कबीर बेदी पहली बार दिखेंगे कन्नड़ फ़िल्म "कोरागज्जा" में जिसके निर्देशक सुधीर अत्तावर हैं

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By Mayapuri Desk
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कबीर बेदी पहली बार दिखेंगे कन्नड़ फ़िल्म "कोरागज्जा" में जिसके निर्देशक सुधीर अत्तावर हैं

कबीर बेदी ने बॉलीवुड के साथ साथ हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान रखने वाले कबीर बेदी अपनी जानदार आवाज के लिए भी विख्यात हैं. अब वह पहली बार एक कन्नड़ फ़िल्म में नज़र आएंगे, जो कंतारा जैसे सब्जेक्ट पर बन रही है. पिछले दिनों मुम्बई में वह इस फ़िल्म की डबिंग करते हुए देखे गए जहां उन्होंने इस पिक्चर की कहानी, अपने किरदार और अलग भाषा मे पहली बार कार्य करने का अनुभव साझा किया.

निर्माता त्रिविक्रम सापल्या और निर्देशक सुधीर अत्तावर की कन्नड़ फ़िल्म "करी हैदा? कोरागज्जा" दृथि क्रिएशन्स एंड सक्सेस फिल्म्स के बैनर तले बन रही है जिसमें कबीर बेदी के अलावा संदीप सोपारकर, साउथ स्टार्स श्रुति, भव्या और नवीन पडील इत्यादि ने काम किया है, भरत सूर्या और रितिका की यह पहली फ़िल्म है. फ़िल्म के संगीतकार सुधीर-कृष्णा हैं.फ़िल्म के एडिटर हैं सुरेश उर्स (बॉम्बे और दिल से ) और विद्याधर शेट्टी.

फ़िल्म के डायरेक्टर ने आगे कहा कि मैंने इस विषय पर काफी रिसर्च किया, उस आदिवासी समुदाय से बातचीत की, जिससे कई नई जानकारी मिली. दर्जनों निर्माता निर्देशक ने इस सब्जेक्ट पर फ़िल्म बनाने का प्रयास किया मगर भगवान के आशीर्वाद से मुझे इस विषय पर सिनेमा बनाने और कबीर बेदी जैसे लिजेंड्री ऎक्टर के साथ काम करने का अवसर मिला.

कबीर बेदी ने बताया कि यह प्रोजेक्ट बहुत अनूठा है. बेहतरीन कास्ट, कुशल निर्देशक और विज़नरी प्रोड्यूसर हैं. इसकी कहानी इतनी प्यारी है कि फ़िल्म दिलों को छू लेगी. कन्नड़ डायलॉग डिलीवरी और डबिंग में भी मेरा सौ प्रतिशत प्रयास रहा है कि मैं परफेक्ट लाइन्स बोलूं क्योंकि काम के प्रति परफेक्शन में मैं यकीन रखता हूँ.

इस कन्नड़ फ़िल्म में कबीर बेदी एक राजा के किरदार में नज़र आएंगे. उन्होंने बताया कि हालांकि राजा के रोल मैंने कई बार किए हैं लेकिन साउथ के राजा की भूमिका पहली बार निभाई है, जो मेरे लिए नया और खूबसूरत अनुभव है. एक कन्नड़ फ़िल्म में काम करना मेरे लिए बहुत अच्छा और ख़ास अनुभव रहा. यह 800 साल पूर्व के एक आदिवासी लड़के की कहानी है जिसे लोग आज पूजते हैं, उसके नाम का मंदिर बनाते हैं. इस कहानी की बहुत गहरी जड़ें हैं. मुझे खुशी है कि इस कहानी पर फ़िल्म बनी है. फ़िल्म के डायरेक्टर सुधीर अत्तावर कमाल के हैं जिन्होंने बड़ी बारीकी से इसे बनाया है और मुझे लगता है कि यह दर्शकों के दिलों को छुएगी. यह फ़िल्म भी कनतारा के ट्रेडिशन में आती है और हमें उम्मीद है कि ये फ़िल्म भी कनतारा जैसी सफलता हासिल करेगी.

फ़िल्म के निर्देशक सुधीर अत्तावर ने कहा कि कबीर बेदी जैसे दिग्गज अभिनेता के साथ काम करना मेरे लिए बड़े गर्व की बात रही, काफी अच्छा अनुभव रहा. जब मैंने उन्हें डर डर कर फ़िल्म की स्क्रिप्ट भेजी थी तो मुझे अंदाजा नहीं था कि वह यह भूमिका स्वीकार करेंगे या नहीं. लेकिन उन्होंने मेरे साथ काम करना मंजूर किया, मुझे बहुत सपोर्ट किया, उनसे मैंने बहुत कुछ सीखा. उनके लिए कन्नड़ भाषा के संवाद, उच्चारण करना बिल्कुल नया था. लेकिन उन्होंने बेहतरीन डायलॉग डिलीवरी की, डबिंग में भी जिस तरह अदायगी की, वह कमाल है. मैं यह कहूंगा कि मैंने इन्हें इस फ़िल्म में डायरेक्ट नहीं किया बल्कि कबीर सर से मुझे काफी सीखने का मौका मिला और यह मेरे लिए जीवन भर का लर्निंग एक्सपीरियंस रहा.

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