‘मुझे हर तरह के किरदार निभाने हैं’- आकांक्षा रंजन कपूर

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By Mayapuri
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‘मुझे हर तरह के किरदार निभाने हैं’- आकांक्षा रंजन कपूर

अभिनेता, निर्माता व निर्देषक षषि रंजन की बेटी आकांक्षा रंजन कपूर ने दो वर्ष पहले फिल्म ‘‘गिल्टी’’ में डार्क व गंभीर किरदार निभाते हुए अपने अभिनय कैरियर की षुरूआत की थी. इस फिल्म में उनके साथ कियारा आडवाणी भी थीं. इस फिल्म से ही उन्हे काफी षोहरत मिल गयी थी. उसके बाद वह वेब सीरीज ‘रे’ में नजर आयीं. इन दिनों वह नेटफ्लिक्स पर स्ट्ीम हो रही फिल्म ‘‘मोनिका ओ माय डार्लिंग’’ में अभिनय कर षोहरत बटोर रही हैं,जिसमें उनके साथ राज कुमार राव, राधिका आप्टे व हुमा कुरेषी जैसे कलाकार है. प्रस्तुत है ‘मायापुरी’ के लिए आकांक्षा रंजन कपूर से हुई बातचीत के अंष.

आपकी परवरिष फिल्मी माहौल में हुई, इसलिए आपको अभिनय का चस्का लगा?

हाॅ! ऐसा आप कह सकते हैं. लेकिन जब मैं नर्सरी में पढ़ती थी और मुझे इस बात का अहसास नहीं था कि मेरे माता पिता क्या करते हैं, तब भी मैं नाटक करती थी. यानी कि अनजाने ही मेरे अंदर अभिनय की भूख बचपन से ही थी. मेरे अंदर अभिनय का कुछ तो चस्का था. एक्टिंग की प्यास तो बचपन से थी. फिर जैसे जैसे बड़ी होती गयी, तो अपने घर में सब देखती रही.

नर्सरी में तो बचपना था. मगर अभिनय को कैरियर बनाने का ख्याल आपके दिमाग में कब आया?

सच कहूॅॅं तो अभिनय कैरियर बन सकता है अथवा अभिनय से पैसा कमाया जा सकता है, इस बात का ज्ञान होने से पहले से ही मेरे दिमाग में था कि मुझे एक्टिंग करना है. मुझे तो दिन रात सिर्फ एक्टिंग ही करनी थी. मैं टीवी देखते हुए कुछ संवाद कर लेती थी, फिर उन्हे षीषे के सामने एक्ट करती थी. जब मम्मी पापा के दोस्त आते थे या कोई घरेलू फंक्षन होता था, तब मैं लोगों के सामने डंास करती थी. कुछ अभिनय या मिमिक्री कर समय बिताती थी. तो कुल मिलाकर मुझे यही समझ में आता था. मुझे सिर्फ अभिनय ही करना था.

एक कलाकार के तौर पर खुद को किस तरह से तैयार किया?

स्कूल की पढ़ाई पूरी होने के बाद मैंने अभिनय व फिल्म विधा को समझने के लिए मंुबई के गोरेगांव स्थित ‘व्हिषलिंग वूड स्कूल’ से दो साल का कोर्स किया. फिर परफार्मिंग आर्ट्स का आईटीए स्कूल है, वहां से भी चार माह का कोर्स किया. मैंने बाॅलीवुड डांस के साथ ही कत्थक नृत्य भी सीखा. मैने डिक्षन क्लासेस ली.पूरे तीन साल तक मैंने खुद को इस तरह से तैयार किया. फिर नेटफ्लिक्स की फिल्म ‘गिल्टी’ मिल गयी. इसकी षूटिंग षुरू होने से पहले मुझे अपारषक्ति ख्ुाराना के साथ एक म्यूजिक वीडियो करने का अवसर मिला. मैने यह म्यूजिक वीडियो कैमरे के सामने काम करने का अनुभव लेने के मकसद से ही किया था. फिल्म ‘गिल्टी’ को काफी पसंद किया गया. इसके बाद मुझे वेब सीरीज ‘रे’ करने का अवसर मिला. और अब मैने ‘नेटफ्लिक्स’ की ही फिल्म ‘मोनिका
ओ माय डार्लिंग’ की. जो कि इन दिनों ‘नेटफ्लिक्स’ पर स्ट्ीम हो रही है.

