क्या '75 Rupees' टिकट वाले Indian Cinema Day की पहली तारिख (16 सितम्बर) को बदला गया है 'Brahmastra की वजह से?

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By Sharad Rai
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Has the 1st date (September 16) of Indian Cinema Day with 75 Rupees ticket changed because of Brahmastra

सिनेमा तमाशा की दुनिया है यह बात बार बार साबित होती रहती है और एकबार फिर हुई है. सिनेमा कर्मियों की दुनिया बॉलीवुड ने इसबार तमाशा किया है सिनेमा- दिवस का नाम लेकर. देश की आज़ादी के 75 वें वर्ष - अमृत महोत्सव को जब सब सेलिब्रेट कर रहे हैं तो सिनेमा के लोग पीछे क्यों रहें? इसी सोच के तहत मल्टीप्लेक्स असोसिएशन ऑफ इंडिया (MAI) ने तय किया कि भारतीय सिनेमा दिवस के नाम पर एक दिन पूरे देश मे सेलिब्रेशन हो और उसदिन सभी सिनेमा घरों में एक ही टिकट का दाम 75 रुपए रखा जाए. देशके 4000 के करीब सिनेमा घरों को इसबात के लिए तैयार कर लिया गया. दिन तय किया गया 16 सितम्बर. सिनेमा- डे के दिन महज 75 रुपए में टिकट मिलेगा, इस बात से दर्शकों में भी खुशी देखी गयी. महंगे सिनेमा घरों में कम दाम की बात से तमाम लोग फिल्म देखने का प्लान बना लिए थे. इस हफ्ते की चर्चित फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' देखने की इच्छा बहुतों को हो आई थी.पर तभी नया अनाउंसमेंट आगया ट्वीटर पर मल्टीप्लेक्स असोसिएशन की तरफ से की सिनेमा दिवस 16 सितंबर की जगह 23 सितम्बर को सेलिब्रेट किया जाएगा.और, सिर्फ उसी दिन सिनेमा का टिकट 75 रुपए किया जाएगा.अब इस तिथि बदलाव से तमाम लोग निराश हो गए हैं जो सस्ते दाम पर सिनेमा देखने की योजना 16 तारीख को बनाए थे.अब उनको इंतेज़ार करना पड़ा 23 तारीख तक का.

सिनेमा दिवस का सेलिब्रेशन एक सप्ताह देर से किये जाने की कोई खास वजह ? इसका सही जवाब MAI के पास नही था सिवाय यह कहने के की उस तारीख पर उनके थियेटर पार्टनर्स को कई असुविधाएं हो रही थी. लेकिन इस बात का जवाब उनलोगों के पास है जो बॉलीवुड वाक आऊट (बायकॉट) की झंडा वरदायी कर रहे हैं.उनका कहना है- यह सब ड्रामा इसलिए हो रहा है ताकि 'ब्रह्मास्त्र' को अधिक पैसा कमाने का एक सप्ताह और मिल जाए. सिर्फ 75 रुपए का कमदाम वाला टिकट बेंचने से थियेटर ओनर्स को नुकसान हो रहा था, क्योंकि असली कमाई किसी फिल्म की सिर्फ 2 हफ्तों में ही हुआ करती है.तीसरे हफ्ते से आजकल फिल्में लुढ़कने लगती हैं. लिहाजा इंडियन 'सिनेमा डे' को ''ब्रह्मास्त्र'' रिलीज के बाद 2 सप्ताह का मौका देने के लिए मल्टीप्लेक्स असोसिएशन द्वारा PVR और INOX की मीटिंग के बाद ऐसा कहा गया कि 'सिनेमा डे' 16 सितम्बर की बजाय 23 सितम्बर को सेलिब्रेट होगा.

जहांतक भरतीय सिनेमा दिवस की बात है यह तिथि है 14 मार्च 1931 - जब पहली भारतीय फिल्म 'आलमआरा' का प्रदर्शन हुआ था.अगर सिनेमा हॉल की बात करें तो भारत मे पहला सिनेमा घर 2007 में कोलकत्ता में चौरंगीलेन में शुरू हुआ था, नाम था  एल्फिंस्टन टाकीज, जो बाद में चैपलीन सिनेमा कहा जाने लगा. मजे की बात है कि थियेटर असोसिएशन वालों को यह तिथि इंडियन सिनेमा- डे के रूप में उन तारिखों पर क्यों याद नहीं आया ? 16 सितम्बर (अब 23 सितम्बर) की तिथि के लिए तर्क यह है कि सिनेमा घरों में लोग एक रुकावट के बाद वापसी लिए हैं. आना शुरू हुए हैं. यानी- थैंक्स अदायगी की रस्म है यह आयोजन. दरअसल सिनेमा की दुनिया है ही तमाशे की नगरी ! तमाशा में घाटा हो यह भी इनको कबूल नही होता चाहे इसके लिए वे सिनेमा का असली जन्मदिवस मनाना ही क्यों ना भुला बैठें!

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