इंडियन प्लेबैक सिंगर, हरिहरन का जन्म 3 अप्रैल 1955 को हुआ था. हरिहरन का पूरा नाम हरिहरन अनंत सुब्रमणि है. सिंगर भजन और ग़ज़ल के लिए मुख्य रुप से प्रसिद्ध हैं. हरिहरन ज्यादतर तमिल, हिंदी और तेलुगु भाषओं में गाते हैं, साथ ही सिंगर नें मलयालम, कन्नड़, मराठी, सिंहल और भोजपुरी सहित 10 अन्य भाषाओं में 15,000 से ज्यादा गीत गा चुके हैं. संगीत जगत में एक फ्यूजन म्यूजिक के लिए भी प्रसिद्ध हैं.
हरिहरन को साल 2004 में भारत सरकार ने ‘पद्म श्री’ से सम्मनित किया गया था और दो बार ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ विजेता भी रह चुके हैं. हरिहरन ने लेस्ली लुईस के साथ मिलकर दो सदस्यीय बैंड कोलोनियस कजिन्स का गठन किया था और तमिल और हिंदी में कुछ फीचर फिल्मों के लिए संगीत भी तैयार किए है.
9 अक्टूबर 2021 को टी-सीरीज़ के लेबल के तहत रिकॉर्ड किए गए हरिहरन और दिवंगत गुलशन कुमार की ‘हनुमान चालीसा’ नें यूट्यूब पर 2 मिलियन से ज्यादा का आंकड़ा पर करने वाली दुनियां का पहला गीत बन गया.
हरिहरन के संगीत करियर
हरिहरन ने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत कॉन्सर्ट सर्किट से की और टीवी पर भी कुछ गीत गाए. साथ ही टीवी सीरियल जूनून के लिए भी गीत गाए. साल 1977 में हरिहरन ने ‘अखिल भारतीय सुर सिंगार प्रतियोगिता’ में श्रेष्ठ पुरस्कार जीता जिसके बाद 1978 में सिंगर को संगीत निर्देशक जयदेव की नई हिंदी फिल्म ‘गमन’ के लिए साइन किया गया. उस फिल्म में हरिहरन का पहला गाना ‘अजीब सो नेहा मुझ पर गुजर गया यारों’ इतना हिट हुआ की सिंगर को उत्तर प्रदेश राज्य फिल्म पुरस्कार के साथ राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नोमिनेट किया गया.
हरिहरन ने साल 1992 में म्यूजिक डायरेक्टर ए.आर रहमान के साथ तमिल फिल्म जगत में एन्ट्री ली और मणिरत्नम की फिल्म ‘रोजा’ में देशभक्ति गीत "थमिझा थमिझा" को साथ मिलकर गाया. आगे चलकर साल 1995 में तमिलनाडु राज्य सरकार ने फिल्म अवार्ड में बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर की श्रेणी में शामिल किया. हरिहरन ने यह गीत मणिरत्नम के बॉम्बे में ए.आर रहमान के गीत "उइरे उइरे" के लिए मिला था जिसको सिंगर नें के.एस चित्र के साथ गया था.
हरिहरन ने 500 से ज्यादा तमिल गाने और लगभग 200 हिंदी गाने गाए हैं. सिंगर ने मलयालम, तेलुगु, कन्नड़, मराठी, बंगली और ओडिया भाषाओं में भी सैकड़ों गीत गा चुके हैं. हरिहरन ने साल 2005 में तमिल फिल्म ‘पावर ऑफ वीमेन’ में एक्टिंग की और तमिल फिल्म ‘बॉयज’ और मलयालम फिल्म ‘मिलेनियम स्टार्स’ में कैमियो रोल करते नज़र आ चुके हैं.
गज़ल के क्षेत्र में है अनोखा स्थान
हरिहरन भारतीय ग़ज़ल गायकों और संगीतकार में से एक हैं. सिंगर ने अपने शुरुआती करियर में तीस से ज्यादा एल्बम में गज़ल के स्कोर खुद लिखे और संगीतबद्ध किया. हरिहरन ने अपनी पहली ग़ज़ल आशा भोसले के साथ ‘आबशर-ए-ग़ज़ल’ गाई जोकि फैंस के बीच काफी पॉपुलर हुई. आगे चलकर सिंगर ने एक और एल्बम ‘गुलफाम’ की जिसने न सिर्फ डबल बिक्री की साथ ही साल 1995 में हरिहरन को बेस्ट एल्बम के लिए ‘दिवा अवार्ड’ भी दिलाया.
हरिहरन ने बहुत सी ज़ग़ले की जिनको फैंस ने काफी प्यार दिया जैस साल 1992 में ‘हाज़िर’, 1996 में ‘जश्न’, 1996 में ‘हल्का नशा’, 2001 में ‘स्वर उत्सव’ और साल 2008 में ‘लफ्ज़’. हरिहरन नें तबला वादक ज़ाकिर हुसैन के साथ ‘हाज़िर’ एल्बम में साथ काम किया. साथ ही हरिहरन की एल्बम ‘लाहौर के रंग हरि के संग’ देश ही नही विदेशों में बहुत सी प्रशंसा हासिल की.
अब भी कायम हैं जल्वा
हरिहरन ने 'बीबीसी' के एक इंटरव्यू में जब पूछा गया की आज आपके जीवन में संगीत के क्या मायनें हैं. तो इसपर जवाब देते हुए हरिहरन कहते हैं कि 'संगीत मेरे लिए वैसा है जैसे सांस लेते हैं वैसा ही हैं'. सिंगर ने कुछ ही शब्दों में अपने पूरे संगीत प्रेरणा की व्याख्य कर दी.
सिंगर हरिहन ने हाल ही में 18 मार्च को 'बज्म-ए-खास' यूट्यूब चैनप पर वेद गुप्ता द्वार निर्मित 'समझा तो कर' सॉग लांच किया. म्यूजिक विडियो में एक्टर 'अक्शा परदासनी' पर फिल्माया गया हैं. गीत को की 'आलोक श्रीवास्तव' द्वारा लिखा गया है और 'क्षितिज तारे' ने रचना कर इस खूबसूरत गीत की शूटिंग की गई है. 'समझा तो कर' एक आत्मीय और रोमेंटिक एहसास से भरपूर हैं. इस गीत को पॉपुलेरिटी को देखते हुए ये लगता हैं की हरिहरन की आवाज के फैंस आज भी दिवाने हैं. चाहे वह जिस भी एरा में गाए वह फैंस के दिल और दिमाग पर आपना रंग चढ़ा देते हैं.