‘मैंने ऐसी कहानी कभी किसी हिंदी फिल्म में नहीं देखी है’- निर्देशक लक्ष्मण उतेकर By Mayapuri Desk 24 Feb 2019 | एडिट 24 Feb 2019 23:00 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर लिपिका वर्मा फिल्म ’लुका छुपी’ के निर्देशक लक्ष्मण उतेकर प्रोमोशंस में जुटे हुए है। सभी अभिनेता एवं निर्माता फिल्म के रिलीज़ होने से पहले टेलीविजन पर एवं मीडिया इंटरेक्शन द्वारा और अलग अलग माध्यम से अपनी फिल्मों को प्रमोट करते हैं। फिल्म ‘लुका छुपी’ के निर्देशक लक्ष्मण उतेकर से लिपिका वर्मा की बातचीत के कुछ अंश पेश है - लिव इन रिलेशनशिप केवल छोटे शहरों में ऐसा करना प्रॉब्लम होता है क्या ? - जी नहीं, यदि आप लिव इन रिलेशनशिप मुंबई में भी कर रहे हो तो आपको ढेरो समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आपको किसी भी सोसाइटी में घर मिलना मुश्किल हो जाता है। मेट्रो सिटीज में तो खासकर कोई भी आपको छत नहीं देना पसंद करता है। आधिकारिक तौर से तो यह बिल्कुल सम्भव नहीं है। कहानी का जन्म कैसे हुआ ? - ऐसा नहीं है कि मैं इस सिलसिले में अनुभवी हूँ अतः कहानी लिखी हो? यह कहानी मेरी पिछली फिल्म ’लालबॉगची रानी’ के लेखक रोशन शंकर ने लिखी है। यह उतर दिशा को दर्शाती कहानी है। जब कि मुंबई जैसे बड़े शहरों में भी आपको रहने नहीं दिया जाता है तो आप सोचिये मथुरा या आगरा में रहना, ऐसे जोड़ो को कितना मुश्किल होता होगा ? हमारी फिल्म “लुका छुपी “ एक मनोरंजक कहानी है जो यह दर्शाती है कि जब एक जोड़ा लिव इन में रहने की सोचता है तो उन्हें किन-किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कहानी पर थोड़ा रोशनी डाले ? - मैंने ऐसी कहानी कभी किसी हिंदी फिल्म में नहीं देखी है। अब यह जोड़ा अपने परिवार में ही रहने लगता है। और उनके परिवार की क्या कुछ प्रतिक्रिया होती है यह तो आपको फिल्म देख कर ही मालूम होगा? यह एक मीडिल क्लास परिवार से आते हैं और लिव इन में रहने की सोच रहे हैं जबकि यह जानते हैं बिना शादी रहने को बुरा माना जाता है। इसके बाद क्या होता है ? यह सब कुछ फिल्म में दर्शाया गया है। आगरा यह फिर कई शहरों में वैलेंटाइन डे पर भाई बहन भी यदि साथ घूमते हुए नजर आते हैं तो लोगों की क्या प्रतिक्रिया होती है यह भी हमने हंसी मजाक मोड़ में दिखाया है। अपने बारे में कुछ बताएं ? - मैंने तेवर, इंग्लिश विंग्लिश, डियर जिंदगी में बतौर सिनेमाटोग्रॉफर काम किया है मुझे कैमरे से बहुत प्यार है मैंने हिंदी मीडियम और 102 नॉट आऊट शूट की। मैंने दो मराठी फ़िल्में डायरेक्ट की है। बतौर सिनेमैटोग्राफर अपना विज़न दिखलाते हुए आप बोर हो जाते हैं। मुझे हमेशा लगा - मैं कुछ अलग कहना चाहता हूँ। हालांकि यह फिल्म मैंने प्लान नहीं की। पर जब रोहन अचानक मेरे पास लेकर आये, जोकि नार्थ इंडिया पर आधारित है। इसका कल्चर एवं रहन -सहन कपड़े इत्यादि ने मेरे मन को मोह लिया, और बतौर फिल्मकार मुझे यह कहानी चुनौतीपूर्ण लगी और मैंने इसकी निर्देशन की बाग़डोर संभाल ली। दिनेश विजन के साथ बतौर निर्माता काम करने का अनुभव कैसा रहा ? - दिनेश विजन के साथ काम करने का आनद कुछ और ही रहा। उन्होंने मुझे इस फिल्म पर ढेर सारे सुझाव दिए। यह सुझाव मेरे लिए फिल्म बनाने के दौरान अत्यंत कीमती साबित हुई। उन्होंने मुझे यही कहा सेट्स पर काम करते हुए उसका लुफ्त उठायें और ख़ुशी ख़ुशी काम कीजिये .उन्होंने हमारे काम में हस्तक्षेप बिल्कुल भी नहीं किया। आपने बतौर सिनेमाटोग्राफर काम करना मिस नहीं किया क्या? - जी बिल्कुल मिस किया। मेरी अगली फिल्म अमित शर्मा जी की है। इसमें, मैं बतौर सिनेमैटोग्राफर ही काम कर रहा हूँ। #Laxman Utekar #Lukka Chhupis हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article