कंगना रनौत ने जावेद अख्तर द्वारा किए गए मानहानि मामले पर रोक लगाने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया

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कंगना रनौत ने जावेद अख्तर द्वारा किए गए मानहानि मामले पर रोक लगाने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया

अभिनेत्री कंगना रनौत ने गीतकार जावेद अख्तर द्वारा अपने खिलाफ मानहानि के दायर किए गए मुकदमे को निरस्त करने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.ज्ञात हो कि कंगना और जावेद अख्तर के बीच का यह आरोप प्रत्यारोप का विवाद 8 साल पुराना है. अब जबकि कहा जा रहा है कि कंगना चुनाव लड़ने की तैयारियों में हैं, वे नहीं चाहती कि  उनके खिलाफ कोई मामला अदालत में चल रहा हो.न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ में यह मामला सुनवाई के लिए है.

अख्तर ने रिपब्लिक टीवी पर प्रसारित एक साक्षात्कार में रानौत द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ शिकायत दर्ज किया था. रानौत द्वारा की गई टिप्पणी उनके और अख्तर के बीच 2016 की बैठक के संबंध में थी. इस बीच, कंगना रानौत ने अख्तर के खिलाफ एक क्रॉस-शिकायत भी दर्ज किया था, जिसमें आपराधिक साजिश, जबरन वसूली और उसकी गोपनीयता पर हमला करने जैसे  आरोप लगाए गए थे.

24 जुलाई, 2023 को अंधेरी की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने अख्तर के खिलाफ जबरन वसूली का आरोप हटा दिया, लेकिन उसे आईपीसी की धारा 506 और 509 के तहत अपराध के संबंध में अदालत में पेश होने के लिए बुलाया.अख्तर ने डिंडोशी में सत्र न्यायालय के समक्ष समन आदेश को चुनौती देते हुए एक पुनरीक्षण दायर किया.

सत्र न्यायाधीश ने आदेश और कंगना रानौत की शिकायत से उत्पन्न आपराधिक कार्यवाही पर अख्तर के पुनरीक्षण आवेदन पर अंतिम सुनवाई होने तक रोक लगा दिया था. कंगना ने अब अधिवक्ता जय भारद्वाज के माध्यम से दायर अख्तर की शिकायत से उत्पन्न मुकदमे पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. उनकी याचिका के अनुसार, उनकी शिकायत और अख्तर की शिकायत दोनों एक ही घटना से उपजी हैं और इसलिए परस्पर विरोधी निर्णयों से बचने के लिए उन पर एक साथ मुकदमा चलाया जाना चाहिए.

उनकी याचिका के अनुसार, उनकी शिकायत से उत्पन्न कार्यवाही पर रोक लगा दी गई है जबकि अख्तर की शिकायत से उत्पन्न कार्यवाही जारी है और यह अन्यायपूर्ण है और प्राकृतिक न्याय के स्थापित सिद्धांतों के खिलाफ है.

अधिवक्ता के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, "यह रानौत का मामला है जो विवाद की सच्चाई को सामने लाएगा, न कि अख्तर का. यह न्याय के हित में होगा कि जब तक पुनरीक्षण आवेदन पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक अख्तर के मामले पर भी रोक लगा दी जाए."  रिजवान सिद्दीकी ने रेखांकित किया है.सब देखना है अदालत क्या फैसला देती है. हालांकि अब कंगना चाहती हैं जल्दी से यह मामला खत्म हो जाए.

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