पॉपुलेशन फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के लोकप्रिय एडूटैनमेंट शो मैं कुछ भी कर सकती हूं के सीज़न 3 में एक अनोखी संकल्पना ‘लंबी सगाई' का इस्तेमाल किया गया है, जो शादी से पहले पार्टनर्स के बीच अधिक भागीदारी को बढ़ावा देता है. यह शो वर्तमान में राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन पर प्रसारित किया जा रहा है.
पॉपुलेशन फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया की एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर, पूनम मुत्तरेजा ने कहा, “भारत में युवा महिलाओं और पुरुषों के लिए विवाह की कानूनी उम्र क्रमशः 18 और 21 वर्ष होने के बावजूद, लड़कियों की जल्दी शादी करने की संस्कृति अभी भी है. बाल विवाह की प्रथा अभी भी देखी जा रही है. ऐसा इसलिए है क्योंकि अविवाहित महिलाओं को परिवार पर बोझ के रूप में देखा जाता है. लड़कियों को माता-पिता के घरों में मेहमान के रूप में देखा जाता है और वहीं ससुराल में उन्हें अवांछित मेहमान माना जाता है. लंबी सगाई महिलाओं को विवाह के लिए मानसिक रूप से तैयार होने के लिए पर्याप्त समय देती है. यह रिश्ते में सहज संचार, अधिक समझ और तत्परता को बढ़ावा देता है, जो एक स्वस्थ विवाह के महत्वपूर्ण पहलू हैं.'
शो एक युवा लड़की पन्ना की कहानी कहता है, जिसकी शादी उसकी होने वाली सास इसलिए तोड देती है क्योंकि कुछ लड़कों ने उसके साथ छेडछाड की थी. पन्ना का मंगेतर मिहिर अपनी मां और अन्य ग्रामीणों के विरोध के बावजूद उससे शादी करने के लिए तैयार है. जब पन्ना ने कहा कि उसे शादी के लिए कुछ साल इंतजार करना होगा, तो मिहिर ने कहा कि उनकी 'लंबी सगाई' उनके लिए बेहतर होगी.
यह एडूटनमेंट शो एक युवा डॉक्टर डॉ. स्नेहा माथुर की प्रेरक यात्रा के इर्द-गिर्द घूमता है, जो मुंबई में अपने आकर्षक करियर को छोड़ती है और अपने गांव में काम करने का फैसला करती है. यह शो डॉ. स्नेहा के उस लडाई पर केंद्रित है, जो सभी के लिए स्वास्थ्य संबंधी बेहतरीन गुणवत्ता सुनिश्चित करना चाहती है. उनके नेतृत्व में, गाँव की महिलाएँ सामूहिक कार्रवाई के ज़रिए अपनी आवाज़ उठाती हैं.
इस बार, आरईसी फाउंडेशन और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा इस लोकप्रिय एडूटैनमेंट शो के तीसरे सीजन का निर्माण करने के लिए पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया को समर्थन दिया गया है.