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* सूचना प्रसारण मंत्री ने सेंसर बोर्ड से पूछा सवाल.
* सेंसर प्रमुख पर दर्ज हुई FIR
* भगवद गीता और 'संभोग' सिनेमा इतिहास की सबसे बड़ी शर्मसार घटना !
हॉलीवुड की एक अमेरिकन फिल्म 'ओपनहाइमर' (OPPENHEIMER) इस समय देश के सिनेमा घरों में धड़ल्ले से चलाई जा रही है क्योंकि देश के फिल्म सेंसर बोर्ड ने उसे चलाने की अनुमति दिया हुआ है. 21जुलाई 2023 को रिलीज इस फिल्म को देखने वाले तब शकते में आ जाते हैं जब हीरो -हीरोइन के बीच एक संभोग दृश्य पूरा होते दिखाया जाता है. इस दृश्य में दिखाया गया है कि पति पत्नी संभोगरत हैं, पति के एक हाथ मे गीता है, दूसरे हाथ से वह रतिक्रिया में संलग्न है. पत्नी उसे कहती है कि जोर से ( संस्कृत के लिखे गीता श्लोक को) पढ़े.
किसी भी सनातन प्रेमी, देश प्रेमी या ईश्वरीय सत्ता में विस्वास रखने वाले व्यक्ति के लिए यह अ-सहज दृश्य है. लेकिन, भारत के फिल्म सेंसर बोर्ड (CBFC) ने इसे पास किया है. फ़िल्म थियेटरों में चल रही है और प्रोमोज पहले से ही दिखाए जा रहे हैं. ना इस बात पर सेंसर बोर्ड में बैठे अधिकारियों ने गौर किया और ना ही समय रहते, रिलीज से पूर्व सूचना मंत्रालय के माननीय मंत्री जी श्री अनुराग ठाकुर का ध्यान इस तरफ पहुचा. जब जंगल मे आग लग गई तब बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड बनकर मानीय मंत्री ने cbfc से सवाल पूछा है कि ये कैसे हुआ?
आइए, हम बताते हैं कैसे हुआ ! एक संस्था है 'सेव कल्चर सेव इंडिया फाउंडेशन' (save culture save india foundation- SCSIF) संस्था ने एक पत्र 22 जुलाई 2023 को सूचना प्रसारण मंत्रालय सहित और भी लोगों के पास भेजा ध्यान खींचने के लिए, तब मंत्रालय जागा और उसने सेंसर बोर्ड से पूछा है कि ये सब क्या हो रहा है? सेव इंडिया फाउंडेशन के फाउंडर हैं उदय महुआकर जो केंद्र सरकार में सूचना आयुक्त भी हैं. इस खबर के ट्वीट होते ही माननीय मंत्री जी ने सेंसर बोर्ड को निशाने पर लिया है. बतादें कि यह वही बोर्ड है जो पिछले दिनों 'आदिपुरुष' और उससे पहले अमीर खान की 'पीके' जैसी और कई फिल्में पास किया है जिसमे हिन्दू धर्म , देवी देवता और भारतीय संस्कृति का अपमान किया जाता रहा है. इसबार तो सेंसर की अंधेरगर्दी से देश का अपमान होरहा है. मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने यह नहीं कहा कि इस गलती के लिए सेंसर अध्यक्ष प्रसून जोशी को अपदस्थ किया जाना चाहिए. यह दृश्य पास करते सेंसर की कैंची टूट क्यों नही गयी? वह बोल दिए कि निर्माता इस दृश्य को निकाल दें.हालांकि प्रसून जोशी पर अब लोग एफआईआर (FIR) दर्ज करा रहे हैं.
Just in.
— Aroon Deep (@AroonDeep) July 19, 2023
Oppenheimer has been certified by the Central Board of Film Certification for theatrical release in India, a day before it is scheduled to come out.
Unexpectedly, it has received a U/A rating according to the CBFC website. #CBFCWatch pic.twitter.com/6WXDypAcPO
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फिल्म 'ओपनहाइमर' की कहानी सेक्स - कन्टेन्ट नहीं है, फिल्म में यह जबरन डाला गया दृश्य लगता है. फिल्म के निर्देशक क्रिस्टोफर नोलन अच्छी फिल्में (द डार्क नाइट राइजीज, टेनेट, इन्सेप्शन जैसी) देने के लिए जाने जाते हैं. अपनी नई फिल्म 'ओपनहाइमर' में वह भगवद गीता का अपमान कैसे कर बैठे, सोच से परे है. फिल्म के कलाकार हैं सिलियन मर्फी, रॉबर्ट डाउनी जूनियर, एमिली ब्लंट आदि. कहानी द्वितीय विश्व युद्ध के समय हिरोशिमा नागासाकी में एटॉमिक बम ब्लास्ट का टेस्ट करने वाले वैज्ञानिक जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर के जीवन से जुड़ी है. मैनहट्टन प्रोजेक्ट में एटॉमिक बम की सेक्रेट प्लानिंग में 'फादर ऑफ एटॉमिक बम' कहे जाने वाले ओपेन हाइमर' के जीवन से जुड़ी यह फिल्म भारत मे बम विस्फोट से कम नही है.हालांकि सिर्फ एक दृश्य है लेकिन भारत की आत्मा को निचोड़ देने वाला है. हीरोइन निःवस्त्र (नंगी) है. हीरो के हाथ में श्रीमद भगवद गीता की किताब है. हीरोइन पूछती है कौन सी भाषा है हीरो बोलता है संस्कृत है, वह उसी अवस्था मे हीरो के साथ रति क्रिया में जुड़ जाती है. बोलती है जोर से पढ़ो. यानी- गीता जैसी पवित्र किताब को संभोग के समय...उफ!
यह वो गीता है जिसकी हम अदालत में कसम खाते हैं. अनगिनित सन्यासी, ब्रह्मचारी, बिन व्याह किए व्रती इसका अनुशरण करते हैं. जिसकी मर्यादा सनातन है और जिसे भगवान कृष्ण के मुंह से निकला धर्मशास्त्र बोलते हैं. जिसकी प्रतियां प्रधान मंत्री मोदी जी ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के राष्ट्रपतियों को सदीक्षा भेंट दिया है. उस गीता का इतना बड़ा अपमान? फिल्म 'आदिपुरुष' में रामायण के राम, सीता, हनुमान का अपमान कराने के बाद अब देश कृष्ण की गीता का अपमान क्यों सहे? अंग्रेजी फिल्म 'ओपेनहाइमर' का भारत के बेख़ौफ़ सेंसर से अनुमति लेकर चलाया जाना देश का अपमान नहीं तो और क्या है?