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रिलीज़ से पहले ‘बाटला हाउस’ के कुछ सींस होंगे डिलीट, हाई कोर्ट का आदेश

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By Sangya Singh
रिलीज़ से पहले ‘बाटला हाउस’ के कुछ सींस होंगे डिलीट, हाई कोर्ट का आदेश
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जॉन अब्राहम स्टारर फिल्म बाटला हाउस को हाई कोर्ट की ओर से हरी झंडी मिल गई है। विवादित बाटला हाउस एनकाउंटर पर आधारित ये फिल्म 15 अगस्त को रिलीज होने जा रही है। बाटला हाउस एनकाउंटर केस में ट्रायल झेलने वाले आरिफ खान और ट्रायल कोर्ट से उम्रकैद की सजा पाने वाले शाहजाद अहमद ने फिल्म के कुछ हिस्सों पर आपत्ति जताई थी और एक पिटीशन फाइल की थी। इस पिटीशन में दावा किया गया है कि फिल्म में बम धमाकों और एनकाउंटर के बीच कनेक्शन दिखाया गया है जिससे उनके ट्रायल पर काफी फर्क पड़ सकता है।

जस्टिस विभु बाखरू ने कन्सेन्ट ऑर्डर पास किया है और फिल्ममेकर्स से इस मामले में कुछ सीन्स डिलीट करने के लिए कहा है। इस पिटीशन के फाइल होने के बाद जज और दोनों साइड के काउंसिल के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई थी। कोर्ट ने इस मामले को 4 घंटों तक सुना और फिर ये फैसला लिया गया कि फिल्म की शुरूआत में एक डिस्क्लेमर लगाया जाएगा कि ये फिल्म दिल्ली पुलिस द्वारा रिपोर्ट की गई घटनाओं पर आधारित है और ये कोई डॉक्यूमेंट्री नहीं है। इस डिस्क्लेमर को कई अलग-अलग भाषाओं में दिखाया जाएगा। फिल्म मेकर्स इस बात के लिए भी राजी हो गए हैं कि वे फिल्म से एक सीन को डिलीट करेंगे जिसमें एक शख्स बम बनाते हुए दिखाई दे रहा है।

इसके अलावा एक शख़्स अपनी आपबीती बताता है। इस सीन को भी डिलीट किया जाएगा। इसके अलावा फिल्म के मेकर्स मुजाहिद शब्द को भी डिलीट करेंगे। इसके अलावा डिस्क्लेमर में ये भी कहा गया है कि वे किसी भी पक्ष के विचारों का समर्थन नहीं करते हैं। कोर्ट ने ये भी कहा कि फिल्म के अंत में दिखाई देने वाले रियल लाइफ पुलिस ऑफिसर की फोटो को भी डिलीट किया जाए।

एडवोकेट नित्या रामाकृष्णन ने कहा कि इस फिल्म में बाटला हाउस के फ्लैट में बम बनाते हुए दिखाया गया है और फिल्म में कई रेफरेंस ऐसे हैं जिससे ऐसा लगता है कि देश में हुए कई ब्लास्ट्स को एनकाउंटर केस में आरोपी लोगों ने किए हैं। सीनियर एडवोकेट किशन कौल फिल्म के मेकर्स का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और उन्होंन इस मामले में कहा है कि ये फिल्म दो बड़ी घटनाओं पर आधारित है और फिल्म के बड़े हिस्से में मेन एक्टर की इमोशनल समस्याओं और स्ट्रेस को दिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिल्म के मेकर्स ने दोनों पक्षों को ईमानदारी से दिखाने की कोशिश की है।

गौरतलब है कि ये एनकाउंटर 19 सितंबर 2008 को हुआ था जब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बाटला हाउस में एक फ्लैट में रेड मारी थी। पुलिस वालों को टिप मिली थी कि दिल्ली के जामिया नगर इलाके में वे आतंकवादी मौजूद हैं जिन्होंने 13 सितंबर 2008 को दिल्ली में बम धमाके किए थे। इस रेड के दौरान इंस्पेक्टर एम सी शर्मा की मौत हो गई थी।

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