‘बलम पिचकारी जो तूने मुझे मारी
तो सीधी सादी छोरी शराबी हो गयी
हा जीन्स पहनके जो तूने मारे ठुमके
तो लटटू पड़ोसन की भावी हो गयी...’
फिल्म ‘यह जवानी है दीवानी’ में ‘बलम पिचकारी’ गीत पर दीपिका पादुकोण और रणबीर कपूर ने जो मस्ती उड़ेला है, आज के जमाने के यूथ के लिए यह गीत होली गीत का पर्याय बन गया है. इस गीत की चर्चा में एक होली पर दीपिका पादुकोण ने बताया था - ‘यह गीत मुझे भी बहुत पसंद है. होली के दिन जब इसे बजता सुनती हूं मैं भी झूम उठती हूं हालांकि मैं होली नहीं खेलती. लेकिन यह गीत मेरे घर भी बजता है. जब यह होली खेलते लोगों की मस्ती के बीच बजता हुआ सुनती हूं तो बेहद रोमांचित हो जाती हूं, अच्छा लगता है. मैं समझती हूं यही मेरा होली कंट्रीब्यूशन है.’
दीपिका ने पर्दे पर कई बार होली का रंग खेली है, वह भरपूर रंग से गीली भी हो उठी हैं. यह संयोग है कि वह दोनो ही रणवीरों (रणवीर सिंह और रणबीर कपूर) की होली गर्ल के रूप में पार्टनर रही हैं जो आज के यूथ के आईकॉन, मानती हैं- ‘शूटिंग की होली वो होली नहीं होती जो पर्दे पर दिखाई देती है. पर्दे पर तीन चार मिनट में पूरा गीत आ जाता है और लोगों को सिर्फ कलाकारों की मस्ती ही दिखाई देती है. जबकि हकीकत में ये दृश्य फिल्माने में कितने घंटे कितने दिन लगते हैं... पसीने निकलते हैं. टुकड़े-टुकड़े में एक एक लाइन फिल्माई जाती है. वहां मस्ती नहीं, मेहनत की बात दिमाग मे होती है. सैकड़ों की भीड़ होती है. भींगकर बीमार पड़ जाते हैं सो अलग. ‘बलम पिचकारी’ गीत के बाद मैं बीमार पड़ गयी थी. ‘गोलियों की रासलीलाः रामलीला’ के फिल्मांकन के समय तो मैंने बीमारी में शॉट्स ओके कराया था. दर्शक हमारे गानों में हमारा रोमांटिक एंगल ढूढते हैं जबकि हम कलाकार गहरी सांसें लेते हैं.
यह दूसरी बात है कि होली गीत में लड़के-लड़कियां खुद को रणबीर और दीपिका की जगह रखकर ‘बलम पिचकारी’ की मस्ती को जीना चाहते हैं लेकिन हकीकत में जो गीत के रोल मॉडल होते हैं वे मस्ती भरी होली शायद ही खेल पाते हैं. दीपिका ने रणवीर सिंह के साथ ‘गोलियों की रासलीलाः राम लीला’ का गीत करते हुए भरपूर एन्जॉय किया था जिसे वह स्वीकार करती हैं. गीत के बोल थे- ‘लहू मुँह लग गया... नस नस में जग गया.’ यह गीत म्युजिकली बहुत स्ट्रांग था लेकिन शूटिंग करने तक दीपिका को गाने का मतलब नहीं पता था. जब शॉट्स के बाद किसी ने उनसे पूछा था कि गाने का मतलब क्या है, तब दीपिका का जवाब था- संजय लीला भंसाली... इस फिल्म के डायरेक्टर भी वो थे और म्यूजिक डायरेक्टर भी, वो जो बेजोड़ हैं उनसे क्या पूछना? यही बात हर बड़े कलाकार की होती है जो खुद को डायरेक्टर पर छोड़ देते हैं.
जहां तक होली और दीपिका का सम्बंध है पर्दे पर वह सहज होती हैं लेकिन पर्दे से दूर की होली से दूरी ही बरतती हैं. इसी तरह अपनी नई फिल्म की कंट्रोवर्सी पर भी वह हमेशा खामोशी बरतती हैं चाहे ‘पठान’ जैसे सुपर गाने की चर्चा ही क्यों न हो!