखा कि कैसे लोग इतने महत्वपूर्ण विषय पर अच्छे तरीके से गाना गाकर लोगों को संदेश दे रहे हैं. मैंने इस वीडियो को बार-बार इसलिए भी देखा ताकि मैं तुम्हारी आवाज सुन सकूँ कि तुमने किस तरीके से इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर गाया है.

मैं ये छुपा नहीं सकता कि मैं जब भी तुम्हें सुनता हूँ, तुम्हें देखता हूँ तो मेरी धड़कनें तेज हो जाती है और मेरी आत्मा को संतुष्टि और शांति मिलती है.  तुम कुछ हो, तुम बहुत स्पेशल हो, तुम पर भगवान की असीम कृपा है, तुम खजाना हो आज के लिए, कल के लिए और हमेशा के लिए.

अपने वास्तविक स्वरूप में रहने के लिए धन्यवाद आयुष्मान

इस दिन पर मैं तुम्हारे लिए सिर्फ तुम्हारी दिल से प्रशंसा कर सकता हूं और भगवान से यह दुआ कर सकता हूं कि तुम्हें लंबी उम्र दे और तुम इसी तरह अपने काम से लोगों को खुश किया करो. मुझे बहुत खुशी होती है कि मैं इतनी लंबी उम्र तक जिया कि मैं तुम्हारे जैसे प्रतिभावान व्यक्ति के काम को देख पाया.

मैं तुम्हारा बहुत धन्यवाद करना चाहता हूँ कि तुम, तुम हो तुम आयुष्मान खुराना हो और आयुष्मान खुराना ही बने रहते हो,कोई बनावट नहीं है तुममें. आशा करता हूँ कि तुम हमेशा ऐसे ही रहोगे चाहे तुम्हें पूरी दुनिया ही क्यों न दे दी जायें.

तुम्हारा प्रशंसक

अली पीटर जॉन

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