हाल ही में कुछ ऐसा हुआ जब फिल्ममेकर शेखर कपूर के ट्वीट से जावेद भड़क गए। यहां तक कि उन्होंने शेखर को दिमाग के डॉक्टर के पास जाने की नसीहत दे डाली। असल में शेखर कपूर ने शनिवार को एक ट्वीट कर लिखा था कि उन्हें इस देश में रिफ्यूजी जैसा महसूस होता है और उन्हें यहां के बुद्धिजीवियों से डर लगता है।
उन्होंने लिखा, 'बंटवारे के बाद एक रिफ्यूजी की तरह जिंदगी की शुरुआत की थी। माता-पिता ने बच्चों की जिंदगी बनाने के लिए सबकुछ दे दिया। हमेशा से बुद्धिजीवियों से डरता रहा। उन्होंने मुझे हमेशा छोटा महसूस करवाया। फिर अचानक से मेरी फिल्मों के बाद मुझे गले लगा लिया। मुझे आज भी उनसे डर लगता है। उनका गला सांप के काटने जैसा है। आज भी रिफ्यूजी जैसा हूं।'
जावेद अख्तर ने अगले ट्वीट में लिखा, 'आपका क्या मतलब है कि आप अभी भी रिफ्यूजी हैं। क्या आपका मतलब है कि आपको भारतीय नहीं बल्कि बाहर के व्यक्ति जैसा महसूस होता है और ये लगता है कि ये आपका देश नहीं है। अगर भारत में आपको रिफ्यूजी जैसा लग रहा है तो कहां नहीं लगेगा, पाकिस्तान में? ये मेलोड्रामा करना बंद करो।'
जावेद ने आगे लिखा, 'आप अपने आप को बीते कल से निष्पक्ष और आने वाले से निर्भय बताते हैं। कहते हैं कि आप आज में जीते हैं और वहीं आप कह रहे हैं कि आपको बंटवारे के बाद रिफ्यूजी जैसा लग रहा है और आप आज भी रिफ्यूजी हैं। इन दोनों बातों में फर्क देखने के लिए किसी को ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है।'
आपको बता दें कि शेखर कपूर ने 49 आर्टिस्ट्स के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए लेटर लिखने के बाद ये ट्वीट किए थे। हालांकि इस लेटर के बदले कंगना रनौत, प्रसून जोशी समेत 62 कलाकारों ने इसके जवाब में एक और लेटर लिखा था। यहां तक कि शनिवार को ही शेखर कपूर ने प्रधानमंत्री की तारीफ भी की थी।