फिल्म ‘मोनिका ओ माय डार्लिंग’’ करने की क्या वजह रही?

मैंने निर्देषक वासन बाला के साथ वेब सीरीज ‘रे’ की थी. फिर एक दिन उनका फोन आया कि एक मल्टीस्टारर फिल्म है, क्या मैं करना चाहॅंूगी? जब उन्होने मुझे राजकुमार राव,राधिका आप्टे व हुमा कुरेषी के नाम बताए,तो मैं उत्साहित हो गयी. तो मैने तुरंत कह दिया कि सोचने वाली क्या बात है. जब ऐसे बेहतरीन कलाकार हैं. फिर श्रीराम राघवन सर हों, तो मैं मना नही कर सकती. और जब पटकथा सुनायी गयी, तो वह भी कूल और बहुत ही अलग तरह की थी. मेेरे दिमाग में आया कि अगर मैं अच्छा काम कर पायी, तो लोग जरुर पसंद करंेगें. मैने इससे पहले डार्क व गंभीर किरदार निभाए थे और पहली बार मुझे इसमें काॅमेडी करने को मिला. काॅमेडी करना कठिन होता है. इतना ही नही अब लोग देख रहे हैं, और उन्हे भी अहसास हो रहा है कि इसमें मेरे किरदार का कोई एक डायमेंषन नही है. कुछ ग्रे है. कुछ कन्फ्यूजन है. मतलब इसमें मुझे अपने अंदर की प्रतिभा को निखारने के पूरे अवसर मुझे नजर आए थे. वही हुआ.

‘मोनिका ओ माय डार्लिंग’ को जितना पसंद किया जा रहा है,क्या उसकी आपको उम्मीद थी?

सच कहॅूं तो जब हम सभी कलाकारों ने इस फिल्म को देखा था, तब हम सभी को इसके हिट होने की उम्मीद नजर आ गयी थी. राज कुमार राव को फिल्म व मेरा काम पसंद आया. उसके बाद अनुराग कष्यप ने इस फिल्म को देखा. तब उन्होने भी तारीफ की थी. तो मेरे मन को संतुष्टि मिली थी कि फिल्म अच्छी है. लोगों को पसंद आएगी. पर इतनी पसंद आएगी, यह नहीं सोचा था. 

आपने वासन बाला के निर्देषन में फिल्म ‘मोनिका ओ माय डार्लिंग’ के अलावा वेब सीरीज ‘रे’ की है. उनमें आपको क्या खासियत नजर आयी?

उनका काम के प्रति पागल पन कमाल का है. मैने उनकी पहली फिल्म देखकर मन बना लिया था कि एक न एक दिन मुझे वासन बाला के साथ काम करना है. मैं खुषकिस्मत हूं कि मुझे उनके साथ दो प्रोजेक्ट करने के अवसर मिल गए. फिर वह भी अनुराग कष्यप जैसे फिल्मकारों के ‘स्कूल आफ थाॅट’ से आते हैं. वह फिल्में भी बहुत अलग तरह की बनाते हैं. मुझे लगता है कि उनका दिमाग कुछ अतरंगी ढंग से काम करता है. वह बहुत जीनियस हैं. मास्टरमाइड हंै. वह तो सिनेमा के दीवाने हैं.

आपको लगता है कि ओटीटी के आने से सिनेमा बदल गया है?

