निर्देशक अभिषेक पाठक दृश्यम 2 की सीक्वल को डायरेक्ट कर रहे है. इस शुक्रवार रिलीज हुई है फिल्म और इस फिल्म को ढेर सारा प्यार मिल रहा है. इस फिल्म में अजय देवगन, तब्बू, श्रिया सरन और अन्य सभी कलाकार नजर आ रहे है. अक्षय खन्ना इस फिल्म में आई जी का किरदार निभा रहे है और उनकी एक धमाकेदार इस फिल्म में एंट्री हुई है. गायतोंडे को भी वापस इस फिल्म में लाया गया है यह मलयालम फिल्म की रीमेक है जिसे अभिषेक पाठक ने निर्देशित किया है. निर्देशक अभिषेक पाठक ने हमारे सवालों के जवाब दिए -
क्या आपको नहीं लगा की दृश्यम 2 को ओ टी टी पर रिलीज करना चाहिए?
जी बिल्कुल भी नहीं. यह फिल्म सिनेमा घरों में ही रिलीज के लिए बनाई गयी है और हमने इसे थिएट्रिकल रिलीज ही करनी थी. मुझे विश्वास है दर्शक थिएटर में देखने इस फिल्म को जरूर आएंगे. हमने इसका स्केल कमर्शियल एलिमेंट के साथ बनाया है और दृश्यम एक कल्ट फिल्म है साथ ही इस फिल्म का फैन बेस भी बहुत ज्यादा है सो सभी उत्सुक है इस फिल्म में क्या होगा इसे देखने, मुझे पूर्ण विश्वास है कि लोग जरूर आएंगे. इस फिल्म को ओ टी टी पर रिलीज करके मैं दर्शको का मजा और उत्सुक्ता किरकिरा नहीं करना चाहता हूँ.
यह फिल्म हिन्दी दर्शकों को किस तरह से आकर्षित करेगी?
मलयालम वर्शन में अंग्रेजी में सुब टाइटल है सो दर्शक अपनी भाषा में फिल्में देखना पसंद करते है. और लोग थ्रिलर फिल्म विसुअल देखना पसंद करते है. सब टाइटल्स देख कर लोग अपना दिमाग पलटना नहीं चाहते है. सुब टाइटल्स पढने से लोग डिस्ट्रक्ट हो जाते है सो सभी इस चीज को पसंद नहीं करते है. यह मलयालम फिल्म की एक बेहतरीन फ्रैंचाइजी है अतः मेकर्स ने इसकी डबिंग राइट्स भी किसिस को नहीं दी है. हम हिंदी में बना रहे है और आशा है लोगो को भी यह फिल्म जरूर पसंद आएगी. वो अपने हीरो को देखने थिएटर में जरूर आएंगे.
क्या आपको लगता है पैन्डेमिक के बाद हेरोइस्म की परिभाषा बदल गयी है?
जी नहीं बस मुझे लगता है सही फिल्म और कहानी लोगों तक पहुंचाना चाहिए. हेरोइस्म अपनी जगह पर ही है. अजय सर, अक्षय सर और कार्तिक आर्यन हो यदि फिल्म की कहानी अच्छी है तो यह सभी दर्शकों को थिएटर के अंदर ले आने में सफल होते है.आज भी आप देखे दर्शको को सिनेमा घरो में ही फिल्में देखना पसंद है.
अजय देवगन को निर्देशित कर रहे है पहली बार नर्वस लगा होगा?उनके साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
शुरूआत जब की तब बहुत नर्वस फील हुआ. लेकिन एक दो दिन के बाद मुझे बहुत कम्फर्टेबले लगा. हमने किसी भी तरह का डिस्कशन नहीं किया. वो बहुत ही क्लियर अभिनेता है. नरेशन के बाद उन्हें समझ गया था की हम क्या करने जा रहे है. स्क्रिप्ट बेहद क्लैरिटी के साथ लिखी है हमने. सभी एक्टर्स को स्क्रिप्ट से क्लियर हो जाता है उन्हें क्या करना है. स्क्रीनप्ले भी होता है कि उन्हें कब उठना है कब बैठना है, इत्यादि सो उन्हें यह सब मालूम था अतः कोई प्रॉब्लम नहीं पेश आयी. मैंने यह सब इस लिए किया क्योंकि में इन पहली के साथ पहली बारी काम कर रहा था और मुझे इन सभी एक्टर्स को अपना बनाना था काम के जरिये. हमने सभी के साथ बेहद बेहतरीन तरह से काम किया और सभी एक्टर्स बहुत ही सर्फटीव थे. अजय सर मुझे यह कहते-अच्छा तू बता क्या करना है? बस सब कुछ बहुत ही सूक्ष्मता और सरलता से हो गया.
यह फिल्म निर्देशित करना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होगी आपकी? आप ने किस तरह इस फिल्म को निर्देशित ठानी?
जी हाँ यह फिल्म को डायरेक्ट करने में बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी. दरअसल में इस फिल्म को डायरेक्ट करने का मेरा कोई भी इरादा नहीं था. जब हमने इस फिल्म की राइट्स ली तो मैं बतौर प्रोडूसर ही इस फिल्म से जुड़ा था दरअसल में मैं एक दूसरी फिल्म पर काम रहा था. एक दिन मेरे पिताजी ने मुझ से कहा -तू क्यों नहीं यह फिल्म को डायरेक्ट करता ? निशि सर तो हमारे साथ नहीं रहे सो मैं कुछ दिनों बाद इस फिल्म पर काम करने के हामी भर दी. दृश्यम पार्ट 1 एक बेहद ही बड़ा आर्ट रहा और मलयालम एवं हिंदी भी सभी को पसंद आयी थी. इस फिल्म को निर्देशित करना आसान काम नहीं था. बस मैंने स्क्रिप्ट पर बहुत काम किया और नरेशन के बाद सभी स्टोर्स ने जब स्क्रिप्ट पढ़ी तो सभी को बेहद पसंद आयी.आशा करता हूँ फिल्म दर्शकों को भी पसंद आएगी.