शूजित सरकार से जानिए, अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना के साथ काम करने के अनुभव... By Mayapuri Desk 06 Nov 2020 | एडिट 06 Nov 2020 23:00 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर हास्य, ड्रामा और निरंतर मनोरंजन भरे उतार चढ़ावों से भरपूर फिल्म 'गुलाबो सिताबो' का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर देखने के लिए तैयार हो जाइए जिसकी व्यंग्य से भरी कहानी आपको लुभाएगी-हंसाएगी. यह प्रीमियर आप देख सकेंगे 8 नवंबर 2020 की दोपहर 12.00 बजे, सिर्फ सोनी मैक्स पर. इस फिल्म में केंद्रीय भूमिका अमिताभ बच्चन ने की है और उनका भरपूर साथ दिया है. युवा अभिनेता आयुष्मान खुराना ने. 'गुलाबो सिताबो' एक लैंडलॉर्ड और उसके किरायेदारों के बीच निरंतर चलने वाली नोंकझोंक की मजेदार कहानी है जिसका निर्देशन किया है शूजित सरकार ने. जुही चतुर्वेदी की लिखी इस फिल्म को राइजिंग सन फिल्म्स प्रोडक्शन के बैनर तले बनाया है रॉनी लहिरी और शील कुमार ने. शूजित सरकार से जानिए : अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना के साथ पहली बार काम करने के अनुभव “इन दोनों कलालारों के साथ मैं पहले काम कर चुका था इसलिए हमारे बीच एक जुड़ाव, परस्पर विश्वास और सहजता की भावना तो बनी ही हुई थी. यह भावना धीरे धीरे पनपती है, मेच्योर होती है क्योंकि यह क्रिएटिव प्रोसेस है. दोनों एक दूसरे को चुनौती देते रहते हैं. हम अमिताभ बच्चन को चुनौती देते हैं और वे हमें. स्वस्थ वर्किंग रिलेशनशिप के लिए यह जरूरी भी है. फिल्म का विजन ही ऐसा है जिसमें इन दोनों के बीच की केमिस्ट्री क्रेक होती रहे. इसके लिए थोड़ा समय जरूर लगा. अमिताभ बच्चन के साथ पहली पहली बार काम करने पर उनके प्रभामंडल से बाहर निकलने में थोड़ा वक्त तो लगता ही है. आयुष्मान खुराना में भी शुरू में यह झिझक थी पर धीरे धीरे सब ठीक हो गया. अमिताभ बच्चन ने भी उन्हें सहज कर दिया. दरअसल अमिताभ किसी पर हावी नहीं होते. वे बहुत सहज रहते हैं. ऐसा लग सकता है कि वे सहज नहीं हैं (हंसते हैं) लेकिन सेट पर वे पूरी तरह डायरेक्टर के अधीन रहते हैं. उनके सह कलाकार उनके साथ काम करने का भरपूर आनंद लेते हैं. मेरा क्रू मेरे लिए परिवार के समान है क्योंकि मैं लगभग हमेशा एक ही क्रू के साथ काम करता हूं. इसलिए आयुष्मान के लिए भी अनुभव यही था जैसे परिवार का ही कोई सदस्य फिर लौट आया हो.'' सोनी मैक्स पर 'गुलाबो सिताबो' का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर देखने की खास वजहें. शूजित सरकार का नज़रिया : ''मुझे बहुत से लोगों ने बताया कि फिल्म देखने के बाद उन्हें बड़ी वार्म फीलिंग हुई. अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की नयी जोड़ी उन्हें बहुत पसंद आई. यह देख कर मुझे भी खुशी हुई कि अमिताभ बच्चन आसानी से पहचान में नहीं आते. हमने यही कोशिश की थी और सफल रहे. मैंने यह फिल्म बड़ी गर्मजोशी के साथ बनाई है और मेरे लिए 'गुलाबो सिताबो' व्यंग्य है. मैं व्यंग्य फिल्म बनाना चाहता था और यह वैसी ही बनी है जैसी मैं चाहता था. यह उन सीधे सादे लोगों पर व्यंग्य है जिन्हें अपनी ज़िंदगी को लेकर रोज संघर्ष करना होता है. दो प्रमुख कैरेक्टर्स हैं-बांके, जो आयुष्मान खुराना ने किया है और मिर्ज़ा जो अमिताभ बने हैं. इनके अलावा दूसरे लोग भी हैं. मैंने एक ऐसी दुनिया सामने रखी है जो मेरे लिए पूरी तरह नई और चुनौतीपूर्ण थी. इस तरह की जगहों और इस तरह के के चरित्रों से मेरा पाला इससे पहले नहीं पड़ा. मैं लखनऊ को एक नए विजुअल फील के साथ एक्सप्लोर करना चाहता था. इस कोशिश को दर्शकों ने बहुत सराहा है.'' 'गुलाबो सिताबो' लखनऊ की बैकग्राउंड पर बनाई गई है. कहानी के मुख्य पात्र हैं मिर्ज़ा साहब (अमिताभ बच्चन) जो गिरने की हद तक जीर्ण शीर्ण हो चुकी एक हवेली के मालिक हैं. उनके बहुत से किराएदारों में से उनका सबसे ज़्यादा विरोध करने वाला है बांके (आयुष्मान खुराना). दोनों के बीच निरंतर कहासुनी होती रहती है, खासतौर पर किराए को लेकर. कहानी का एक मोड़ दर्शकों को चौंकाने वाला है और फिल्म खत्म होते होते एक खूबसूरत सबक सिखा जाता है. इसकी सपोर्टिंग कास्ट में हैं फारुख जेफर, सृष्टि श्रीवास्तव, विजय राज, टीना भाटिया, बृजेंद्र काला और पूर्णिमा शर्मा. 'गुलाबो सिताबो' मिर्ज़ा और बांके के बीच चलने वाली नोंकझोंक के बीच कहीं ज्यादा गहरी बात कह जाती है. इसकी मजबूत पटकथा और कुशल फोटोग्राफी दर्शक को मुग्ध किए रहती है. पुराने लखनऊ और इसकी पुरानी शानदार इमारतों, शहर की तंग गलियों के बीच दौड़ते टुक-टुक और साइकिल रिक्शों को फिल्म ने सुंदर रूप से दर्शाया है. अभिषेक मुखोपाध्याय ने अपने कुशल कैमरावर्क के जरिए नवाबी शहर की हर खूबी को बड़ी खूबसूरती से चित्रित किया है, जो कहती है-'मुस्कराइए कि आप लखनऊ में हैं.' #अमिताभ बच्चन #आयुष्मान खुराना #शूजित सरकार हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article