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कला और कलाकार का सम्मान करना बॉलीवुड के प्रदेश महाराष्ट्र राज्य की अस्मिता में है. मशहूर कवि-गीतकार राजा नीलकंठ बधे के जन्मदिन (1 फरवरी) पर सरकार ने महाराष्ट्र प्रदेश का पेट्रियाटिक सांग कवि के पॉपुलर गीत 'महाराष्ट्र माझा' को 'महाराष्ट्र का स्टेट सांग' बनाए जाने की घोषणा किया है. यह गीत महाराष्ट्र दिवस के अवसर (1 मई) पर पूरे प्रदेश में बजाए जाने के लिए लागू कर दिया जाएगा.
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जब देश मे आजादी का अमृत महोत्सव मनाए जाने का समय चल रहा है. महाराष्ट्र सरकार ने अपने प्रदेश के सम्मान में स्टेट सांग की घोषणा किया है. महाराष्ट्र देश का 12वां राज्य हो गया है जिनका अपना प्रदेश- गीत होगा. इस राज्य गीत को राष्ट्र गीत के बाद हर उत्सव और आयोजनों में बजाया जाएगा और इस गीत को भी लोग वैसे ही सम्मान देंगे जैसे राष्ट्रगीत 'जनमन गन' के बजने पर दिया जाता है.
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"जय जय महाराष्ट्र माझा, गरजा महाराष्ट्र माझा" को कवि राजा नीलकंठ बधे ने लिखा था और कृष्णराव सबले ने गाया था जो 'साहिर' नाम से जाने जाते थे. इस गीत के संगीतकार थे श्री निवास खाले. गीत बहुत पॉपुलर हुआ और इसको पोलटिकल आयोजनों में बहुत समय से बजाया जाता है.इस गीत को बाद में बहुत लोगों ने अपनी आवाजों में गाया है. मूल गीत से दो स्टेंजा लेकर अब इसको महाराष्ट प्रदेश का पेट्रियोटिक गीत बनाया गया है.
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इस गीत को सभी ऑफिसियल और सेरिमोनीयल इवेंट्स में, स्कूलों में, स्टेट एसेम्बली में, आधिकारिक कार्यक्रमों में बजाया जाएगा. वैसे भी, महाराष्ट्र की पोलटिकल पार्टियां अपनी रैलियों और गेदरिंग में इस गीत को बजाती रही हैं. कवि-गीतकार राजा बधे बहुत लिटरेरी लेखक थे जो नागपुर की एक पुरानी बस्ती में रहते थे. इस लेखक को अब जाकर उनके 111 वें जन्मदिन पर यह सम्मान प्रदान किया गया है.
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महाराष्ट्र की गौरव गाथा बयां करने वाले इस गीत को छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्मोत्सव (19 फरवरी) पर ऑफिसियली स्वीकार किया जाएगा और 'महाराष्ट्र डे' से इसको अमल में लाना जरूरी माना जाएगा- "जय हो महाराष्ट्र माझा"
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