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कंगना रनौत को लेकर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसका नाम है 'जय श्रीराम'. इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे दशहरा के दिन रावण को तीर मारने में कंगना रणौत असफल रही और कैसे रावण का पुतला तीर खाने से पहले ही भरभरा का धराशायी हो गया. इस वीडियो को ट्रोल करने वालों में तरह तरह की टिप्पड़ियां हैं.मजेदार टिप्पड़ी यह रही कि 'रावण कंगना को देखकर डर गया' और धराशायी हो गया.'
दरअसल इस दशहरा के मौके पर दिल्ली की रामलीला मैदान में लवकुश रामलाल का आयोजन भव्य तैयारियों के साथ किया गया था. आयोजन के प्रारूप में इस वर्ष यहां रावण दहन की व्यवस्था में बदलाव किया गया था. 50 साल के रामलीला इतिहास में यहां पहली बार रावण का बध एक महिला के हाथों कराया जाना था. नारी सशक्तिकारण को गत दिनो महिला आरक्षण बिल संसद में पास होने के कारण बल मिला है.रामलीला समिति ने तय किया कि किसी फिल्म एक्ट्रेस के हाथों रावण का दहन कराया जाए. बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ऐसे ही मौकों पर याद की जाती हैं. संयोग से उनकी फिल्म 'तेजस' का इसी फ्राइडे को रिलीज शेड्यूल है.प्रचार के लिए कंगना घूम रही हैं गली गली, और यह मौका उन्हें राम जी की ही कृपा से मिला . कंगना ने मंच पर कहा भी- " देश के सबसे बड़े हीरो श्रीराम हैं. उनसे पहले ना कोई था ना होगा."
यहां तक तो सब ठीक था.जैसे ही कंगना धनुष से बाण मारने मंच की ओर बढ़ी, भगदड सी हुई, हलचल के कारण रावण का पुतला गिर गया. किसी ने कहा " कंगना के आने से रावण डर गया !" फिर से पुतले को सीधा खड़ा किया गया- जोडजाड़ कर. लेकिन, थमा नहीं. 'तेजस' की तारिका फिल्म की टीम के साथ मंच पर धनुष संभाली तो तीर कमान पर नही साध पा रही थी.तीर गिर गया, तीर फिर से उठाकर दिया गया, फिर गिर गया. तीसरी बार वह तीर धनुष पर रखकर खिंचती उससे पहले रावण का पुतला ही धरधरा कर गिर पड़ा.यानी- धनुष से तीर छूटने से पहले ही रावण धराशायी होगया. परंपरा को तोड़ने आयी, रामलीला मंच पर पधारी कंगना रावण- दहन नहीं करा सकी.इस वजह से सोशल मीडिया पर कंगना रणौत खूब ट्रोल हो रही हैं और कमेंट में लोग उनकी भदद पीट रहे हैं.
"हमारा विश्वास और श्रद्धा ही हमारे धर्म और भक्ति का आधार है.एक नहीं, सौ दो सौ कंगना आजाएं तब भी हमारी आस्था को नहीं तोड़ सकती." कहना है धार्मिक अनुष्ठानों के टीकाकार श्री सुशील अग्रवाल का. सुशील अग्रवाल की लिखी पुस्तक 'सुंदरकांड' का सरल हिंदी अनुवाद हाल ही में छपकर आया है. वह कहते हैं - "हमारी धार्मिक- सांस्कृतिक परंपराओं को तोड़ने वालों को ईश्वर स्वयम सबक दे देते हैं. रावण को राम ने मारा है उस परंपरा को बदलने की कोशिश होगी तो वही होगा जो कंगना को फेस करना पड़ा है."