जी हाॅ! सौ प्रतिषत...अन्यथा हम ‘गिल्टी’ या ‘ रे ’ या ‘मोनिका ओ माय डार्लिंग’ जैसी फिल्मों की बात सोच नही सकते थे. ओटीटी के आने से पहले तो वही डांस युक्त बाॅलीवुड मसाला फिल्में ही बन रही थीं. अब तो हर प्रतिभाषाली कलाकार, निर्देषक, लेखक व संगीतकार को काम मिल रहा है. अब लोगों को उनकी प्रतिभा के बल पर काम मिल रहा है. ओटीटी पर बाक्स आफिस के नंबर का दबाव नही होता. फिलहाल ओटीटी पर टैलेंट और किरदार में फिट बैठने वाले कलाकारों को काम मिल रहा है. 

किसी किरदार को निभाने के लिए आप किस तरह से तैयारी करती हैं?

यह तो किरदार पर निर्भर करता है. मैने अब तक तीन किरदार निभाए. तीनांे के लिए अलग तरीका अपनाया. फिल्म ‘गिल्टी’ के लिए तो बहुत ही अलग तरीका था. ‘गिल्टी’ के लिए हमें काफी तैयारी करनी पड़ी. स्क्रिप्ट रीडिंग के अलावा बिहारी भाषा के टोन को पकड़ने के लिए हमने डायलेट कोच की मदद ली. लेकिन ‘मोनिका ओ माय डार्लिंग’ का किरदार और करेक्टराइजेषन बहुत अलग था. इसके लिए अलग तरीका अपनाया. देखिए, हर फिल्म के लिए किरदार की तैयारी करना निर्देषक की सोच के अनुसार होता है. कुछ निर्देषक स्क्रिप्ट रीडिंग पर कुछ वर्कषाॅप पर जोर देते हैं. किरदार में घुसने के लिए भी वर्कषाॅप किए हैं. तो निर्देषक व पटकथा के अनुसार हर किरदार के लिए तैयारी करने का तरीका अलग होता है. 

अब किस तरह के किरदार निभाना चाहती हैं?

मुझे हर तरह के किरदार निभाने हैं. मैने डार्क ,सीरियस व काॅमेडी कर ली. जबकि मैने कभी नहीं सोचा था कि मैं डार्क किरदार निभाते हुए कैरियर षुरू करुंगी. बाकी के भी किरदार धीरे धीरे करती रहूंगी. मुझे हर जाॅनर में काम करना है.

आपको टैरो कार्ड रीडिंग का षौक रहा है. आप खुद टैरो कार्ड रीडिंग और ज्योतिष में कितना यकीन करती हैं?

मुझे यह मम्मी से मिला है. पहले मैं भी टैरो कार्ड में बहुत ज्यादा यकीन करती थी. मेरी मम्मी न्यूमरोलाॅजी भी करती हैं. मैं अक्सर लोगो को उनके बारे मंे बताया करती थी, पर जब मैने खुद पर अपनाया,तो बात सही नहीं निकली. मैंने कुछ दूसरे मषहूर फेमष टैरो कार्ड रीडर से बात की. सिर्फ एक की ही बात सच निकली. तो मैं अब ज्यादा यकीन नही करती. मेरा ज्योतिष या टैरो कार्ड रीडिंग पर यकीन खत्म नहीं हुआ है, पर इस पेषे से जुड़े लोगों पर यकीन कम जरुर हुआ है. कोई ज्योतिषी मेरे बारे में कुछ बता सकता है, यह बात मुझे बहुत फैषिनेटिंग लगती है.

कुछ नया कर रही हैं?

मेरी अगली फिल्म की षूटिंग 2023 में षुरू होगी. फिलहाल इस बारे में अभी कुछ भी बताना उचित नही होगा. शौक? टीवी देखना, फिल्में देखना,पढ़ना, बैडमिंटन खेलना. टेनिस खेलना.

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