जब फिल्म 'The Kashmir Files' बन रही थी तब किसने सोचा था कि विवेक रंजन अग्निहोत्री की यह फिल्म न सिर्फ बॉलीवुड के अच्छे दिन वापस ले आयेगी बल्कि ऑस्कर्स 2023 की स्पर्धा में भी शामिल की जाएगी. इस अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए Anupam Kher को बेस्ट एक्टर कैटगरी में शॉर्ट लिस्ट किया गया है. Anupam Kher ने इस बारे में कहा कि शॉर्टलिस्ट करने का अर्थ फिल्म को नॉमिनेट करना नहीं है. हाँ, शॉर्टलिस्ट करना इस ओर एक कदम जरूर है जो बड़ी खुशी की बात है और हमे इस खुशी का भी जश्न मनाना चाहिए."
Anupam Kher ने यह भी कहा, "मैं बहुत हम्बल्ड महसूस कर रहा हूं. कश्मीर फाइल्स सिर्फ एक फिल्म नहीं बल्कि ये पांच लाख कश्मीरियों के पलायन और विस्थापित होने की दर्द भरी कहानी है. दुनिया की नजरों से कश्मीरी पंडितों के पलायन का दुख दर्द बरसों से छुपा हुआ था जो इस फिल्म के साथ उजागर हुई है. मुझे इस बात की बहुत खुशी कि यह फिल्म शॉर्ट लिस्टेड हुई और मुझे इसका बहुत संतोष है. शॉर्टलिस्ट होना भी हमारे लिए एक बड़ी जीत है."
अनुपम ने कितनी सही बात कही कि इतने वर्षो तक यह दर्द से भरी दास्तान गुम थी. अनुपम उस दर्द को खुद महसूस करते हैं क्योंकि वो भी इस दर्द से गुजर चुके हैं. शायद यही वज़ह है कि वे हर दर्द को सही भावनाओं के साथ व्यक्त करके दर्शकों का दिल जीत लेते हैं. कितनी अचरज की बात है कि Anupam Kher के जीवन की पहली फिल्म 'सारांश' को भी 57 ऑस्कर पुरस्कार के लिए भारत की तरफ से ऑफिशियल एन्ट्री के रूप में भेजा गया था. यह अलग बात है कि फाइनल में फिल्म ऑस्कर नहीं जीत पाई.
वैसे एक बार Anupam Kher ने कहा था कि पुरस्कारों से हालांकि बहुत खुशी और मान मिलता है लेकिन मेरा असली अवार्ड तो मेरे प्रशंसकों की खुशी और उनका प्यार है. 38 वर्ष हो गए अनुपम को बॉलीवुड में कदम रखे हुए. आज उनके पास सब कुछ है, दुनिया भर में इतनी शोहरत पाने के बाद अब ऑस्कर के लिए बतौर एक्टर उनका नाम जाना, यह एक और उपलब्धी है उस महान अभिनेता के लिए जो मुंबई आए थे जेब में सिर्फ 37 रुपये लेकर, जिन्होंने सर पर कोई छत ना होने और मुंबई में कोई पहचान ना होने के कारण कई रातें रेल्वे प्लैटफॉर्म में गुजारी थी.
फिर एक झुग्गी में किराये पर रहे और अभिनय जगत में आ जाने के काफी समय बाद तक उसी झुग्गी में रहते रहे और कोई उन्हें झुग्गी में पहचान ना ले इसलिए देर रात झुग्गी में लौटते थे, और मुँह अंधेरे निकल भी जाते थे. यह वही एक्टर है जिन्होंने महज़ 28 वर्ष की उम्र में 70 साल के बुजुर्ग की भूमिका फिल्म 'सारांश' में इस खूबी से की कि दुनिया दंग रह गई और तब सुपर एक्टर Anupam Kher का बॉलीवुड के आसमान में एक सूरज की तरह उदय हुआ. लेकिन यह फिल्म पाने के लिए भी उन्हें कितना दर्द सहना पड़ा यह सिर्फ अनुपम ही जानते हैं.
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उन्हें महेश भट्ट कृत 'सारांश' में रोल मिलने का आश्वासन दिया गया था. जिसके कारण अनुपम छह महीने तक रिहर्सल करते रहे लेकिन ऐन वक्त पर किसी और बड़े एक्टर को लिये जाने के कारण उन्हें फिल्म से निकाल दिया गया था. अनुपम इतने दुख , निराशा और गुस्से में भर गए कि हमेशा के लिए मुंबई छोड़ने का फैसला कर लिया. टैक्सी लेकर वे रेल्वे स्टेशन के लिए निकल पड़े थे, मुंबई में कभी ना लौटने के लिए, लेकिन जाने से पहले वे महेश भट्ट को खरी खोटी सुनाना चाहते थे, इसलिए उनसे मिलने पहुंच गए और उन्हें बताया कि सामने जो टैक्सी है, उसमें सामान रखा है और वे हमेशा के लिए मुंबई छोड़ रहे हैं.
जाने से पहले वो बताने आएँ है कि वे महेश भट्ट को धोखेबाज मानते हैं. यह कहते हुए अनुपम की आंखे भर आयी थी. और उन्होंने कहा, "आप सच्चाई पर यह फिल्म बना रहे हैं, लेकिन आपके जीवन में ही सच्चाई नहीं है. मैं ब्राह्मण हूँ और मैं आपको श्राप देता हूं." यह कहकर अनुपम मुड़ कर चलते बने लेकिन महेश भट्ट ने उन्हें रोक कर कहा, "यह फिल्म अब तुम ही करोगे." और तुरंत उन्होंने राजश्री वालों को फोन करके कह दिया कि अगर अनुपम को फिल्म में नहीं लिया जाएगा तो वो भी इस फिल्म का निर्देशन नहीं करेंगे. उसके बाद Anupam Kher ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
उन्होंने अब तक लगभग 530 फ़िल्में की, जिसमें एक्शन, कॉमेडी, ट्रेजेडी, हर तरह की फ़िल्में थी. उन्होंने हॉलीवुड फ़िल्मों में भी काम किया. उनकी सुपर हिट फ़िल्मों में तेजाब, शोला और शबनम, त्रिदेव, दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे, डैडी, राम लखन, अर्जुन, दिल, सौदागर, आखिरी रास्ता, बेटा, डर, हम आपके है कौन, कुछ कुछ होता है, क्या कहना, मुहब्बतें, संसार, हत्या, चालबाज, दिल है कि मानता नही, टॉयलेट एक प्रेम कथा, एम एस धोनी- 'कृष 3, देसी बॉयज, प्रेम रतन धन पायो, The Kashmir Files, ऊंचाई है. अनुपम को ऑस्कर अवार्ड मिले या ना मिले दर्शकों की तरफ से तो उन्हें ऑस्कर वाला प्यार, उनके दिलों में कब का मिल चुका है.